प्रत्येक जनपद स्तर पर पूर्व से संचालित कम्पोजिट विद्यालय में आदर्श कम्पोजिट विद्यालय (कक्षा-1 से 12 ) की स्थापना एवं प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर पूर्व से संचालित 01 कम्पोजिट विद्यालय को अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय के रूप मे उच्चीकृत किये जाने के सम्बन्ध में

प्रदेश के कंपोजिट स्कूलों में होगी इंटर तक की पढ़ाई, परिषदीय विद्यालयों को बड़ा उपहार देने जा रही यूपी सरकार

सभी जिलों में बनेगा आदर्श कंपोजिट विद्यालय, होगी 12वीं तक पढ़ाई


कंपोजिट विद्यालय अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय के रूप में होगा उच्चीकृत


जिलों  में जल्द ही आदर्श कंपोजिट विद्यालय की स्थापना होगी। इसमें कक्षा एक से 12 तक पठन पाठन होगा। इसके साथ ही प्रत्येक ब्लाक में एक एक कंपोजिट विद्यालय को अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय के रूप में उच्चीकृत किया जाएगा।



सरकार परिषदीय विद्यालयों को बड़ा उपहार देने जा रही है। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में छात्र-छात्रओं को इंटरमीडिएट तक की शिक्षा दी जाएगी। कंपोजिट स्कूल यानी जहां प्राथमिक व जूनियर स्तर की कक्षाएं एक ही परिसर में संचालित हैं, अब हर जिले में ऐसे एक स्कूल का चयन इंटर तक की पढ़ाई के लिए किया जाना है। इसी के साथ ब्लाक स्तर पर भी माडल स्कूल बनाए जाने हैं। दो तरह के कुल 901 विद्यालय जिला और विकासखंड स्तर पर चिह्नित किए जा रहे हैं।


प्रदेश में इस समय 24,326 कंपोजिट स्कूल संचालित हैं। इन्हीं में से 900 से अधिक स्कूलों को उच्चीकृत कराने की योजना है। हर जिले में आदर्श कंपोजिट स्कूल के नाम से एक विद्यालय चयनित किया जाएगा, जहां कक्षा एक से 12 तक की कक्षाएं संचालित होंगी।


 इसी तरह से हर विकासखंड स्तर पर अभ्युदय कंपोजिट स्कूल के नाम से एक विद्यालय उच्चीकृत किया जाएगा, जहां कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई होगी। इन स्कूलों में आठ तक की बेहतर पढ़ाई कराई जाएगी, यानी वहां स्मार्ट क्लास आदि का प्रबंध कराया जाएगा। बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही इसका प्रस्ताव शासन को भेजेगा।


महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे आदर्श और अभ्युदय कंपोजिट स्कूलों को उच्चीकृत करने का एक सप्ताह में प्रस्ताव भेजें। बीएसए को यह भी निर्देश है कि प्रस्तावित विद्यालयों की विशेषताएं, चयन प्रक्रिया व चयन के लिए मुख्य ¨बदु भी भेजे गए हैं उनका अनुपालन किया जाना जरूरी है, ताकि विद्यालय की विस्तृत जानकारी मिल सके। 


चयनित विद्यालय उच्चीकरण के बाद संबंधित जिले ही नहीं प्रदेश के अन्य स्कूलों के प्रेरणास्नोत बनेंगे, उन्हें इस तरह से तैयार किए जाने की योजना है। हर जिले में अभिनव प्रयास इन स्कूलों में किए जाएंगे, ताकि जिले के विकास में वे मील का पत्थर साबित हों। ज्ञात हो कि सरकार अंग्रेजी मीडियम स्कूल पहले से संचालित कर रही है। साथ ही स्कूलों का कायाकल्प भी तेजी से कराया जा रहा है।


🔴 आदर्श कंपोजिट के तहत हर जिले में एक स्कूल का होगा चयन

🔴 हर विकासखंड में एक अभ्युदय कंपोजिट स्कूल होगा उच्चीकृत

🔴 ब्लाक स्तर पर चयनित स्कूल में कक्षा एक से आठ तक की होगी पढ़ाई


इनका होगा उच्चीकरण

आदर्श कंपोजिट स्कूल        75
अभ्युदय कंपोजिट स्कूल     826


प्रत्येक जनपद स्तर पर पूर्व से संचालित कम्पोजिट विद्यालय में आदर्श कम्पोजिट विद्यालय (कक्षा-1 से 12 ) की स्थापना एवं प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर पूर्व से संचालित 01 कम्पोजिट विद्यालय को अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय के रूप मे उच्चीकृत किये जाने के सम्बन्ध में।

पब्लिक स्कूलों को हर जिले में टक्कर देंगे कंपोजिट स्कूलों को उच्चीकृत करके बनाए गए मॉडल विद्यालय, ये होंगे फायदे


