बेसिक शिक्षा में करोड़ों की हेराफेरी, 18 जिलों में कस्तूरबा विद्यालयों में अनियमितता उजागर होने पर जांच बिठाई

बेसिक शिक्षा में करोड़ों की हेराफेरी, 18 जिलों में कस्तूरबा विद्यालयों में अनियमितता उजागर होने पर जांच बिठाई


● छात्रओं की उपस्थिति दर्ज किए बिना केजीबीवी में करोड़ों का भुगतान

● आरोपितों के विरुद्ध आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी


लखनऊ : छात्रओं की उपस्थिति प्रेरणा पोर्टल पर दर्शाए बिना पिछले शैक्षिक सत्र में प्रदेश के 18 जिलों के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में भोजन, मेडिकल केयर/कंटीन्जेंसी तथा स्टेशनरी व शिक्षण सामग्री के मदों में 8.75 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च किए जाने का मामला सामने आया है। 


अनियमितता सामने आने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने इसकी जांच शुरू करा दी है। इस मामले में मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशकों (एडी बेसिक) से संबंधित जिलों में हुए भुगतान की जांच कर रिपोर्ट पांच जून तक महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजने का निर्देश दिया गया है। वही संबंधित जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भुगतान से जुड़े सभी साक्ष्य 15 जून तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

कोरोना आपदा के कारण पिछले सत्र में प्रदेश के सभी केजीबीवी को बीती 10 जनवरी से खोलने के निर्देश दिए गए थे। केजीबीवी आवासीय विद्यालय हैं, जिनमें आर्थिक रूप से कमजोर तबके की छात्रएं रहकर कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई करती हैं। सभी केजीबीवी में छात्रओं के भोजन, मेडिकल केयर/कंटीन्जेंसी तथा स्टेशनरी व शिक्षण सामग्री के मदों में खर्च के लिए दो महीने की धनराशि दी की गई थी।

कोरोना आपदा के कारण पिछले सत्र में ज्यादातर केजीबीवी में छात्रओं की उपस्थिति कम रही। लिहाजा ज्यादातर जिलों में केजीबीवी के लिए जारी की गई धनराशि का भोजन, मेडिकल केयर तथा शिक्षण सामग्री पर खर्च भी उसी अनुपात में रहा। पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के जरिये हुए भुगतान की जांच में पाया गया कि प्रदेश के 18 जिलों ने केजीबीवी के लिए जारी की गई लगभग शत-प्रतिशत धनराशि का इस्तेमाल कर लिया।

वहीं इन जिलों ने छात्रओं की उपस्थिति का कोई ब्यौरा प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया। यह स्थिति तब है, जब विभाग ने निर्देश दिया था कि प्रेरणा पोर्टल पर बालिकाओं की प्रतिदिन उपस्थिति के आधार पर ही जारी की गई धनराशि का भुगतान किया जाएगा।

महानिदेशक, स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि प्रेरणा पोर्टल पर छात्रओं की उपस्थिति का विवरण दर्ज न होने और अन्य जिलों की तुलना में अपेक्षाकृत कहीं ज्यादा भुगतान होने के कारण इस मामले की जांच कराई जा रही है।


18 जिलों में भुगतान (लाख रुपये में)
बरेली 84.12
बिजनौर 74.88
देवरिया 68.05
फतेहपुर 31.16
गोंडा 96.98
कासगंज 31.74
मऊ 23.96
मेरठ 26.43
मुरादाबाद 39.14
प्रतापगढ़ 76.31
रायबरेली 63.15
संतकबीरनगर 38.89
श्रवस्ती 26.44
सोनभद्र 46.18
सुल्तानपुर 44.86
उन्नाव 47.8
वाराणसी 37.05
गाजियाबाद 18

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