बच्चे मनाएंगे दादा-दादी और नाना-नानी दिवस, परिषदीय स्कूल के बच्चों को दादा-दादी, नाना व नानी का सम्मान करने के लिए पहली अक्टूबर को पढ़ाया जाएगा नैतिकता का पाठ
इलाहाबाद : विद्यार्थी पाश्चात्य संस्कृति के अनुगामी हो रहे हैं। यही कारण है कि समाज में बुजुर्ग उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। उन्हें अपेक्षित सम्मान नहीं मिल पा रहा है। इसी के मद्देनजर परिषदीय स्कूल के बच्चों को दादा-दादी, नाना व नानी का सम्मान करने के लिए पहली अक्टूबर को नैतिकता का पाठ पढ़ाया जाएगा। जिससे कि उनकी सोच में परिवर्तन आ सके।
गौरतलब है कि समाज में संयुक्त परिवार कम होते जा रहे है। एकल परिवार की बाढ़ सी आ गई है। रिश्तों की डोर सिमटती जा रही है। पारिवारिक जनों के बीच कटुता भी बढ़ रही है। इन्हीं सब सामाजिक परिवर्तन को देखते हुए अब बच्चों में भी अपने बड़े बुजुगरे के प्रति प्रेम की भावना कम हो रही है। दादा -दादी व नाना - नानी के संग अधिक समय नहीं बीत रहा और बच्चों की दुनिया टीवी, इंटरनेट समेत आधुनिक सुख सुविधाओं में ही उलझ गई है। इस परिस्थिति से नई पीढ़ी को उबारने के लिए शिक्षा विभाग में नायाब तरीका खोजा गया है।
मिड डे मील योजना के मंडल समन्वयक सुनीत पांडेय ने बताया कि एक अक्टूबर को जिले के सभी स्कूलों में दादा - दादी व नाना-नानी दिवस मनाया जाएगा। इस संबंध में शासन से दिशा निर्देश प्राप्त हो चुके हैं। मंडल के अधीनस्थ जिलों के बीएसए को शासन की सूचना से अवगत करा दिया गया है।
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