माध्यमिक शिक्षा में अवकाश के दिनों में कार्य सम्पादित करने वाले कर्मियों को माह में अधिकतम 02 प्रतिकर अवकाश विद्यालय प्रधानाचार्य / प्रधानाचार्या द्वारा होगा स्वीकृत

माध्यमिक शिक्षा में छुट्टियों के लिए अब शपथ पत्र नहीं देना होगा


लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने राजकीय विद्यालयों के कार्मिकों के लिए छुट्टियों के आवेदन व स्वीकृति प्रक्रिया को सरल किया है। अब शिक्षकों-कर्मचारियों को किसी तरह की छुट्टी के लिए शपथ पत्र नहीं देना होगा। चिकित्सा प्रमाणपत्र देने के लिए अधिकृत अस्पतालों में सभी रजिस्टर्ड चिकित्सकों के भी प्रमाणपत्र मान्य होंगे। 

शासन ने निर्देश दिया है कि प्रधानाचार्य अर्जित अवकाश, चिकित्सा अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश के आवेदन दो दिन के अंदर डीआईओएस को भजेंगे। डीआईओएस इसे तीन दिन के अंदर स्वीकृत करेंगे। बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में अधिकतम 30 दिन के लिए ही मिलेगा। प्रधानाचार्य चुनाव, जनगणना, बोर्ड परीक्षा ड्यूटी, विद्यालय की परीक्षाओं के दौरान व उससे पांच दिन पहले के बाल्य देखभाल अवकाश के मामले डीआईओएस को भेजेंगे। वह इस पर निर्णय लेंगे। 

माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव उमेश चंद्र ने निर्देश दिया कि बाल्य देखभाल अवकाश एक साल में तीन बार से अधिक नहीं दिया जाएगा। वहीं, छुट्टी के दिन काम करने वाले शिक्षकों-कर्मचारियों को महीने में अधिकतम दो दिन ही प्रतिकर अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। वहीं, 24 फरवरी से शुरू होने वाली यूपी बोर्ड की परीक्षाओं के मद्देनजर शिक्षा परिषद के अधीन सभी सेवाओं में हड़ताल पर छह माह की अवधि के लिए रोक लगा दी गई है। 



राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के अवकाशों की प्रक्रिया का हुआ सरलीकरण, प्रतिमाह दो प्रतिकर अवकाश दे सकेंगे प्रधानाचार्य


• प्रधानाचार्य दो दिन में डीआइओएस को भेजेंगे अर्जित, चिकित्सा व बाल्य देखभाल अवकाश के आवेदन

• डीआइओएस अधिकतम तीन कार्यदिवस में अनिवार्य रूप से इसे स्वीकृत करेंगे


लखनऊ: राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों व कर्मियों को देय विभिन्न अवकाशों की प्रक्रिया का सरलीकरण कर दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि अवकाश के दिनों में कार्य करने वाले सरकारी माध्यमिक विद्यालयों के कर्मियों को प्रधानाचार्य प्रतिमाह अधिकतम दो प्रतिकर अवकाश स्वीकृत कर सकेंगे।

आदेश के अनुसार अर्जित अवकाश/चिकित्सा अवकाश बाल्य देखभाल अवकाश के प्रकरण को प्रधानाचार्य आवेदन तिथि से दो कार्य दिवस के भीतर जिला विद्यालय निरीक्षक को अनिवार्य रूप से अग्रसारित करेंगे। जिला विद्यालय निरीक्षक अधिकतम तीन कार्य दिवस के भीतर अनिवार्य रूप से इसे स्वीकृत करेंगे। किसी भी प्रकार के अवकाश प्रकरण के निस्तारण में स्टांप पेपर पर शपथ-पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। चिकित्सा प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए अधिकृत चिकित्सकों में समस्त रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर भी अनुमन्य होंगे।

बाल्य देखभाल अवकाश एक बार में सामान्यतया अधिकतम 30 दिनों के लिए दिया जाएगा। चुनाव/आपदा/जनगणना/बोर्ड परीक्षा ड्यूटी अथवा विद्यालयी परीक्षाओं की अवधि व उससे पांच दिन पूर्व की तिथियों में प्राप्त बाल्य देखभाल अवकाश के आवेदन को विद्यालय के प्रधानाचार्य जिला विद्यालय निरीक्षक को अग्रसारित कर सकेंगे और जिला विद्यालय निरीक्षक विचारोपरांत उसको निस्तारित करेंगे। इससे भिन्न अवधि के लिए प्राप्त बाल्य देखभाल अवकाश प्रकरणों (विद्यालय बंद होने की स्थिति को छोड़कर) को प्रधानाचार्य जिला विद्यालय निरीक्षक को अग्रसारित करेंगे, जिसको अनिवार्य रूप से स्वीकृत किया जाएगा।  बाल्य देखभाल अवकाश एक कैलेंडर वर्ष के दौरान तीन बार से अधिक नहीं दिया जाएगा। 



माध्यमिक शिक्षा में अवकाश के दिनों में कार्य सम्पादित करने वाले कर्मियों को माह में अधिकतम 02 प्रतिकर अवकाश विद्यालय प्रधानाचार्य / प्रधानाचार्या द्वारा होगा स्वीकृत


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