ShikshaMitra Primary Ka Master: शिक्षामित्रों के स्थानांतरण/ समायोजन के संबंध में शासनादेश जारी, देखें
शिक्षामित्रों की हो सकेगी घर वापसी, मूल विद्यालय में स्थानांतरण का शासनादेश जारी, जहां हैं वहां रहने का भी मिलेगा विकल्प
एक साल की नौकरी के बाद शिक्षामित्रों को मिलेगा एक नंबर का भारांक, तबादला/समायोजन के लिए मिलेगा 60 नंबर का भारांक
हर विद्यालय में शिक्षामित्रों के दो पद होंगे
मानव संपदा पोर्टल से ऐसे परिषदीय प्राथमिक विद्यालय जहां शिक्षामित्र न हों, उनमें शिक्षामित्र के दो पद चिह्नित किए जाएंगे। जहां एक शिक्षामित्र तैनात होंगे, वहां एक और शिक्षामित्र के पद चिह्नित किए जाएंगे।
दो शिक्षामित्रों के भारांक एक समान होने पर वरिष्ठता से होगा आवंटनः तबादला/समायोजन को लेकर दो या दो से अधिक शिक्षामित्रों के भारांक समान होने पर वरिष्ठतम शिक्षामित्र को नए विद्यालय आवंटन में वरीयता दी जाएगी।
लखनऊ। शिक्षामित्रों के तबादला/समायोजन के लिए शासन की ओर से भारांक तय किया गया है। एक पद के सापेक्ष एक से अधिक आवेदन प्राप्त होने पर 60 नंबर के भारांक के आधार पर तबादला किया जाएगा। इसमें एक साल की नौकरी के लिए एक नंबर (अधिकतम 20 नंबर) होंगे।
जबकि असाध्य या गंभीर रोग से ग्रसित शिक्षामित्र या उनके पति-पत्नी य अविवाहित बेटे बेटियों के लिए दस नंबर, दिव्यांग शिक्षामित्र या पति-पत्नी या अविवाहित बेटे-बेटियों के लिए 10 नंबर, एकल अभिभावक शिक्षामित्र को दस नंबर दिया जाएगा।
वहीं ऐसे शिक्षामित्र जिनके पति-पत्नी सरकारी सेवा केंद्रीय, प्रदेश सरकार या बेसिक शिक्षा के अधीन कार्यरत हैं, इन्हें भी 10 नंबर भारांक मिलेगा। शिक्षामित्रों के आवेदन पर डीएम की अध्यक्षता वाली समिति इसी भारांक के आधार पर तबादले का निर्णय लेगी। समिति में सीडीओ, डायट प्राचार्य, बीएसए व सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी समग्र शिक्षा भी होंगे।
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम ने महानिदेशक स्कूल शिक्षा से कहा है कि वे शिक्षामित्रों के तबादला/समायोजन के लिए विस्तृत समय सारिणी तैयार कर आगे की कार्यवाही जल्द सुनिश्चित करें। वहीं उत्तर प्रदेश शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला व महामंत्री सुशील कुमार यादव ने कहा कि सरकार ने लंबे समय से लंबित शिक्षामित्रों की एक मांग पूरी की है, हमारी मांग है कि सरकार जल्द मानदेय वृद्धि पर भी निर्णय ले।
Shikshamitra Transfer: यूपी के शिक्षामित्रों की मूल या नजदीक के विद्यालय में हो सकेगी वापसी, महिलाओं को ससुराल जाने का मिलेगा मौका; तबादले का शासनादेश जारी
शिक्षामित्रों को अपने वर्तमान कार्यरत विद्यालय में तैनात रहने का भी मिलेगा विकल्प
जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति निर्धारित भारांक व खाली पदों के सापेक्ष एनआईसी द्वारा विकसित साफ्टवेयर के माध्यम से होगी कार्यवाही
महिला शिक्षामित्रों को वर्तमान में कार्यरत विद्यालय में तैनात रहने, मूल विद्यालय जाने, उसी या दूसरे जिले में पति के घर के नजदीक विद्यालय में खाली शिक्षामित्र के पद पर तैनाती का विकल्प दिया जाएगा
