स्कूल तक पहुंचाने के दावे के उलट शिक्षक बीआरसी से ढो रहे हैं किताबें
स्कूल तक पहुंचाने के दावे के उलट शिक्षक बीआरसी से ढो रहे हैं किताबें
शिक्षक बीआरसी से ढो रहे हैं किताबें, उपजा आक्रोश
● ब्लाक संसाधन केंद्र से किताबें उठाने का दिया आदेश कई किलोमीटर तक किताबें
● 100-100 किताबें के कई बंडल एक साथ लेकर चलना पड़ रहा शिक्षकों को
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से जारी निर्देशों में बच्चों को निशुल्क दी जाने वाली किताबें स्कूल तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी इसका उल्टा कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों को ब्लाक संसाधन केन्द्र से किताबें उठाने का फरमान सुना दिया है जबकि विभाग की और किताबें पहुंचाने के लिए लाखों रूपए किराया तक दिया जाता है। ऐसे में शिक्षकों में काफी रोष है।
( प्रतीकात्मक चित्र)
शिक्षकों का कहना है कि उनको दस-दस किलोमीटर तक किताबें उठाकर ले जाना पड़ रही हैं। महानिदेशक बेसिक शिक्षा की ओर से निर्देश जारी किए गए थे कि बच्चों की किताबें उनके स्कूल तक पहुंचाई जाए। अधिकारियों की मनमानी के चलते शिक्षक पहले बीआरसी पर पूरे दिन किताबों को छांटते हैं। फिर उनके बंडल बनाते हैं। इसके बाद अपना किराया खर्च करके उसे स्कूल तक ले जाकर बच्चों को बांटते हैं।
शिक्षकों का कहना है कि 100-100 बच्चों की किताबों के बंडल ले जाने में उनको पूरे रास्ते परेशानी का सामना करना पड़ता है। शिक्षकों का कहना है कि किताबें पहुंचाने के लिए जो किराये का पैसा ब्लाक में आता है। उसमें खेल करने के लिए शिक्षकों से किताबें उठवाई जा रही हैं।
इसे लेकर शिक्षक संगठनों ने बीएसए समेत महानिदेशक को पत्र भेज कर शिकायत की है। शिक्षकों का कहना है कि बीआरसी पर काफी संख्या में शिक्षक किताबें लेने आ जाते हैं। ऐसे में वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं हो पाता है। अधिकारी शिकायत करने पर उल्टे कार्रवाई की धमकी देते हैं।
स्कूल तक पहुंचाने के दावे के उलट शिक्षक बीआरसी से ढो रहे हैं किताबें
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:55 AM
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