69000 भर्ती के अन्तर्गत अभ्यर्थियों के चयन/नियुक्ति प्रक्रिया में अभिलेखों की विसंगति के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण जारी
69000 भर्ती के अन्तर्गत अभ्यर्थियों के चयन/नियुक्ति प्रक्रिया में अभिलेखों की विसंगति के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण जारी।
69000 शिक्षक भर्ती : 1000 से ज्यादा अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्रों में गलतियों सुधारने का मौका देगी यूपी सरकार
69000 भर्ती में चयनितों के दस्तावेजों की जांच 06 महीने में होगी पूरी
अभिलेखीय विसंगतियों पर सुधार का मिला मौका, 9,10, व 11 दिसम्बर को पुनः काउन्सलिंग, जानिए किन्हें मिलेगी नियुक्ति और किनका चयन होगा निरस्त
69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में सभी चयनित अभ्यर्थियों के शैक्षिक दस्तावेजों, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र का सत्यापन छह महीने में कराया जाएगा। प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने पर संबंधित सहायक अध्यापक की नियुक्ति निरस्त कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
अंत: राज्य सरकार 69000 शिक्षक भर्तियों में गलतियों को ठीक करने का मौका देगी। एक हजार से ज्यादा ऐसे अभ्यर्थी थे, जिनके आवेदन और प्रमाणपत्रों में थोड़ी विसंगति थी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी कर दिया है। इन अभ्यर्थियों को 9 से 11 दिसम्बर तक काउंसिलिंग होगी। 12 को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा। इस काउंसिलिंग में वे अभ्यर्थी भी शामिल हो सकेंगे जो पहली दो काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पाए।
आदेश के मुताबिक, जिन अभ्यर्थियों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, स्नातक, प्रशिक्षण या टीईटी के अंकपत्र या प्रमाणपत्र में अंकित अभ्यर्थी के नाम या क्रमांक या फिर माता-पिता के नाम में यदि वर्तनी मूल अभिलेखों से भिन्न होगी तो उन्हें नियुक्ति पत्र दिया जाएगा लेकिन उन्हें अपने शैक्षिक अभिलेखों में 6 महीने के अंदर संशोधन करवा कर बीएसए कार्यालय में जमा करना होगा। यदि माता की जगह पिता या पिता की जगह माता का नाम है तो चयन किया जाएगा।
यदि मूल अंकपत्र के सापेक्ष कम प्राप्तांक भरा गया है तो उससे इस आशय का शपथ पत्र लिया जाएगा कि वह कम अंकों पर चयन से सहमत है और भविष्य में अधिक प्राप्तांक के आधार पर मेरिट परिवर्तन की मांग नहीं करेगा। यदि पूर्णांक अधिक भरा गया है तो भी चयन किया जाएगा।
ये भी हुए निर्णय
आईसीएसई और सीबीएसई के अभ्यर्थियों का बेस्ट 5 विषयों के अंकों के आधार पर औसत निर्धारित किया जाएगा।
28 मई, 2020 तक के बने हुए जाति व निवास प्रमाणपत्र ही मान्य
यदि अंकपत्र या प्रमाणपत्र गायब हो गया है और अभ्यर्थी के पास पर्याप्त साक्ष्य हैं तो उसे दिया जाएगा तीन महीने का समय, अंकपत्र या प्रमाणपत्र देने पर ही नियुक्ति पत्र होगा जारी
संदिग्ध दिव्यांग अभ्यर्थियों की जांच अनिवार्य रूप से एक महीने के अंदर जिला चिकित्सा बोर्ड करेगा, इसके बाद ही नियुक्ति पत्र होगा जारी
★ पता परिवर्तन का मिलेगा मौका
★ प्रोविजिनल प्रमाणपत्र पर नियुक्ति पत्र मिलेगा लेकिन तीन महीने में मूल प्रमाणपत्र करना होगा जमा
★ संस्थागत या व्यक्तिगत श्रेणी में गलती होने में नियुक्ति पत्र मिलेगा
★ जन्मतिथि में भिन्नता पर मूल अभिलेखों की जन्मतिथि के आधार पर होगा फैसला
निरस्त होगा चयन
◆ यदि आवेदन पत्र में वास्तविक अंक से अधिक प्राप्तांक भरे हैं
यदि प्रमाणपत्रों और आवेदन पत्र के नाम अलग-अलग होंगे
यदि पूर्णांक वास्तविक से कम भरा गया है क्योंकि इससे मेरिट प्रभावित होगी।
◆ शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत शिक्षकों का
◆ मूल प्रमाणपत्र वापस लेने वाले अभ्यर्थियों का
पुरुष की जगह महिला या महिला की जगह पुरुष अंकित करने वालों का
◆ वर्ग-श्रेणी जैसे अनारक्षित, एससी, एसटी या ओबीसी भरने में हुई गलती
◆ सीटेट में अंकों की भिन्नता होने पर
◆ महिला के दूसरी जाति में विवाह करने से उसकी जाति नहीं बदलती है। बल्कि जिस जाति में उसने जन्म लिया वही जाति मानी जाएगी। लिहाजा जिन महिलाओं ने अपने पति के जाति प्रमाणपत्र के आधार पर आरक्षण का लाभ लेते हुए चयन प्राप्त किया है, उनका चयन निरस्त होगा।
शिक्षामित्रों के विषय में
● सेवारत रहते हुए संस्थागत स्नातक किया है तो इसमें केस टू केस होगा निर्णय
● 10 वर्ष से कम अनुभव होने संबंधी प्रकरण में महानिदेशक शासन को प्रस्ताव देंगे।
● सेवारत रहते हुए व्यक्तिगत स्नातक किया है उसे काउंसिलिंग में मिलेगा मौका
● श्रेणी अंकित किए बिना चयनित 59 शिक्षामित्रों को मिलेगा नियुक्ति पत्र
● जिन 138 शिक्षामित्रों ने श्रेणी अंकित नहीं की, उनके बारे में महानिदेशक देंगे शासन को प्रस्ताव
69000 भर्ती के अन्तर्गत अभ्यर्थियों के चयन/नियुक्ति प्रक्रिया में अभिलेखों की विसंगति के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण जारी
Reviewed by sankalp gupta
on
8:38 PM
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