नए शिक्षकों का तबादला फिलहाल नहीं, न्यूनतम 3 वर्ष की सेवा आवेदन हेतु अनिवार्य, टेट भर्ती, विज्ञान-गणित भर्ती और समायोजित शिक्षामित्रों के लिए निराशा
इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों में हाल के वर्षो में नियुक्ति पाने वाले युवा शिक्षकों को अंतरजनपदीय तबादले का लाभ नहीं दिया जा रहा है। नीति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अंतरजनपदीय तबादले के लिए वही शिक्षक अर्ह होंगे जिन्होंने कार्यरत जिले में प्रथम नियुक्ति तारीख से 31 मार्च 2016 तक न्यूनतम तीन साल की सेवा पूर्ण कर ली हो।
इससे साफ है कि इधर प्राथमिक स्कूलों में 72 हजार, उच्च प्राथमिक में 29 हजार एवं शिक्षामित्रों से समायोजित हुए शिक्षकों को तबादले का लाभ नहीं मिलेगा। खास बात यह है कि नए शिक्षक ज्यादातर दूर के जिलों में तैनात हैं और वही स्थानांतरण के लिए खूब हाथ-पांव मार रहे थे, उन्हें निराशा हाथ लगी है। तबादला नीति में यह स्पष्ट किया गया है कि दिव्यांग, पति-पत्नी और विधवाओं को वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा असाध्य रोग से ग्रसित, सेना, सुरक्षा बल या राज्य पुलिस बल में कार्यरत कर्मियों की पत्नी, गृह जिले के लिए आवेदन करने वालों को भी प्रमुखता मिलेगी। जिन जिलों में ऐसी प्राथमिकताओं वाले अधिक आवेदन आएंगे, वहां अधिक आयु वाले शिक्षक को वरीयता मिलेगी।
बीएसए आवेदन पत्रों में दिए गए विवरण का सत्यापन करेंगे और तबादला प्रक्रिया की अंतिम तारीख से एक सप्ताह पहले परिषद को रिपोर्ट सौंपेंगे। सत्यापन में जिनका आवेदन निरस्त होगा बीएसए उसका स्पष्ट कारण देंगे। यह सूची परिषद कार्यालय के सूचना पट पर चस्पा होगी। दूसरे जिले में तबादले पर जाने वाले शिक्षकों से बीएसए यह शपथ पत्र भी लेंगे कि वह भविष्य में वरिष्ठता देने का दावा नहीं करेंगे।
पद व उपलब्धता का ब्यौरा तलब :
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के तबादले की दिशा में परिषद ने कार्यवाही तेज कर दी है। शिक्षकों की वेतन संबंधी सूचनाएं एनआइसी की वेबसाइट पर अपलोड कराने के बाद सभी जिलों से आधारभूत आकड़े मांगे गए हैं, ताकि उसी के अनुरूप फेरबदल हो सके। साथ ही किसी जिले में अधिक व कहीं कम शिक्षक होने की समस्या भी नहीं हो पाएगी। प्रदेश में दो साल के अंतराल के बाद बेसिक शिक्षकों का अंतरजनपदीय तबादला होना है।
बड़े पैमाने पर होने वाले तबादलों में यह अंदेशा है कि कहीं किसी जिले में शिक्षकों की अधिक और अन्य जिलों में यह संख्या कम न रह जाए। इस पर शासन ने भी सवाल उठाया था। परिषद ने इस पर अंकुश लगाने के लिए सभी जिलों से शिक्षकों का ब्योरा तलब किया है। इसमें प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के ग्रामीण व शहरी के अलावा, स्वीकृत एवं कार्यरत प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापकों की पूरी जानकारी भेजी जानी है। परिषद ने यह ब्योरा भेजने के लिए प्रपत्र भी जारी किया है उसी पर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को भरकर डिटेल भेजनी है। इसमें देरी न हो इसके लिए सारी जानकारी ई-मेल पर ही मांगी गई है।
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