भाषा शिक्षकों की सीधी भर्ती कराए सरकार, बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में भाषा शिक्षकों की नियुक्ति की मांग हुई फिर मुखर
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक स्कूलों में भाषा शिक्षकों की नियुक्ति की फिर मुखर हुई है। दावेदारों का कहना है कि सपा शासनकाल में उर्दू शिक्षकों की कई बार भर्तियां हुईं लेकिन, संस्कृत व अंग्रेजी की अनदेखी जारी है। प्रदेश सरकार तीनों भाषा शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ करे।
त्रिभाषा शिक्षक विकास वेलफेयर एसोसिएशन ने शुक्रवार को इस आशय का ज्ञापन बेसिक शिक्षा परिषद कार्यालय को सौंपा है। दावेदारों ने बताया कि भाषा शिक्षकों की सीधी भर्ती के लिए 31 मार्च को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले थे। उन्होंने यह नियुक्तियां शुरू करने का वादा भी किया लेकिन, अफसर कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं।
एसोसिएशन से जुड़े दावेदारों ने इसके बाद भी हार नहीं मानी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल आदि को भी भर्ती कराने का पत्र सौंपा है। साथ ही आरटीई एक्ट 2009 के अनुसार हर उच्च प्राथमिक स्कूल में भाषा शिक्षक की नियुक्ति अनिवार्य है। एनसीटीई की गाइडलाइन के अनुसार प्राथमिक से उच्च प्राथमिक स्कूल में प्रमोशन के लिए टीईटी भी अनिवार्य है। प्रदेश अध्यक्ष शिव प्रकाश अवस्थी का कहना है कि 18 दिसंबर को मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री से फिर मिलेंगे और यदि प्रक्रिया शुरू न हुई तो खून से पत्र लिखकर अफसरों की शिकायत करेंगे।
ज्ञानचंद्र सरोज ने बताया कि टीईटी में हर साल हजारों अभ्यर्थी इम्तिहान दे रहे हैं लेकिन, भर्तियां कराने पर सभी ने चुप्पी साध रखी है। वहीं, दूसरी ओर प्रदेश सरकार पहले ही तय कर चुकी है कि उच्च प्राथमिक स्कूलों में अब कोई सीधी भर्ती नहीं होगी। प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक खाली पदों के लिए पदोन्नत किए जाएंगे।
■ उच्च प्राथमिक स्कूलों में संस्कृत अंग्रेजी व उर्दू शिक्षकों का मामला
■ टीईटी में हर साल बैठ रहे हजारों अभ्यर्थी, अफसर नहीं सुन रहे
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