15 साल पुराने मदरसा शिक्षक ही पाएंगे राज्य पुरस्कार
- नियमावली जारी, निशक्त शिक्षकों के लिए 10 वर्ष का अनुभव जरूरी
- पुरस्कार तय करने के लिए जिला व प्रदेश स्तर पर बनेगी समिति
लखनऊ।
मदरसा शिक्षकों को राज्य पुरस्कार देने के लिए प्रदेश सरकार ने नियमावली
जारी कर दी है। अब सरकार हर साल नौ मदरसा शिक्षकों को राज्य पुरस्कार से
सम्मानित करेगी। इसके लिए शिक्षक के पास 15 वर्ष का नियमित शिक्षण का अनुभव
होना जरूरी होगा। निशक्त शिक्षकों के लिए 10 वर्ष का अनुभव रखा गया है।
राज्य
स्तरीय पुरस्कार तय करने के लिए सरकार ने दो स्तरीय समिति बनाने का निर्णय
लिया है। इनमें पहली समिति डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय होगी। इसमें
डायट प्राचार्य, राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य व जिला अल्पसंख्यक
कल्याण अधिकारी सदस्य होंगे। दूसरी समिति प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण
की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय होगी। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से
नामित विशेष सचिव, प्रमुख सचिव वित्त द्वारा नामित विशेष सचिव, रजिस्ट्रार
यूपी मदरसा शिक्षा परिषद, राज्य सरकार द्वारा नामित दो ख्याति प्राप्त
शिक्षाविद् व निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण इसके सदस्य होंगे। पुरस्कारों के
लिए हर वर्ष विज्ञापन जारी किए जाएंगे। आवेदन करने वाले शिक्षकों के अलावा
अन्य स्रोतों से प्राप्त नामों को भी जिला स्तरीय समिति के सामने रखा
जाएगा। जिला स्तरीय समिति इन प्रस्तावों पर अपनी संस्तुति के बाद इसे
निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण के पास भेजेगी। यहां पर प्रस्तावों का परीक्षण
किया जाएगा। इसके बाद इन्हें राज्य स्तरीय समिति के पास भेजा जाएगा। प्रमुख
सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति राज्य पुरस्कारों को फाइनल
करेगी।
15 साल पुराने मदरसा शिक्षक ही पाएंगे राज्य पुरस्कार
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
8:38 AM
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