संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्रों के बूते साढ़े चार हजार बने शिक्षक, तहकीकात में जुटी एसआइटी
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्रों के बूते साढ़े चार हजार बने शिक्षक, तहकीकात में जुटी एसआइटी
कितने फर्जी अभिलेखों के आधार पर नौकरी पाए, तहकीकात में जुटी एसआइटी, वर्ष 2004 से 2014 तक हुईं नियुक्तियों का मामला
आगरा के डॉ.भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004-05 के फर्जी और कूटरचित प्रमाणपत्रों के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में बड़े पैमाने पर शिक्षक पद पर नियुक्तियों का मामला उजागर करने के बाद पुलिस का विशेष जांच दल (एसआइटी) अब वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति के राजफाश में जुटा है।
एसआइटी ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्रों के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक पद पर नियुक्त हुए 4532 लोगों को चिह्न्ति किया है।
एसआइटी को शिकायत मिली थी कि आगरा के आंबेडकर विवि की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक बनने के लिए संस्कृत विवि के मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री और शिक्षाशास्त्री के फर्जी प्रमाणपत्रों का भी खूब इस्तेमाल हुआ है। फर्जी अभिलेखों के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में वर्ष 2004 से 2014 तक नियुक्तियां हुई हैं। इसी आधार पर जांच में एसआइटी ने ऐसे 4532 लोगों को चिह्न्ति किया है।
मंडलों में चिह्न्ति शिक्षकों की संख्या
वाराणसी-869, प्रयागराज-661, आजमगढ़-630, गोरखपुर-559, अयोध्या-372, बस्ती-334, मीरजापुर-230, देवीपाटन-207, लखनऊ-187, चित्रकूट-117, बरेली-95, झांसी-59, कानपुर-53, मुरादाबाद-43, आगरा-39, अलीगढ़-32, मेरठ-28, सहारनपुर-17
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्रों के बूते साढ़े चार हजार बने शिक्षक, तहकीकात में जुटी एसआइटी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:31 AM
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