पिछला पैसा मिला नहीं, फिर ड्रेस के लिए जोर

पिछला पैसा नहीं मिला, फिर ड्रेस के लिए जोर

पिछले साल के अवशेष 25 प्रतिशत भुगतान के लिए डिमांड भेजी गई है। इस साल यूनिफॉर्म वितरण के लिए बजट नहीं मिला है। शिक्षकों से एक जुलाई से यूनिफॉर्म वितरण की तैयारी करने को कहा गया है।

परिषदीय शिक्षकों पर यूनिफॉर्म वितरण का बनाया जा रहा दबाव स्वयं सहायता समूह परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों के शिक्षक बच्चों को यूनिफॉर्म बांटने के दबाव में परेशान हैं। न तो यूनिफॉर्म का पिछले साल का ही पूरा पैसा नहीं मिला है। इस साल का भी बजट जारी नहीं पिछले साल की 25 प्रतिशत रकम मिली हुआ है। ऐसे में शिक्षक यूनिफॉर्म वितरण की व्यवस्था कैसे करें। विद्यालय प्रबंधन समिति भी है और न इस साल के लिए कोई बजट जारी हुआ है, इसके बावजूद खंड शिक्षा अधिकारी शिक्षकों को व्हाट्सएप तैयार नहीं है। खंड शिक्षा अधिकारी अनावशयक दबाव बना रहे हैं। सिलवाने के दिए निर्देश पर मैसेज कर वेतन से कपड़ा खरीदकर सका है। ऐसी स्थिति में शिक्षक पुराने यूनिफॉर्म सिलवाने का निर्देश दे रहे हैं । ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की धमकी भी दी जा रही है। शासन प्रत्येक सेट यूनिफॉर्म के लिए 300 रुपये, 195 रुपये कपड़े खरीदने के लिए और 105 रुपये सिलाई के मद में, देता है। शिक्षकों ने पिछले साल भी यूनिफॉर्म बांटी थी लेकिन बहादुरपुर और बहरिया विकास खंड को छोड़कर अन्य 18 ब्लॉकों में से किसी का 25 प्रतिशत अवशेष राशि का भुगतान अभी नहीं हो दुकानदारों से उधार मांगने की स्थिति में भी नहीं है। जबकि खंड शिक्षाधिकारी लगातार कपड़ा वितरण कर स्वयं सहायता समूहों को सिलाई के लिए उपलब्ध कराने का दबाव बना रहे हैं। खंड शिक्षाधिकारी चाका डॉ.संतोष यादव ने शिक्षकों को व्हाट्सएप पर मैसेज भेजा है कि बच्चों का रोस्टर के अनुसार माप कराने व नियमानुसार कपड़े खरीद कर सिलाई के लिए देने के निर्देश 15 जून को ही दिए जा चुके हैं।
राजेंद्र सिंह, शिक्षक नेता
संजय कुशवाहा, बेसिक शिक्षा अधिकारी
विश्वास है कि आप सभी ने कपड़े खरीद कर सिलाई के लिए संबधित स्वयं सहायता समूह को दे दिया होगा। जिन लोगों ने अभी नहीं दिया है वे 6 जुलाई (सोमवार) को ही अनिवार्य रूप से कपड़ा उपलब्ध कराते हुए मुझे सूचित करें।जो प्रधानाध्यापक कपड़े समूह को उपलब्धनहीं कराते उनके नाम की सूची स्कूलों में अब तक नहीं पहुंचीं किताबें कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को बांटने के लिए किताबें अब तक स्कूलों में नहीं पहुंची हैं। पिछले वर्षों में अधिकारी शिक्षकों को ब्लॉक मुख्यालयों में बुलाकर किताबें ले जाने का फरमान देदिया करते थे। लेकिन इस साल सख्त निर्देश दिया गया है कि खंड मुख्य विकास अधिकारीकोदी जाएगी। शिक्षाधिकारी स्वयं किताबें स्कूल पहुंचवाएंगे। लेकिन अब तक किताबें प्रधानाध्यापकों को उपलब्ध नहीं हो सकी हैं। जिसके आधार पर किसी भी कार्रवाई के लिए संबंधित प्रधानाध्यापक स्वंय जिम्मेदार होगा।
पिछला पैसा मिला नहीं, फिर ड्रेस के लिए जोर Reviewed by ★★ on 5:19 AM Rating: 5

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