पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता के मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में

पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता के मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में

27 मार्च 2025


पदोन्नति में टीईटी विवाद का अंतिम निबटारा करेगा सुप्रीम कोर्ट, अगली सुनवाई 20 मार्च को 

■ यूपी में कई साल से नहीं हो सकी है शिक्षकों की पदोन्नति

■ प्राथमिक उच्च प्राथमिक स्कूलों में 63,229 पदोन्नति फंसी

08 मार्च 2025
प्रयागराज । परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों की पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता का विवाद सुप्रीम कोर्ट से हल होगा। इस मामले में दायर याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय में लगातार सुनवाई हो रही है। उम्मीद है कि शीर्ष कोर्ट से फैसला होने के बाद उत्तर प्रदेश के परिषदीय शिक्षकों की सात साल बाद पदोन्नति हो सकेगी। विवाद के कारण वर्तमान में प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 62,229 शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हो सकी है।

27 फरवरी को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को चार मार्च तक हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए थे। शीर्ष अदालत ने ने शिक्षकों को तीन वर्ग में विभाजित करते हुए पूछा था कि तीन सितंबर 2001 के पूर्व नियुक्त, विनिमय 2001 से नियुक्त शिक्षक और 23 अगस्त से 2010 से 29 जुलाई 2011 तक नियुक्त शिक्षक पर एनसीटीई की क्या राय है? छह मार्च को सुनवाई में एनसीटीई ने अपना पक्ष रखा है। अब इस मामले की सुनवाई 20 मार्च को होनी है।


पदोन्नति के लिए अनिवार्य है टीईटी – NCTE ने हलफनामे के जरिए रखी बात

प्रयागराज। एनसीटीई ने सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल शपथपत्र में नियुक्ति और पदोन्नति को लेकर स्थिति स्पष्ट की है। एनसीटीई के अनुसार तीन सितंबर 2001 के पूर्व नियुक्त शिक्षक, तीन सितंबर 2001 को एनसीटीई के शिक्षकों की योग्यता से संबंधित विनिमय आने के बाद तीन सितंबर 2001 से 23 अगस्त 2010 के बीच नियुक्त शिक्षक और 23 अगस्त 2010 को एनसीटीई की अधिसूचना जारी होने के बाद 29 जुलाई 2011 तक एनसीटीई के विनिमय 2001 से नियुक्त शिक्षक को सेवा में बने रहने के लिए टीईटी की परीक्षा से राहत दी गई है।

सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नति में टीईटी को अनिवार्य कराने के लिए पैरवी कर रहे राहूल पांडे का कहना है कि एनसीटीई ने 12 नवंबर 2014 को अधिसूचना जारी करके पदोन्नति में न्यूनतम योग्यता को अनिवार्य किया है। शपथ पत्र में एनसीटीई ने साफ किया है कि आरटीई एक्ट के तहत एनसीटीई की अधिसूचना 31 मार्च 2010 अनुसार पदोन्नति व नियुक्ति में 29 जुलाई 2011 के पूर्व नियुक्त समस्त शिक्षकों को टीईटी उत्तीर्ण करना होगा।




पदोन्नति में TET अनिवार्यता मामले में अब अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी, देखें NCTE द्वारा उच्चतम न्यायालय में दाखिल शपथपत्र

07 मार्च 2025







देखें NCTE द्वारा उच्चतम न्यायालय में दाखिल शपथपत्र का मुख्य अंश

प्रत्येक शिक्षक जो 3.9.2001 के पहले नियुक्त हुए, साथ ही साथ जिनकी नियुक्ति  3.9.2001 से 23.8.2010 और 29 .7.2011 के मध्य हुई, जिस दिन NCTE ने  RTE Act  की अधिसूचना दिनांकित 31 .3.2010 के  क्रम में अधिसूचित किया , सभी को नियुक्ति और पदोन्नति के लिए टीईटी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है।


13. In the above background, the NCTE states and respectfully submits that every teacher in service appointed before 03.09.2001 in accordance with the prevalent Recruitment Rules without possession of the requisite teacher training professional qualification, as well as the teachers appointed between 03.09.2001 and 23.08.2010 in accordance with the NCTE (Determination of Minimum Qualifications for Recruitment of Teachers in Schools) Regulations, 2001, and between 23.08.2010 and 29.07.2011 i.e. the date on which NCTE issued the notification in terms of the RTE Act and in pursuance of a notification dated 31.03.2010, are mandated to acquire TET for the appointment as well as for promotions.


Operative part of NCTE AFFIDAVIT 




👉 देखें NCTE द्वारा दाखिल एफिडेविट 















पदोन्नति में टीईटी की अनिवार्यता के मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:43 AM Rating: 5

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