टाइम एण्ड मोशन स्टडी शासनादेश के आधार पर शैक्षणिक कार्यों के लिये समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में।

शैक्षिक सत्र में 240 दिन की पढ़ाई होगी अनिवार्य, शिक्षण अवधि में कोई भी अन्य कार्य करने पर पूरी तरह से रोक


परिषदीय विद्यालयों में प्रत्येक शैक्षिक सत्र में न्यूनतम 240 शिक्षण दिवस का संचालन करना अनिवार्य होगा। बीएसए को शैक्षणिक कैलेंडर का विश्लेषण कर 20 नवंबर तक रिपोर्ट स्कूल शिक्षा महानिदेशक को भेजनी होगी। शिक्षण अवधि में कोई भी अन्य कार्य करने पर डीजी ने पूरी तरह से रोक लगाई है।


परिषदीय विद्यालयों के संचालन, पढ़ाई के घंटे, शैक्षणिक समय, समय-सारिणी के अनुसार प्रत्येक कालांश का निर्धारण, शिक्षण दिवस, सार्वजनिक अवकाश, ग्रीष्मकालीन व शीतकालीन अवकाश के संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद से पूर्व में ही निर्देश जारी किए गए हैं। 

डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने पूरे शैक्षिक सत्र में न्यूनतम 240 शिक्षण दिवस का संचालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। शिक्षक शिक्षण अवधि से 15 मिनट पूर्व विद्यालय में उपस्थित होकर शिक्षण अवधि के बाद 30 मिनट तक विद्यालय में मौजूद रहकर पंजिका व अन्य अभिलेख अद्यतन करेंगे। निर्धारित शिक्षण अवधि में कोई भी शिक्षक परिसर से बाहर नहीं रहेगा।


विद्यालय से संबंधित बैंकिंग कार्यों के लिए ऑनलाइन सुविधा का उपयोग करना होगा बैंकिंग व अन्य कार्य जैसे पासबुक में एंट्री, ग्राम प्रधान से वार्ता के लिए शिक्षण अवधि में शिक्षक बाहर नहीं जा सकेंगे जन जागरूकता संबंधी कार्यक्रमों को भी शिक्षण अवधि के बाद ही कराया जाएगा निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, डीबीटी एवं अन्य किसी भी सामग्री के वितरण की कार्रवाई विद्यालय अवधि के बाद ही की जाएगी। सप्ताह में कम से कम एक बार प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में सभी शिक्षकों की बैठक होगी। बैठक में अगले सप्ताह की कार्ययोजना व ब्लॉक स्तर आयोजित मासिक समीक्षा बैठक में मिले निर्देशों के अनुपालन पर चर्चा होगी।

एसएमसी बैठक पीटीएम का आयोजन, शिक्षकों की ओर से होम विजिट्स भी विद्यालय अवधि के बाद ही होंगी शैक्षणिक अवधि में यदि कोई शिक्षक अनधिकृत रूप से अनुपस्थित पाया जाता है तो उसका वेतन काटने की कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन, बीएसए और बीईओ की ओर से अध्यापकों की कार्यालयीय कार्य के लिए किसी भी दशा में संबद्ध नहीं करने का भी निर्देश डीजी ने दिया।


फरमान :  ‘विद्यालय समय में न कोई रैली, न कोई सेमिनार, न कोई नवाचार गोष्ठी!

बेसिक शिक्षा विभाग से तय परीक्षाओं के अतिरिक्त किसी भी स्तर से परीक्षा आदि का आयोजन नहीं जा सकेगा किया


लखनऊ: यूपी की योगी सरकार ने बेसिक स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए बड़ी पहल शुरू की है। प्रदेश भर के स्कूलों की जांच के दौरान पता चला कि विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण को लेकर की जा रही कार्यवाही संतोषजनक नहीं है। मुख्यमंत्री योगी ने इसमें तेजी से सुधार के निर्देश दिए, जिसके बाद अब महानिदेशक, स्कूल शिक्षा की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।


