31277 शिक्षक चयन पर संदेह के घेरे में NIC, कम मेरिट वाले भी कोर्ट की राह

31277 शिक्षक चयन पर संदेह के घेरे में NIC, कम मेरिट वाले भी कोर्ट की राह

 
प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में पहली बार एनआइसी सीधे तौर पर घेरे में है। शीर्ष कोर्ट ने 69 हजार शिक्षक भर्ती की अनंतिम चयन सूची से 31661 पदों को भरने का आदेश दिया था और शासन ने भी 67867 अभ्यर्थियों की सूची से जिलावार पद घटाने व चयनित तय करने का निर्देश दिया था। 31277 पदों की चयन सूची में किसी अभ्यर्थी का जिला नहीं बदला, बल्कि किसी जिले में बहुत कम और कहीं बहुत अधिक अभ्यर्थियों का चयन जरूर हुआ।


शिक्षक भर्ती की 12 अक्टूबर को वेबसाइट पर सूची जारी होते ही अधिक गुणांक वाले अभ्यर्थियों का चयन न होने का मुद्दा उठा। दैनिक जागरण में लगातार आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को बाहर करने की खबरें प्रकाशित हुईं। इनमें ज्यादातर वे अभ्यर्थी थे, जिनका चयन पहले अनारक्षित सीटों के सापेक्ष हुआ था। उन्हें अपने वर्ग तक में जगह नहीं दी गई। अधिक गुणांक होने पर भी चयन न होने से सूची पर विवाद बढ़ा।


 ताज्जुब यह है कि जब चयन 67867 अभ्यर्थियों की सूची से ही हुआ तो अधिक गुणांक वाले जिलों से बाहर कैसे हो गए? सूची तय करने में बेसिक शिक्षा परिषद के अफसर फामरूला सुझाते रहे हैं, जबकि उसे लागू करने का कार्य एनआइसी का है। यही वजह है कि शासनादेश जारी होने के बाद भी लंबे समय तक सूची बनने का कार्य शुरू नहीं हुआ। अनंतिम सूची में जिन जिलों में अधिक पद थे वहां कम चयन और जहां कम पद थे वहां अधिक अभ्यर्थियों का चयन हुआ।


कम मेरिट वाले भी जा सकते कोर्ट : अनंतिम सूची से कम मेरिट वाले बाहर कर अधिक वालों को जगह मिलेगी तो वे कोर्ट का रुख कर सकते हैं। दलील है कि वे 67867 चयन सूची में थे इसमें भी शामिल किया गया तो अब नियुक्ति रद क्यों हो रही है? इसमें उनकी गलती क्या है?। 
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