मूल तैनाती वाले स्कूलों में नहीं मिले तो होंगे निलंबित


  • शिक्षकों की संबद्धता के नाम पर चल रहे खेल पर लगेगी पाबंदी
  • एडी बेसिक अपने मण्डल में जांच कर निदेशालय को देंगे रिपोर्ट
लखनऊ। एक तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों की कमी है, वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों की संबद्धता का खेल चल रहा है। कई शिक्षक अपने मूल स्कूलों के बजाय दूसरे स्कूलों या फिर बीएसए ऑफिस में काम कर रहे हैं। बेसिक शिक्षा निदेशालय अब इसे रोकने का पुख्ता इंतजाम करने जा रहा है। इसके तहत एडी बेसिक अपने मंडलों में इसकी जांच करेंगे और मूल तैनाती वाले स्कूलों के बजाय दूसरे स्कूलों में पढ़ाने या फिर दफ्तर का काम करते हुए मिलने पर शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाएगा। इस संबंध में निदेशालय स्तर से शीघ्र ही शासनादेश जारी करने की तैयारी है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद छात्र शिक्षक अनुपात बदल दिया गया है। प्राइमरी में 30 बच्चों पर एक शिक्षक व उच्च प्राइमरी में 35 बच्चों पर एक शिक्षक रखने की व्यवस्था की गई है। जिलों में बीएसए शिक्षकों की तैनाती करता है। शासन ने शिक्षकों की संबद्धता पर रोक लगा रखी है। इसके बावजूद बीएसए ऊंची पहुंच वालों या फिर सेवा-पूजा करने वाले शिक्षकों को संबद्ध कर देते हैं। विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों से सटे स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती का खेल चलता है। इसके चलते खासकर ग्रामीण क्षेत्रों या फिर दूर-दराज के स्कूलों में शिक्षकों की अच्छी-खासी कमी बनी हुई है। इन स्कूलों में बच्चे आते तो हैं, लेकिन शिक्षकों के न होने पर लौट जाते हैं।
ऐसे में तय किया गया है कि मंडल स्तर पर इसकी जांच कराई जाए और इसकी जिम्मेदारी एडी बेसिक को सौंपी जाए। वह अपने से संबंधित जिलों का दौरा करेंगे। यदि कोई शिक्षक संबद्ध मिला तो उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया जाएगा। एडी बेसिक जांच रिपोर्ट निदेशालय को देंगे।
  • यह है खेल
शिक्षकों को संबद्ध करने का खेल काफी पुराना है। ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात होने वाले शिक्षक शहरी क्षेत्रों में अपनी तैनाती करा लेते हैं तो कई शिक्षक बीएसए ऑफिस, ब्लॉक आफिस, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) या फिर अन्य विभागीय कार्यालयों में खुद को संबद्ध करा लेते हैं। विभागीय जानकारों का कहना है कि ऐसे शिक्षक अमूमन बीएसए के कृपा पात्र होते हैं और बीएसए इनके माध्यम से ही लेन-देन करते हैं।
(साभार-:-अमर उजाला)

मूल तैनाती वाले स्कूलों में नहीं मिले तो होंगे निलंबित Reviewed by Brijesh Shrivastava on 4:30 PM Rating: 5

6 comments:

spmr said...

Kya sarkar ko mathe v science se adhik jaroori urdu ho gya .kya urdu teacher(4000)rakhane se mathe v science(29703)ki purti ho jayegi. Sarkar bevkuf hai ya ham. esaka faisala to ab ham berojgaro ko karna hi hoga ki kaon hai..............

Anonymous said...

Tty

Anonymous said...

T.E.T

Anonymous said...

Mai ek sm hai kya aap ko pata hai ki sm ki 3500 mandeh uchit hai

Anonymous said...

urdu ki ye 2 lakh nukti kr le about sbko court Jan hog tbd ye manage . 72 hajar fasa ha.tgt fasa ha.29 hjar fasa gya .sirf Urdu ki krege ye & voice bhi 60 sales tk

Anonymous said...

Urdu bharty honi hi nahi chahiye. chields ka pata hi nahi. Urdu bacche schools me hai hi nahi. bharty to desh ke sath majak hai. nagarpalika/ arigation/ energy/ safaee karmi me bharti ho education se door rakha jae RAJNITI KO. URDU BHARTI HI SARASAR GALAT HAI. HIGH COURT TO KYA SUPREME COURT JANA HO TO JAO. TURANT RAK LAGEGI JAI HO

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