उत्तर प्रदेश में बेसिक स्कूलों में 5 लाख 80 हजार 84 टीचरों के पद हैं। इन 5 लाख से ज्यादा शिक्षकों को विद्यालय में शिक्षण कार्य के अलावा भी कई अन्य कार्य करने होते हैं। इनमें विद्यालय से जुड़े मिड डे मील और छात्रों की कॉपी-किताब, स्कूल ड्रेस आदि की व्यवस्था कराना भी शामिल है। यही नहीं इन शिक्षकों की ड्यूटी समय-समय पर होने वाले विधानसभा, लोकसभा चुनावों से लेकर पल्स पोलियो, मतदाता सर्वेक्षण सहित तमाम अन्य दूसरे विभागीय कार्यों में भी लगाई जाती थी। यूपी में शिक्षक लगातार इसकी मांग कर रहे थे। अब योगी सरकार के दिशा-निर्देश आने के बाद उन्हे राहत मिली है।

ये हैं अहम दिशा-निर्देश

1. सभी टीचर शिक्षण अवधि से 15 मिनट पहले विद्यालय में उपस्थित होंगे एवं शिक्षण अवधि के बाद कम से कम 30 मिनट उपस्थित रहकर पंजिका तथा अन्य अभिलेख अपडेट करेंगे और अगले दिन की कक्षा शिक्षण की रूपरेखा तैयार करेंगे।

2. विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य की अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और नवाचार गोष्ठी का आयोजन नहीं किया जाएगा। यही नहीं शिक्षक किसी भी विभाग का हाउस होल्ड सर्वे भी नहीं करेंगे। ये अहम है क्योंकि चुनाव, मतगणना, पल्स पोलियो अभियान जैसे तमाम ऐसे दूसरे विभागों के काम थे, जिनमें शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती थी। ऐसे में स्कूल में पढ़ाई प्रभावित होती थी।

3. शिक्षकों को राज्य परियोजना कार्यालय और एससीईआरटी के प्रशिक्षणों में शामिल होना होगा लेकिन जिला या विकासखंड स्तर पर बीएसए प्रशिक्षण आयोजित नहीं करेंगे। हिदायत दी गई है कि अगर जिलों में इस तरह का कोई अनाधिकृत आयोजन होता है तो कार्रवाई भी की जाएगी।

4. नि:शुल्क पाठ्यपुस्तक सहित अन्य सामग्री का वितरण कार्यों को निर्देश है कि ये काम भी अब शिक्षण अवधि के बाद किया जाएगा।

5. परिषदीय शिक्षकों को जिला प्रशासन, बीएसए दफ्तर और खंड शिक्षा अधिकारी दफ्तर में संबद्ध नहीं किया जाएगा। यानी शिक्षक है तो स्कूल में ही तैनात होंगे।

6. शिक्षकों को वेतन, अवकाश, मेडिकल आदि से संबंधित समस्त कार्यों को भी ऑनलाइन ही करना होगा। इसके लिए एप्लीकेशन लेने या पैरवी करने के लिए उन्हें बीएसए दफ्तर जाने की जरूरत नहीं।

7. गैरहाजिर मिलने पर शिक्षक पर एक्शन और वेतन भी कटेगा। इसके अलावा विद्यालय से संबंधित बैंकिंग कार्यों जैसे- पासबुक में एंट्री, ग्राम प्रधान से वार्ता/एमडीएम संबंधी आवश्यकताओं एवं समन्वय बताकर तमाम विद्यालयों में शिक्षक बाहर रहते थे। इसके लिए भी साफ निर्देश हैं कि बैंकिंग आदि काम ऑनलाइन कीजिए। शिक्षण अवधि में टीचर स्कूल से बाहर नहीं जाएंगे।

8. सभी शिक्षकों को अपने काम पर ध्यान लगाने और विद्यालय का प्रदर्शन बेहतर करने पर जोर देना होगा। इसके तहत सप्ताह में कम से कम एक बार प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में विद्यालय के सभी शिक्षकों की बैठक होगी, जिसमें अगले सप्ताह की कार्ययोजना बनेगी साथ ही विकासखंड स्तर पर आयोजित मासिक समीक्षा बैठकों के निर्देशों के अनुपालन की समीक्षा की जाएगी।


परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई के घंटे के बारे में 20 नवम्बर तक मांगी रिपोर्ट

परिषदीय विद्यालयों में शिक्षण अवधि में नहीं होंगी रैलियां, DGSE ने चेताया 

बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किए विद्यालय संचालन के लिए दिशानिर्देश

शिक्षकों के गैरहाजिर मिलने पर की जाएगी कार्रवाई और वेतन भी कटेगा

शिक्षण अवधि में कोई भी शिक्षक विद्यालय से बाहर नहीं रहेंगे

 BSA या BEO अपने स्तर पर किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण  और परीक्षा  आयोजित नहीं कर सकेंगे

DGSE ने परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए निर्धारित समय-सारिणी के पालन के संबंध में 20 नवंबर तक मांगी रिपोर्ट 


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में निर्धारित शिक्षण अवधि में कोई भी शिक्षक विद्यालय प्रांगण से बाहर नहीं रहेगा। शिक्षक शिक्षण अवधि से 15 मिनट पूर्व विद्यालय में उपस्थित होंगे एवं शिक्षण अवधि के बाद कम से कम 30 मिनट उपस्थित रहकर पंजिका तथा अन्य अभिलेख अपडेट करेंगे और अगले दिन की कक्षा शिक्षण की रूपरेखा तैयार करेंगे। साप्ताहिक कैलेंडर का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। यदि शैक्षिक कैलेंडर में निर्धारित समय सारिणी का अनुपालन नहीं सुनिश्चित किया जा सका है तो इसकी प्रतिपूर्ति के अतिरिक्त क्लास की व्यवस्था की जाएगी।


इसके अलावा, शैक्षणिक कार्य अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और गोष्ठी का आयोजन नहीं होगा। छात्रों के पठन पाठन को लेकर सजग मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इसे अमल में लाने का निर्देश दिया गया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद की ओर से जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण को लेकर की जा रही कार्यवाही संतोषजनक नहीं है। ऐसे में सभी बेसिक शिक्षा अधिकारी अपने जनपद में इनका अनुपालन सुनिश्चित कराएं।


डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए निर्धारित समय-सारिणी के पालन के संबंध में 20 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है। शासनादेश में प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 240 शिक्षण दिवस का संचालन किया जाना अनिवार्य है। इसी तरह निशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, डीबीटी एवं अन्य किसी भी सामग्री के वितरण का कार्य विद्यालय अवधि के बाद ही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।


पत्र में ये भी निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों में शैक्षणिक कार्य की अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और नवाचार गोष्ठी का आयोजन भी नहीं हो सकेगा। इस दौरान शिक्षकों से किसी भी विभाग का हाउस होल्ड सर्वे भी नहीं कराया जाएगा। विद्यालयों में शिक्षकों के गैरहाजिर मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वेतन भी कटेगा। शिक्षकों को राज्य परियोजना कार्यालय और एससीईआरटी के प्रशिक्षणों में शामिल होना होगा। जिला या विकासखंड स्तर पर बीएसए या खंड शिक्षा अधिकारी किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण आयोजित नहीं करेंगे। अनाधिकृत प्रशिक्षण आयोजित करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निशुल्क पाठ्यपुस्तक सहित अन्य सामग्री का वितरण शिक्षण अवधि के बाद ही किया जाएगा। परिषदीय शिक्षकों को जिला प्रशासन, बीएसए दफ्तर और खंड शिक्षा अधिकारी दफ्तर में संबद्ध नहीं किया जाएगा।


विद्यालय से संबंधित बैंकिंग कार्यों हेतु ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। अत: बैंकिंग एवं अन्य कार्यों यथा पासबुक में एंट्री/अद्यावधिक कराया जाना, ग्राम प्रधान से वार्ता/एमडीएम संबंधी आवश्यकताओं एवं समन्वय आदि हेतु शिक्षण अवधि में शिक्षक विद्यालय परिसर से बाहर नहीं जाएंगे। शिक्षकों के वेतन, अवकाश, मेडिकल आदि से संबंधित समस्त कार्यों के ऑनलाइन निष्पादन हेतु मानव संपदा पोर्टल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। अत: अधिष्ठान संबंधी किसी कार्य के लिए शिक्षकों द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी अथवा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में व्यक्तिगत रूप से संपर्क नहीं किया जाएगा। 


