प्राथमिक स्कूलों का बदलेगा पाठ्यक्रम : गुणवत्ता सुधारने के मकसद से प्राथमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम में बदलाव और शिक्षकों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर यूपी सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के मकसद से प्राथमिक विद्यालयों के पाठ्यक्रम में बदलाव पर विचार कर रही है, साथ ही सरकार के पास शिक्षकों की संख्या बढ़ाने का भी प्रस्ताव है। प्रदेश की बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल का कहना है कि योगी आदित्यनाथ की सरकार सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने को प्रतिबद्ध है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में उम्मीद जतायी कि अगर बुनियादी ढांचा सुधार दिया जाए और पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ-साथ शिक्षकों की संख्या में इजाफा हो, तो सरकारी स्कूल के छात्र निजी स्कूल के छात्रों को टक्कर देंने में सक्षम होंगे।
उन्होंने बताया कि सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में काफी बदलाव हो रहा है। शिक्षक अब कक्षाओं में पढ़ाने लगे हैं और शिक्षण गतिविधियों की आउटसोर्सिग की प्रक्रि या पर रोक लगी है।उन्होंने कहा कि दाखिलों की संख्या बढ़ी है। भाजपा के प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद दस लाख से अधिक बच्चों ने दाखिला लिया है। यह दर्शाता है कि हम बच्चों को स्कूल तक लाने में सफल रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल चलो अभियान और खूब पढ़ो, आगे बढ़ो अभियान शुरू किये गये हैं, ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि हर बच्चा स्कूल जाए।
अनुपमा ने बताया कि सरकारी स्कूलों के बच्चों को यूनीफार्म दी गयी, जिससे उनमें आत्मविास बढ़ा। पहले सरकारी प्राथमिक स्कूलों के बच्चे जो यूनिफार्म पहनते थे, उसे देखकर लगता था कि वे छोटे होमगार्ड हैं। वह यूनिफार्म ठीक नहीं थी। उन्होंने बताया कि स्कूलों को निजी सार्वजनिक साझेदारी में विकसित करने का प्रस्ताव भी है। सांसद, विधायक और अन्य जन प्रतिनिधि स्कूल गोद ले रहे हैं। कुछ जगहों पर सरकारी अधिकारी भी बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यह प्राथमिक स्कूलों के लिए सुखद बदलाव है।
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