लखनऊ । यूपी में 1.42 लाख शिक्षामित्रों को योगी सरकार ने नए साल का तोहफा दिया है। मूल या समीप के स्कूल में तबादला करा सकेंगे। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में तैनात शिक्षामित्रों को नए साल का तोहफा देते हुए शासन ने मूल विद्यालय (पहले तैनाती स्थल) वापसी का शासनादेश जारी कर दिया है। इसमें भी महिला शिक्षामित्रों को दोहरा लाभ मिलेगा। वह अपनी ससुराल के जिले में भी तैनाती पा सकेंगी। इतना ही नहीं सभी शिक्षामित्रों को अपने वर्तमान कार्यरत विद्यालय में तैनात रहने का भी विकल्प दिया जाएगा।
प्रदेश के 1.42 लाख शिक्षामित्र लंबे समय से मूल विद्यालय वापसी व मानदेय वृद्धि की मांग और इसके लिए आंदोलन कर रहे हैं। पिछले दिनों हुए आंदोलन के बाद शासन ने इस पर सकारात्मक कार्यवाही शुरू की। शासन ने शुक्रवार को शिक्षामित्रों के स्थानांतरण/ समायोजन का आदेश जारी कर दिया।
बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एमकेएस सुंदरम के अनुसार पुरुष शिक्षामित्र व अविवाहित शिक्षामित्रों को अपने वर्तमान विद्यालय में रहने, मूल विद्यालय में जाने, मूल विद्यालय में पद खाली न होने पर उस ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, वार्ड में चल रहे विद्यालय में खाली शिक्षामित्र पद पर विकल्प लेकर तैनाती दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि महिला शिक्षामित्रों को वर्तमान में कार्यरत विद्यालय में तैनात रहने, मूल विद्यालय जाने, उसी या दूसरे जिले में पति के घर (पति के निवास प्रमाण पत्र के आधार पर) की ग्राम सभा, पंचायत, वार्ड में परिषदीय विद्यालय में खाली शिक्षामित्र के पद पर तैनाती का विकल्प दिया जाएगा। जो शिक्षामित्र अपने वर्तमान में कार्यरत विद्यालय में ही काम करने का विकल्प देते हैं। ऐसे आवेदन पत्रों पर किसी कार्यवाही की जरूरत नहीं होगी।
वहीं अन्य तबादला व समायोजन के आवेदन पत्रों के आधार पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति निर्धारित भारांक व खाली पदों के सापेक्ष एनआईसी द्वारा विकसित साफ्टवेयर के माध्यम से कार्यवाही करेगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और उसके अनुसार ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
30 से 40 हजार को लाभ, 10 हजार है मानदेय
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में वर्तमान में 1.42 लाख शिक्षामित्र तैनात हैं। जुलाई 2018 में इनको शासन की ओर से मूल विद्यालय वापसी का अवसर दिया गया था। उस समय भी काफी संख्या में शिक्षामित्रों ने इसका लाभ लिया था। हालांकि 20 से 25 हजार शिक्षामित्र छूट गए थे। जबकि उस समय से अब तक काफी महिला शिक्षामित्रों की शादी हो चुकी है। ऐसे में इस बार लगभग 30 से 40 हजार शिक्षामित्रों को इसका लाभ मिलेगा। वर्तमान में इन्हें 10 हजार रुपये मानदेय मिलता है।
अधिकतर की पहली तैनाती उनके जिले में थी
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में सितंबर 2001 से 2010 के बीच में लगभग 1.72 लाख शिक्षामित्रों की तैनाती की गई थी। इसमें अधिकतर शिक्षामित्रों की पहले तैनाती उनके जिले में ही की गई थी। ऐसे में मूल विद्यालय वापसी का विकल्प मिलने का मतलब शिक्षामित्र अपने जिले में ही अब नौकरी कर सकेंगे।
ShikshaMitra Primary Ka Master: शिक्षामित्रों के स्थानांतरण/ समायोजन के संबंध में शासनादेश जारी, देखें
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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8:17 AM
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