सप्ताह में कम से कम एक बार प्रधानाध्यापक की अध्यक्षता में विद्यालय के सभी शिक्षकों की बैठक आहूत की जाएगी। इस बैठक में अगले सप्ताह की कार्ययोजना एवं विकासखंड स्तर पर आयोजित मासिक समीक्षा बैठकों के निदेशरें के अनुपालन की समीक्षा की जाएगी।


टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में 14 अगस्त 2020 को शासनादेश जारी किया गया था। शासनादेश में कहा गया था कि शैक्षणिक समय के अंतर्गत उल्लिखित समयानुसार प्रार्थना सभा / योगान्यास अवश्य कराया जाए। जिला प्रशासन, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपने स्तर से किसी तरह की परीक्षा आदि का आयोजन नहीं किया जाएगा। विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को बनाने के लिए अभिनव प्रयास किए जाएं। साथ ही यह भी अवश्य सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी ऐसी गतिविधि या क्रियाकलाप का आयोजन न किया जाए जिससे कि पठन-पाठन प्रतिकूल रूप से प्रभावित हो।


टाइम एण्ड मोशन स्टडी शासनादेश के आधार पर शैक्षणिक कार्यों के लिये समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में।





लखनऊ । डीजी स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने प्रदेश के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में पढ़ाई के घंटे समेत सभी शैक्षणिक कार्यों के लिए निर्धारित समय-सारिणी के पालन के संबंध में 20 नवंबर तक रिपोर्ट मांगी है।


बुधवार को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा है कि टाइम एंड मोशन स्टडी के आधार पर विद्यालयों में शैक्षणिक कार्यों के लिए समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में पूर्व में जारी शासनादेश के अनुपालन की स्थिति पर असंतोष जताया है।


शासनादेश में प्रत्येक शैक्षिक सत्र में 240 शिक्षण दिवस का संचालन किया जाना अनिवार्य है। इसी तरह निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, डीबीटी एवं अन्य किसी भी सामग्री के वितरण का कार्य विद्यालय अवधि के बाद ही किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।



लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में अब शैक्षणिक कार्य की अवधि में रैली, प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला और नवाचार गोष्ठी का आयोजन नहीं होगा। इस दौरान शिक्षकों से किसी भी विभाग का हाउस होल्ड सर्वे भी नहीं कराया जाएगा। विद्यालयों में शिक्षकों के गैरहाजिर मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और वेतन भी कटेगा। बुधवार को स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने परिषदीय विद्यालयों के संचालन के लिए ये दिशानिर्देश जारी किए हैं।


परिषदीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र में कम से कम 240 दिन शैक्षणिक कार्य कराया जाएगा। शिक्षकों को शिक्षण अवधि से 15 मिनट पहले विद्यालय पहुंचना होगा और छुट्टी के बाद 30 मिनट रुककर पंजिका संधारण व आगामी दिन की कक्षा शिक्षण की योजना बनानी होगी।  


शिक्षकों को राज्य परियोजना कार्यालय और एससीईआरटी के प्रशिक्षणों में शामिल होना होगा। जिला या विकासखंड स्तर पर बीएसए या खंड शिक्षा अधिकारी किसी भी प्रकार का प्रशिक्षण आयोजित नहीं करेंगे। अनाधिकृत प्रशिक्षण आयोजित करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। निशुल्क पाठ्यपुस्तक सहित अन्य सामग्री का वितरण शिक्षण अवधि के बाद ही किया जाएगा। परिषदीय शिक्षकों को जिला प्रशासन, बीएसए दफ्तर और खंड शिक्षा अधिकारी दफ्तर में संबद्ध नहीं किया जाएगा।


टाइम एण्ड मोशन स्टडी शासनादेश के आधार पर शैक्षणिक कार्यों के लिये समय अवधि एवं कार्य निर्धारण के संबंध में। Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:40 AM Rating: 5

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