फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले परिषदीय शिक्षक को राहत नहीं, वेतन वसूली के आदेश पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार

फर्जी डिग्री पर नौकरी करने वाले परिषदीय शिक्षक को राहत नहीं, वेतन वसूली के आदेश पर रोक लगाने से कोर्ट का इनकार

 
इलाहाबाद हाई‌कोर्ट ने बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर परिषदीय विद्यालय में सहायक अध्यापक की नौकरी पाने वाले अध्यापक को राहत देने से इनकार करते हुए उसकी विशेष अपील खारिज कर दी है। कोर्ट वेतन की वसूली के आदेश पर रोक लगाने से भी इनकार कर दिया है।


मुख्य न्यायमूर्ति गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह आदेश मैनपुरी के विवेक उपाध्याय की विशेष अपील पर दिया है। अपील का बेसिक शिक्षा परिषद के वकील भूपेंद्र यादव ने प्रतिवाद किया।


याची ने जीएसएम कॉलेज फॉर एडवांस एजूकेशन मैनपुरी से सत्र 2007-08 की बीएड डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल की थी। बाद में जांच में पता चला कि जीएसएम कॉलेज को उक्त सत्र में बीएड पाठ्यक्रम की मान्यता ही नहीं मिली थी। न ही वहां से याची को कोई मार्कशीट या डिग्री ही जारी की गई थी। डिग्री फर्जी पाए जाने पर उसकी सेवा समाप्त करते हुए किए गए वेतन भुगतान की वसूली का आदेश जारी किया गया। इस आदेश के विरुद्ध याचिका एकल पीठ ने खारिज कर दी तो यह विशेष अपील दाखिल की गई। याची का कहना था कि वह अपनी सेवाएं दे चुका है इसलिए उसे किए गए वेतन भुगतान की वसूली पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया और अपील खारिज कर दी।
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