बेसिक स्कूलों में भर्ती को प्रवेश परीक्षा का खाका तैयार, डायट प्राचार्यों से परीक्षा को मांगे सुझाव

बेसिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को प्रवेश परीक्षा से गुजरना होगा। दावेदारों की बढ़ती संख्या पर अंकुश लगाने की पहल में सरकार को कामयाबी मिल सकेगी या नही, यह यक्ष प्रश्न अभी बना हुआ है। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने प्रवेश परीक्षा के प्रारूप को अंतिम रूप देने के लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से सुझाव मांगे हैं।

इन स्कूलों में शिक्षक की पात्रता पूर्व में दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण था। प्रशिक्षण के लिए अभ्यर्थियों को चयन प्रवेश परीक्षा के आधार पर किया जाता था। एक दशक पूर्व इसमें बदलाव करते हुए बीटीसी प्रवेश परीक्षा समाप्त कर दी गई। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा चयन का आधार हाईस्कूल, इंटर व स्नातक के अंकों की मेरिट कर दिया गया। तीन दशक पहले हालात ये थे कि बीटीसी प्रशिक्षण को नौकरी की गारंटी माना जाने लगा। इसके पीछे बड़ा कारण प्रतिवर्ष सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों की की संख्या अधिक थी जबकि प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थी कम थे। बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की 1998 में पहली बार विशिष्ट बीटीसी के माध्यम से भर्ती का मार्ग प्रशस्त किया गया। इसके बाद दो बार विशिष्ट बीटीसी से शिक्षकों की नियुक्ति की गई। एक दशक पूर्व निजी कालेजों को मान्यता देने का शुरू हुआ सिलसिला अभी बदस्तूर जारी है।

टीईटी से आरंभ हुआ सिलसिला: वर्ष-2011 में प्राथमिक स्कूलों में पहली बार टीईटी परीक्षा कराई गई थी और इसके लिए बीएड डिग्रीधारकों को पात्र माना गया था। इसके बाद सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए ली जाने वाली शिक्षक पात्रता परीक्षा की अर्हता में बीटीसी प्रशिक्षण तथा उच्च प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक पात्रता परीक्षा में बीएड को अनिवार्य किया। बेसिक स्कूलों में शिक्षक भर्ती के लिए माध्यमिक की तर्ज पर आयोग बनाने की कसरत गत पांच वर्षों से चल रही थी, लेकिन यह प्रयास मुकाम तक नही पहुंच सके।

अब प्रवेश परीक्षा से शिक्षक भर्ती: राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा शिक्षक भर्ती हेतु प्रवेश परीक्षा के लिए प्रारूप तैयार किया गया है। इस प्रारूप के अनुसार प्रश्नपत्र में आब्जेक्टिव व सब्जेक्टिव दोनों प्रकार के प्रश्न रखे गए हैं। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्यों से इस पर सुझाव मांगे गए हैं। बताते हैं कि इसके बाद प्रवेश परीक्षा के प्रारूप पर अंतिम मोहर लगाई जायेगी।’

डायट प्राचार्यों से परीक्षा को मांगे सुझाव आब्जेक्टिव के साथ सब्जेक्टिव भी पेपर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निर्देशानुसार परीक्षा प्रारूप पर सुझाव मांगे गए है, जिन्हें जल्द ही भेज दिया जायेगा।अनुराधा शर्मा, प्राचार्या जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान।

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