जबरदस्त लेटलतीफी का शिकार है बीटीसी सत्र, सत्र को नियमित करने की कवायद ठंडे बस्ते में, न कोई नियमावली, न कोई कैलेंडर
अनदेखी : शासन में धूल फांक रहा शिक्षा प्रशिक्षण नियमावली का प्रारूप
लखनऊ : बीटीसी 2013 सत्र की जो प्रवेश प्रक्रिया पहली जुलाई 2013
को शुरू हो जानी चाहिए थी, वह दिसंबर 2014 तक पूरी नहीं हो पायी थी। बीटीसी
2013 सत्र के चौथे सेमेस्टर की परीक्षा मार्च में खत्म हुई थी, लेकिन अब
तक उसका रिजल्ट नहीं घोषित हुआ है। लिहाजा बीटीसी 2013 सत्र के
प्रशिक्षणार्थी परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के 16448 रिक्त पदों
पर शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से वंचित रह गए हैं। बीटीसी
2015 का जो सत्र पिछले साल जुलाई में शुरू हो जाना चाहिए था, उसके लिए अब
आवेदन मांगे जा रहे हैं। 1प्रदेश में बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए
अनिवार्य बीटीसी कोर्स जबर्दस्त लेटलतीफी का शिकार है। बीटीसी सत्र के पटरी
से उतरने की सबसे बड़ी वजह यह है कि इस पाठ्यक्रम और सत्र को संचालित करने
के लिए बेसिक शिक्षा विभाग अब तक न तो कोई नियमावली और न ही कोई कैलेंडर
बना पाया है। बीटीसी कोर्स संचालित करने की मान्यता हासिल करने वाले निजी
कॉलेजों को संबद्धता देने के लिए भी कोई समयसीमा तय नहीं है।
बीटीसी सत्र को नियमित करने और उसका कैलेंडर निर्धारित करने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने चार साल पहले उप्र प्रारंभिक (बेसिक) शिक्षा प्रशिक्षण नियमावली 2012 का प्रारूप तैयार कर शासन को भेजा था। इस नियमावली के माध्यम से निजी कॉलेजों को तय समयसीमा में संबद्धता देने का इरादा जताया गया था। नियमावली के प्रारूप में बीटीसी की प्रवेश प्रक्रिया जनवरी से शुरू करने की मंशा जतायी गई थी। बीटीसी चयन के लिए जनवरी-फरवरी में अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित करने का इरादा था। मार्च-अप्रैल में चयन की प्रक्रिया पूरी कर अभ्यर्थियों को संस्थान/ कॉलेज में सीटें आवंटित की जानी थीं।
मई-जून में अभ्यर्थियों के अंकपत्रों के सत्यापन की कवायद होनी थी ताकि पहली जुलाई से बीटीसी सत्र शुरू हो सके। पहले सेमेस्टर की परीक्षा दिसंबर में और इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे सेमेस्टर की परीक्षाएं छह-छह महीने के अंतराल पर होनी थीं। नियमावली के प्रारूप में कुछ संशोधनों के बाद इसे कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की योजना थी। बाद में एससीईआरटी ने नियमावली का संशोधित प्रारूप भी शासन को भेजा लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग इस पर कुंडली मारकर बैठा है।
जबरदस्त लेटलतीफी का शिकार है बीटीसी सत्र, सत्र को नियमित करने की कवायद ठंडे बस्ते में, न कोई नियमावली, न कोई कैलेंडर
Reviewed by Brijesh Shrivastava
on
5:56 AM
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