परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने के चार महीने बाद मिलेंगी किताबें, टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तीन महीने में जिलों में पहुंचेंगी

नौनिहालों को किताबों के लिए करना होगा चार माह इंतजार

परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने के चार महीने बाद मिलेंगी किताबें

पुरानी किताबों के सहारे हो रही पढ़ाईनए शिक्षा सत्र का एक माह बीत गया, जुलाई में किताबों के मिलने की उम्मीद


■ टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तीन महीने में जिलों में पहुंचेंगी

■ परिषदीय स्कूलों के 1.90 करोड़ बच्चों को किताबें अगस्त में मिलेंगी


परिषदीय स्कूलों की किताबें नहीं जा पाई छपने, किताबों का टेण्डर दोबारा जारी


लखनऊ। अप्रैल भी बीत गया लेकिन प्राइमरी स्कूलों की पाठ्यपुस्तकें छपने नहीं जा पाई हैं। समग्र शिक्षा अभियान ने किताबों का टेण्डर दोबारा जारी किया है। यह तब है जब शैक्षिक सत्र का एक महीना बीत चुका है। प्रदेश के सरकारी व सहायताप्राप्त स्कूलों में 1.80 करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले खोले गए टेंडर में कुछ विवाद हो गया लिहाजा दोबारा टेंडर निकाला गया।



देर से शुरू हुई प्रक्रिया

किताबें मिलने में देरी के लिए बेसिक शिक्षा परिषद और माध्यमिक शिक्षा परिषद के अफसर जिम्मेदार हैं। अप्रैल में सत्र शुरू होने के साथ ही बच्चों को किताबें उपलब्ध कराने के लिए इन्हें टेंडर की प्रक्रिया दिसंबर में शुरू करनी चाहिए थी। प्रक्रिया अप्रैल में शुरू की गई, जिस वजह से बच्चों को मजबूरन महीनों बिना किताबों के ही पढ़ाई करनी होगी।



प्रयागराज  | बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में नया शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से प्रारंभ हो गया है। लेकिन बच्चों को निःशुल्क किताबें नहीं मिल सकी हैं। जो स्थिति है उसे देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि किताबें सत्र शुरू होने के चार महीने बाद अगस्त में मिल सकेंगी। प्रदेश के 1.50 लाख से अधिक परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा एक से आठ तक के तकरीबन 1.90 करोड़ छात्र-छात्राओं को किताबें प्रकाशित कर वितरित करने के लिए चार मई तक प्रकाशकों से टेंडर मांगे गए हैं।


टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सभी किताबें तीन महीने में और वर्कबुक चार महीने में जिलों को भेजी जाएगी। यदि चार मई को भी टेंडर फाइनल हो जाता है तो किताबें अगस्त के पहले सप्ताह और वर्कबुक सितंबर के पहले सप्ताह तक बच्चों को मिलने की उम्मीद है। हिन्दी, अंग्रेजी व उर्दू माध्यम की क्रमशः 69, 39 व 32 किताबों और कार्यपुस्तिकाओं (वर्कबुक) का प्रकाशन होना है। तीन महीने बाद किताबें पाएंगे 


यूपी बोर्ड के छात्र: प्रयागराज। यूपी बोर्ड से जुड़े प्रदेशभर के 28 हजार से अधिक स्कूलों के कक्षा नौ से 12 तक के तकरीबन सवा करोड़ छात्र-छात्राएं शैक्षणिक सत्र 2022-23 एक अप्रैल को शुरू होने के तीन महीने बाद vec 15 किताबें पा सकेंगे। यूपी बोर्ड ने किताबों के प्रकाशन के लिए 11 मई तक टेंडर मांगे हैं। 12 मई को टेंडर खुलने के बाद कार्य आदेश जारी होगा। प्रकाशकों को 25 जून तक बाजार में किताबें उपलब्ध करानी होंगी। विभिन्न विषयों की कुल 67 किताबें प्रकाशित होनी हैं।
परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई शुरू होने के चार महीने बाद मिलेंगी किताबें, टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद तीन महीने में जिलों में पहुंचेंगी Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:20 AM Rating: 5

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