बीएड में प्रवेश की अवधि समाप्त, 60 हजार से ज्यादा सीटें रह गईं खाली

बीएड में प्रवेश की अवधि समाप्त, 60 हजार से ज्यादा सीटें रह गईं खाली


लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड 2020-22 में दाखिले के लिए काउंसिलिंग का अंतिम चरण शुक्रवार को समाप्त हो गया। सीधे दाखिले के इस चरण में अभ्यर्थियों का अच्छा रुझान देखने को मिला। बावजूद, 60 हजार 792 सीटें खाली रह गईं।

राज्य प्रवेश समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया कि इस साल दाखिले के लिए कुल 2,44,701 सीटें उपलब्ध थीं। अंतिम चरण समाप्त होने तक सिर्फ 1,83,909 सीटों पर दाखिले हुए। सीटें भरने के लिए अभ्यर्थियों को सीधे दाखिले के समय महाविद्यालय स्तर पर फीस भरने का मौका भी दिया गया था। 


इससे पहले अभ्यर्थियों को सीधे दाखिले के समय पूरी फीस एडवांस जमा करनी थी। सीधे दाखिले महाविद्यालय स्तर पर केवल बीएड काउंसिलिंग पोर्टल द्वारा ही हो रहे थे। काउंसिलिंग के इस चक्र में केवल वैध स्टेट-रैंक धारक अभ्यर्थी ही शामिल हो सकते थे। लविवि की ओर से बीएड की 2,41,831 सीटों के लिए हुई संयुक्त प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट पांच सितंबर को जारी हुआ था। प्रवेश परीक्षा में कुल 4,31,904 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इसमें से 3,57,701 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे।


स्ववित्तपोषित कॉलेजों के सामने चुनौती
बीएड कॉलेजों को नेशनल कॉउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन के मानकों का पालन करना होता है। इसके हिसाब से निर्धारित संख्या में शिक्षक आदि की व्यवस्था भी करनी होती है। कॉलेज अपना खर्च और शिक्षकों का वेतन विद्यार्थियों से मिली फीस से ही निकालते हैं। कम दाखिले होने पर स्ववित्तपोषित कॉलेजों का अर्थशास्त्र गड़बड़ा सकता है। कई कॉलेजों में सिर्फ नाममात्र के ही दाखिले हुए हैं। इनके सामने अपना खर्च निकालने की चुनौती है।
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