डीएलएड में दाखिले को भरें ऑनलाइन विकल्प, सात लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने शुरू की दावेदारी, वेबसाइट पर दबाव होने के चलते तमाम छात्र नहीं जान सके रैंक

इलाहाबाद : डीएलएड (पूर्व बीटीसी) में दाखिला पाने की प्रक्रिया सोमवार दोपहर बाद से शुरू हो गई है। इस बार अभ्यर्थियों की ऑनलाइन काउंसिलिंग होनी है इसलिए वेबसाइट पर ही कालेजों का उन्हें विकल्प देना है। पहले दिन अधिकांश अभ्यर्थियों के विकल्प भरने व रैंक जानने के प्रयास में वेबसाइट www.updeled.gov.in  कई जगहों पर खुल नहीं सकी तो कुछ को पूरा विवरण अपलोड करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वेबसाइट रह-रहकर हैंग हो रही थी। 



यह प्रक्रिया रैंक के हिसाब से 15 सितंबर तक चलनी है। डीएलएड प्रशिक्षण 2017-18 में इस बार सवा दो लाख से अधिक सीटों पर प्रवेश होना है। इसके लिए एनआइसी ने वेबसाइट www.updeled.gov.in  तैयार किया है। वेबसाइट पर अभ्यर्थी सबसे पहले अपनी रैंक पता कर रहे हैं। इसमें 28 से 30 अगस्त तक एक से 40 हजार रैंक तक वाले अभ्यर्थियों को कालेजों का विकल्प देने का अवसर दिया गया है। इनके संस्था आवंटन की सूचना 31 अगस्त को वेबसाइट पर ही दी जाएगी। इसके बाद 40001 से एक लाख तक रैंक वाले और पूर्व के छूटे अभ्यर्थी एक से चार सितंबर तक कालेज आवंटन का विकल्प दे सकेंगे। 


परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह ने बताया कि अभ्यर्थियों को विकल्प चुनने की संख्या पर कोई बाध्यता नहीं है। वह एक बार में ही उपलब्ध सभी संस्थानों का विकल्प वरीयता के अनुसार दे सकता है। जिससे उसकी मेरिट के अनुसार किसी एक प्रशिक्षण संस्थान का आवंटन होगा। इसके लिए दो बार ऑनलाइन आवेदन लिए गए जिसमें कुल 7,19,429 अभ्यर्थियों ने दावेदारी की है।

वेबसाइट को लेकर हाहाकार : परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में इस समय दो प्रकार के आवेदन चल रहे हैं। टीईटी 2017 के लिए ऑनलाइन आवेदन और डीएलएड 2017 का कालेज विकल्प ऑनलाइन भरवाया जा रहा है। हालत यह है कि एक मिनट में करीब 15 हजार से अधिक अभ्यर्थी वेबसाइट पर आ रहे हैं इससे एनआइसी की दोनों वेबसाइट लगातार हैंग हो रही हैं। टीईटी में 70 हजार से अधिक आवेदन हो चुके हैं। हालत यह है कि दोनों प्रक्रिया एक साथ होने से परीक्षा नियामक सचिव को दोनों की समय सीमा बढ़ानी पड़ेगी, क्योंकि इसकी लगातार शिकायतें हो रही हैं।

डीएलएड में दाखिले को भरें ऑनलाइन विकल्प, सात लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने शुरू की दावेदारी, वेबसाइट पर दबाव होने के चलते तमाम छात्र नहीं जान सके रैंक Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 1 on 5:31 AM Rating: 5

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