69000 सहायक अध्यापक भर्ती : 31277 पदों की नियुक्ति में गड़बड़ी मिली तो उसे सुधारेगी सरकार
69000 भर्ती : 31277 चयनितों के चयन में अधिक मेरिट की अनदेखी कर कम मेरिट के चयन के आरोप पर NIC से मांगा गया जवाब, सुनवाई की अगली तारीख 17 नवम्बर
हाईकोर्ट में यूपी सरकार ने माना, 31661 शिक्षकों के चयन में हुईं गलतियां
69000 सहायक अध्यापक भर्ती : 31277 पदों की नियुक्ति में गड़बड़ी मिली तो उसे सुधारेगी सरकार
प्रयागराज : राज्य सरकार ने 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में 31277 पदों पर नियुक्ति में कम अंक पाने वालों का चयन पाए जाने पर इसे सुधारने और अधिक अंक वालों की काउंसिलिंग कराकर उन्हें नियुक्ति देने तथा कम अंक वालों की नियुक्तियां रद्द करने को कहा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही इस मामले की सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बहस में बताया कि एनआईसी से इस सन्दर्भ में पड़ताल की गई है कि कम पद होने के बावजूद सूची जारी करने में किस प्रकार अनियमितता हो गई। उन्होंने कहा कि एनआईसी की रिपोर्ट आने के बाद यदि गड़बड़ी मिलती है तो उसे सुधारा जाएगा।
एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया कि ये सब नियुक्तियां अभी अंतिम नहीं हैं। इन पर पुनर्विचार हो सकता है। नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के अंतिम निर्णय के अधीन हैं। सुप्रीम कोर्ट में कट ऑफ मेरिट और शिक्षामित्रों के समायोजन का प्रकरण अभी लंबित है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से कम गुणांक वाले को नियुक्ति देने और अधिक गुणांक वालों को नियुक्ति नहीं देने का सवाल ही नहीं उठता है। यदि ऐसा हुआ है तो मेधावी अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग में बुलाकर अवसर दिया जाएगा। एडवोकेट जनरल ने यह भी कहा कि यदि कोई जांच रिपोर्ट होगी तो उसे अगली सुनवाई पर कोर्ट के समक्ष रखेंगे। साथ ही उस पर राज्य सरकार का स्टैंड भी स्पष्ट करेंगे।
एडवोकेट जनरल के इस बयान के बाद न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने कहा कि इस मामले में फिलहाल कोई आदेश करने की आवश्यकता नहीं है। इसी के साथ कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख लगा दी। संजय कुमार यादव व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान याचियों की ओर से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अनिल सिंह बिसेन आदि का कहना था कि नियुक्ति पत्र के लिए जारी की गई सूची में कई ऐसे मामले हैं जिनमें कम गुणांक वालों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए जबकि अधिक गुणांक पाने वाले चयन से बाहर हैं। याची ओबीसी कटेगरी के अभ्यर्थी हैं और उनसे कम गुणांक वाले को नियुक्ति पत्र दे दिया गया है।
प्रयागराज : 69000 सहायक अध्यापक भर्ती में 31,661 पदों पर चयन मामले में एनआइसी से जवाब मांगा जा रहा है कि आखिर कम मेरिट के लोगों को नियुक्ति मिलने का आरोप क्यों लग रहा है? इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से कोर्ट को बताया कि एनआइसी ने ही 67867 अनंतिम सूची से शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर 31661 पदों के सापेक्ष नई सूची जारी की है।
संजय कुमार यादव व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने महाधिवक्ता से पूछा कि शिक्षक भर्ती में अधिक मेरिट वालों की अनदेखी करके कम मेरिट वालों का चयन किया गया है?
इस पर महाधिवक्ता ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में ओएमआर शीट के मूल्यांकन से लेकर अनंतिम चयन सूची तक मैनुअल नहीं बनी है। शीर्ष कोर्ट के आदेश पर 31661 पदों पर चयन करने में भी एनआइसी ने साफ्टवेयर के जरिए अनंतिम सूची तैयार की है। इसमें 67867 की सूची से ही अभ्यर्थी चयनित हुए हैं, जब जून माह में 67 हजार अभ्यर्थियों की सूची जारी हुई थी, तब कोई विवाद नहीं था। उसी से यह रिजल्ट बना है तो इसमें कम मेरिट पर चयन कैसे हुआ, इस पर एनआइसी से जवाब मांग रहे हैं।
महाधिवक्ता ने कहा कि यदि कोई गड़बड़ी मिलती है तो कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि एनआइसी से रिपोर्ट आने में दो हफ्ते का समय लगेगा। याची पक्ष से अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अनिल सिंह बिसेन आदि का कहना था कि नियुक्ति पत्र देने के लिए जारी की गई सूची में बहुत से ऐसे मामले हैं जिनमें कम गुणांक वालों को नियुक्ति पत्र दे दिया गया है, जबकि अधिक गुणांक पाने वाले चयन से बाहर हैं। इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य सरकार से इस विसंगति के बारे में जवाब मांगा था। मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी।
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में 31661 पदों पर नियुक्ति के मामले में राज्य सरकार ने चयन में गलतियां होने की बात स्वीकार की है। सोमवार को हाईकोर्ट में सरकार की ओर से माना गया कि कम मेरिट के कुछ अभ्यर्थियों को नियुक्ति मिल गई जबकि अधिक मेरिट वालों को नहीं मिल सकी।
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बताया कि एनआईसी और बेसिक शिक्षा परिषद से हुई इस गलती के जांच के लिए सरकार ने कमेटी गठित कर दी है। उन्होंने कोर्ट को कि जो भी गलतियां हुई हैं, उन्हें सुधारा जाएगा और गलत चयन रद्द किए जाएंगे। महाधिवक्ता के इस बयान के बाद कोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख लगा दी।
संजय कुमार यादव व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अजीत कुमार ने एडवोकेट जनरल से उनका यह बयान दर्ज करने की बात पूछी तो उन्होंने इस पर सहमति दे दी और कहा कि सूची जारी करने में एनआईसी व बेसिक शिक्षा परिषद के स्तर से हुई गलती को सुधारा जाएगा तथा कम गुणांक वालों को दिए गए नियुक्ति पत्र निरस्त कर अधिक गुणांक पाने वालों का चयन किया जाएगा। याचियों के अधिवक्ता अग्निहोत्री कुमार त्रिपाठी, अनिल सिंह बिसेन आदि का कहना था कि नियुक्ति पत्र की जारी सूची में कई ऐसे मामले हैं जिनमें कम गुणांक वालों को नियुक्ति पत्र दे दिए गए जबकि अधिक गुणांक वाले चयन से बाहर हैं। इससे पूर्व कोर्ट ने राज्य सरकार से इस विसंगति के बारे में जवाब मांगा था।
69000 सहायक अध्यापक भर्ती : 31277 पदों की नियुक्ति में गड़बड़ी मिली तो उसे सुधारेगी सरकार
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:14 AM
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