परिषदीय शिक्षकों की ऑनलाइन अवकाश प्रक्रिया में विलंब एवं अपारदर्शिता पर आवश्यक कार्यवाही हेतु महानिदेशक स्कूल शिक्षा का आदेश जारी

परिषदीय शिक्षकों की ऑनलाइन अवकाश प्रक्रिया में विलंब एवं अपारदर्शिता पर आवश्यक कार्यवाही हेतु महानिदेशक स्कूल शिक्षा का आदेश जारी

ध्यान दें:-

■ स0अ0 की लगातार 4 CL तक हेडमास्टर ही करेंगे स्वीकृत।


■ 4 से अधिक CL लगातार लेने पर हेडमास्टर द्वारा बीईओ को एप्लीकेशन फॉरवर्ड होगी एवं बीईओ स्वीकृत करेंगे।


■ हेडमास्टर की प्रत्येक CL बीईओ ही करेंगे स्वीकृत।


■ CL स्वीकृत / अस्वीकृत करने में अधिकतम एक दिन का समय है निर्धारित। जबकि प्रदेश स्तर पर एवरेज 100 दिन का लग रहा समय।


■ मेडिकल/सीसीएल अवकाश पर अधिकतम 2 दिन में बीईओ को और ततपश्चात 2 दिन में बीएसए को करनी होती है कार्यवाही। जबकि प्रदेश स्तर पर क्रमशः एवरेज 200 व 50 दिन का लग रहा समय।


■ अवकाश पर निर्धारित अवधि में कार्यवाही नहीं करने पर बीईओ/बीएसए के उत्तरदायित्व निर्धारण की होगी कार्यवाही।


■ अवकाश अस्वीकृत करने पर करनी होगी स्प्ष्ट टिप्पणी।


बेसिक शिक्षा विभाग में अवकाश के नाम पर देरी और शोषण, मानव संपदा पोर्टल की समीक्षा में सामने आई मनमानी

अवकाशों की देर से मंजूरी पर महानिदेशक ने पत्र लिख BSA / BEO को चेताया, शासनादेश का करें पालन


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अवकाश स्वीकृति में देरी पर नपेंगे बीईओ,  DGSE  ने समीक्षा बाद भेजे निर्देश


प्रयागराज : परिषदीय विद्यालयों में मानव संपदा पोर्टल के जरिए अवकाश के लिए आवेदन की प्रक्रिया तय है। इसका निस्तारण बीईओ, बीएसए को निर्धारित समय में करना है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक की तरफ से जारी निर्देश में कहा गया है कि पोर्टल पर मिला शिकायतों के विश्लेषण से पता चला है कि अवकाश स्वीकृति में अनियमितता बरती जा रहा है। यदि किसी प्रकरण को चार दिन से अधिक रोका गया तो बीईओ पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

समीक्षा में सामने आया है कि चार दिन से कम के सीएल भी बीईओ को आवेदित किए जा रहे हैं। जबकि चार दिन तक के अवकाश का आवेदन प्रधानाध्यापक्त व उससे अधिक के लिए बीईओ को मंजूरी देने की व्यवस्था है। आकस्मिक अवकाश की स्वीकृति या अस्वीकृति में एक दिन से अधिक का समय लग रहा है, जो ठौक नहीं है। चिकित्सा अवकाश के संबंध में कहा कि चिकित्सा प्रमाणपत्र अपलोड होने के चार दिन के भीतर सक्षम अधिकारी उसे स्वीकृत कर दें। अभी देखा जा रहा है कि 200 से अधिक दिनों का टर्न एराउंड टाइम (टीएटी) प्रदर्शित है। मानव संपदा पोर्टल के क्रियान्वयन व अवकाश स्वीकृति में शिक्षकों को किसी भी तरह की असुविधा न हो।

बात्य देखभाल अवकाश की स्वीकृति भी तय समय में हो
बाल्य देखभाल अवकाश की स्वीकृति या अस्वीकृति भी चार दिन में बीईओ व बीएसए को करनी है। कई ब्लाकों में देखा जा रहा है कि 50 से अधिक दिन टर्न एराउंड टाइम (टीएटी) प्रदर्शित है । यह शासनादेश की अवहेलना है। कुछ खंड शिक्षाधिकारी शिक्षकों के आवेदित अवकाश को बिना किसी टिप्पणी के अस्वीकार कर देते हैं। ऐसा करना अपारदर्शिता है। शासनादेश का उल्लंघन भी है।


 परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों का चार दिन तक का अवकाश प्रधानाध्यापक स्वीकृत करेंगे। इससे अधिक होने पर बीईओ करेंगे। यदि किसी कारणवश अवकाश अस्वीकृत करते हैं तो संबंधित अधिकारी को इसके लिए स्पष्ट टिप्पणी देते हुए कारण बताना होगा। समय अवधि निर्धारित होने के बावजूद कई जनपदों में इसका उल्लंघन हो रहा है। मानव संपदा पोर्टल की समीक्षा में बेसिक शिक्षा विभाग में अवकाश के नाम पर देरी व शोषण के मामले सामने आने पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बेसिक शिक्षाधिकारियों व खंड शिक्षाधिकारियों को चेतावनी देते हुए सुधार के निर्देश दिए हैं।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने बीएसए व बीईओ को दिए निर्देश

शासन स्तर पर गत दिनों परिषदीय स्कूलों में आकस्मिक अवकाश, चिकित्सा अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश के आवेदनों की समीक्षा की गई। पाया गया कि प्रतिमाह खंड शिक्षाधिकारी स्तर पर औसतन 675 आवेदन मिल रहे हैं। चार दिन से कम अवकाश के आवेदन भी उन्हीं को भेजे जा रहे हैं, जबकि शासनादेश में चार दिन से कम का अवकाश प्रधानाध्यापक को और उससे अधिक होने पर खंड शिक्षाधिकारी को स्वीकृत करना है। 880 विकास खंडों में से 119 विकास खंड ऐसे हैं, जिनमें नवंबर में सौ से कम आवेदन आकस्मिक अवकाश के आए हैं।


समीक्षा में इस आधार पर माना गया कि 119 विकास खंडों में मानव संपदा पोर्टल से अवकाश के लिए आवेदन के निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है। यहीं नहीं एक दिन में आवेदन निस्तारण के आदेश के बावजूद कई ब्लाकों में सौ-सौ दिन लगाए जा रहे हैं। इसी प्रकार चिकित्सा अवकाश के आवेदन बीईओ और बीएसए के स्तर से दो-दो दिन में निस्तारित किए जाने चाहिए।

बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों के अवकाश स्वीकृत या अस्वीकृत करने के लिए मानव संपदा पोर्टल बनाया गया है। प्रक्रिया और समय अवधि निर्धारित है कि कितने समय में अवकाश संबंधी आवेदन का निस्तारण होना है, लेकिन अधिकांश जिलों में इसका उल्लंघन हो रहा है। पोर्टल की समीक्षा में यह बात तक सामने आई है कि अवकाश स्वीकृत करने के नाम पर देरी और शोषण भी हो रहा है। 


इसे गंभीरता से लेते हुए महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर चेताया है। स्कूल शिक्षा महानिदेशालय ने नवंबर के आकस्मिक अवकाश, चिकित्सा अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश के आवेदनों की समीक्षा की है। इसमें पाया गया है कि प्रतिमाह खंड शिक्षा अधिकारी स्तर पर औसतन 675 आवेदन मिल रहे हैं। चार दिन से कम अवकाश के आवेदन भी खंड शिक्षा अधिकारी को भेजे जा रह हैं, जबकि शासनादेश में चार दिन से कम का अवकाश प्रधानाध्यापक को और उससे अधिक खंड शिक्षा अधिकारी को स्वीकृत करना है। वहाँ, 880 ब्लॉक में से 19 ब्लॉक ऐसे हैं, जिनमें नवंबर में सौ से कम आवेदन आकरिमक अवकाश के आए हैं, जबकि राज्य स्तर पर प्रति माह प्रति ब्लॉक औसत 675 आवेदन का है। 


माना गया है कि 19 ब्लॉक में मानव संपदा पोर्टल से अवकाश के लिए आवेदन नहीं किया जा रहा है। यहाँ नहीं, एक दिन में आवेदन निस्तारण के आदेश के बावजूद सौ-सौ दिन लगाए जा रहे हैं। इसी तरह चिकित्सा अवकाश के आवेदन खंड शिक्षा अधिकारी और जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के स्तर से दो-दो दिन में यानी कुल चार दिन में निस्तारण किए जाने चाहिए। इतनी हीं समयावधि बाल्य देखभाल अवकाश के संबंध में है, जबकि पचास से दो सौ दिन तक आवेदन लंबित पाए गए हैं। महानिदेशक ने अपने पत्र में कहा है कि हाल हां में राज्य के 12,733 शिक्षकों से आइवीआरएस कॉल से मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से अवकाश आवेदन की व्यवस्था और अवकाश स्वीकृति में देरी को लेकर सवाल पूछे गए।








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परिषदीय शिक्षकों की ऑनलाइन अवकाश प्रक्रिया में विलंब एवं अपारदर्शिता पर आवश्यक कार्यवाही हेतु महानिदेशक स्कूल शिक्षा का आदेश जारी Reviewed by sankalp gupta on 4:03 PM Rating: 5

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