लाखों खर्च के बाद भी शिक्षकों की मंशा पर फिरा पानी, शासन ने जिले के अंदर समायोजन, तबादले और अंतर तबादलों की नीति भी बनाई लेकिन लाभ एक भी शिक्षक को नहीं मिला
इलाहाबाद : 78 हजार परिषदीय शिक्षकों की मंशा पर आखिरकार पानी फिर गया है। शासन ने जिले के अंदर समायोजन, जिले के अंदर तबादले और अंतर तबादलों की नीति भी बनाई लेकिन, उसका लाभ एक भी शिक्षक को नहीं मिला है। यही नहीं फेरबदल की यह पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होनी थी, ऐसे में वेबसाइट बनाने व आवेदन लेने में लाखों खर्च भी हुए, उसका नतीजा सिफर रहा है, अब सभी को नई तबादला नीति आने का इंतजार है।
शासन ने अफसरों के तबादलों से इतर बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए 13 जून 2017 को तबादला नीति जारी की थी। इसमें तीन चरणों में समायोजन व स्थानांतरण किए जाने के निर्देश हुए। हर जिले में तीन जोन भी बनाए गए । प्रदेश भर में अगस्त 2017 में जिले के अंदर समायोजन व स्थानांतरण के लिए 78 हजार शिक्षकों ने दावेदारी भी की। इस फेरबदल का आधार अप्रैल माह की छात्र संख्या को बनाया गया, शिक्षक जुलाई की छात्र संख्या को आधार बनाकर फेरबदल करने की मांग कर रहे थे।
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