● कम मानव संसाधन में बेहतर होगी प्रशासनिक व शैक्षणिक व्यवस्था
● एक ही छत के नीचे ज्यादा सुविधाएं तो उपभोग करने वाले विद्यार्थी भी होंगे ज्यादा
● पब्लिक स्कूलों का क्रेज होगा कम
● सांस्कृतिक क्रियाकलाप व खेलकूद पर भी रहेगा फोकस
● साइंस लैब, गणित लैब समेत स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर रूम, लाइब्रेरी का फायदा उठाएंगे विद्यार्थी
● ब्लॉकवार स्कूलों का चयन कर सूची शासन को भेजनी है
● अभ्युदय स्कूल कम से कम तीन हजार वर्ग मीटर का होगा


लखनऊ : प्रदेश के हर जिले में एक आदर्श कम्पोजिट स्कूल और सभी 880 ब्लॉकों में एक-एक अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल खोला जाएगा। इन स्कूलों की सुविधाएं पब्लिक स्कूलों से टक्कर लेंगी। ऐसे स्कूलों के चयन के संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने शर्ते तय कर दी हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जिले व ब्लॉकवार स्कूलों का चयन कर सूची शासन को भेजनी है।

जिले में खोला जाने वाला मॉडल कम्पोजिट स्कूल कक्षा एक से 12 तक का होगा। वहीं अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल कक्षा एक से आठ तक के होंगे। अभी प्रदेश में 22 हजार कम्पोजिट स्कूल है। इनमें से ही मॉडल स्कूलों का चयन होगा। इन स्कूलों में वे सभी सुविधाएं होंगी जो किसी आदर्श स्कूल में होती हैं और ये प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत होंगे।

3000 वर्ग मीटर के स्कूलों का होगा चयन : अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल के लिए ब्लॉक के ऐसे कम्पोजिट स्कूल को चुना जाएगा, जहां कक्षा एक से आठ तक की पढ़ाई कराई जा सके। इसमें पांच कक्ष में डाइनिंग हॉल, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय, कम्प्यूटर कक्ष व साइंस लैब होगी।

इसकी इमारत इको फ्रेंडली होगी और टॉयलेट पर्यावरण के अनुकूल पानी की बचत को ध्यान में रखते हुए उच्चीकृत किए जाएंगे। बच्चों के लिए साइकिल स्टैण्ड व पार्किंग स्थल समेत पेड़ पौधे और हरियाली का ध्यान रखा जाएगा। अभ्युदय स्कूल के लिए ऐसे स्कूलों का चयन किया जाएगा, जहां न्यूनतम 3000 वर्ग मीटर का क्षेत्रफल हो।

इसके अलावा अतिरिक्त निर्माण के लिए विद्यालय परिसर में भूखण्ड भी होना चाहिए। ऐसे स्कूल का चयन होगा, जहां 250 विद्यार्थी पंजीकृत हों, कक्षा एक से आठ तक के लिए अलग-अलग कक्षा कक्ष हो, बिजली, सबमर्सिबल पम्प, क्रियाशील रसेाईघर, बाउण्ड्रीवाल, शौचालय, मुख्य द्वार आदि लगा हो।

ऐसे होंगे जिले में स्थित आदर्श कम्पोजिट स्कूल: ये ऐसे स्कूल होंगे जहां कक्षा एक से 12 तक की कक्षाएं चलेंगी। प्रस्तावित मॉडल स्कूल में लगभग 800 विद्यार्थियों को एक साथ पढ़ाया जा सकेगा।

इसमें अध्यापकों के लिए अलग से स्टाफ रूम और प्रधानाध्यापक रूम होगा। इसमें आधुनिक रसायन, भौतिकी, जीव विज्ञान व गणित की लैब होगी। इसके लिए जिले के किसी ग्रामीण इलाके में स्थित कम्पोजिट स्कूल का चयन होगा।

इसके लिए स्कूल का क्षेत्रफल 16000 वर्ग मीटर होना चाहिए। इसके लिए ऐसे स्कूलों का चुनाव होगा जिसकी बिल्डिंग जीर्णशीर्ण स्थिति में हो ताकि वहां नया भवन बनाया जा सके।


प्रत्येक जनपद स्तर पर पूर्व से संचालित कम्पोजिट विद्यालय में आदर्श कम्पोजिट विद्यालय (कक्षा-1 से 12 ) की स्थापना एवं प्रत्येक विकासखण्ड स्तर पर पूर्व से संचालित 01 कम्पोजिट विद्यालय को अभ्युदय कम्पोजिट विद्यालय के रूप मे उच्चीकृत किये जाने के सम्बन्ध में Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 9:52 PM Rating: 5

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