जिले के अंदर ट्रांसफर का आदेश तो हुआ जारी, लेकिन शेड्यूल न जारी होने से तबादलों में बीएसए की मर्जी पड़ रही भारी, शिक्षक नेताओं का आरोप - भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए बीएसए को दी गयी खुली छूट
☀ शिड्यूल जारी नहीं, शिक्षकों के तबादले BSA भरोसे
☀ इसी का नतीजा है कि तबादले अब बीएसए अपनी मर्जी से कर रहे
☀ शिक्षक नेताओं का आरोप है कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए बीएसए को खुली छूट दी गई
लखनऊ: जिले के अंदर तबादलों के आदेश तो सरकार ने जारी कर दिए, लेकिन ये कब होंगे, इसका शिड्यूल जारी नहीं किया। इसी का नतीजा है कि तबादले अब बीएसए अपनी मर्जी से कर रहे हैं। करीब 10 जिलों के बीएसए ने अपने स्तर से कार्यक्रम जारी कर तबादला प्रक्रिया शुरू भी कर दी है। अन्य जिलों में अभी तबादला प्रक्रिया शुरू ही नहीं हुई है। इससे शिक्षक परेशान हैं। शिक्षक नेताओं का आरोप है कि भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए बीएसए को खुली छूट दी गई है।
अंतरजनपदीय तबादले पूरे होने के बाद सचिव बेसिक शिक्षा ने 30 अगस्त को जनपदीय तबादलों के आदेश कर दिए थे। इसमें कमिटी गठित करने के साथ ही प्रक्रिया की जानकारी दी गई थी, लेकिन शिड्यूल नहीं जारी किया गया था। उसके बाद बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने उसी आदेश को जिलों को भेज दिया था। वहीं, तबादलों का शिड्यूल अब तक जारी नहीं हुआ है। कुछ जिलों में बीएसए ने अपने स्तर से शिड्यूल तैयार कर के तबादले शुरू कर दिए हैं। 20 सितंबर तक आवेदन भी ले लिए हैं। साथ ही 30 सितंबर तक तबादले करने की तारीख तय की है। वहीं, कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां अब तक आवेदन नहीं मांगे गए हैं। वहां के शिक्षक परेशान हैं। वे जल्द तबादले की मांग कर रहे हैं।
कुछ ही जिलों में तबादले शुरू हुए हैं। सब कुछ बेसिक शिक्षा अधिकारियों की मनमानी पर छोड़ दिया गया है। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। आचार संहिता लग गई तो शिक्षक अपने नजदीकी स्कूल में जाने से वंचित रह जाएंगे। -अनिल यादव, अध्यक्ष, दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ
यह ठीक नहीं है। जैसे अंतरजनपदीय तबादलों के लिए शिड्यूल जारी किया गया था, वैसे ही इसमें भी जारी किया जाना चाहिए। सभी जिलों में तबादले शुरू करने चाहिए। - विनय कुमार सिंह, अध्यक्ष प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन
No comments:
Post a Comment