स्थानांतरण एवं समायोजन को लेकर अब भी उहापोह बरकरार, निर्देश के बाद भी प्रदेश के तमाम जिलों में अभी तक रिक्त पद घोषित ही नहीं हुए हैं और न ही तबादला शुरू करने के आदेश
☀ जिले के अंदर बंद, एकल शिक्षक विद्यालयों के संचालन का मामला
इलाहाबाद : शासन ने भले ही जिले के अंदर तबादले का जिम्मा जिलाधिकारी को सौंप दिया है, लेकिन स्थानांतरण एवं समायोजन को लेकर अब भी उहापोह बरकरार है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव के निर्देश के बाद भी प्रदेश के तमाम जिलों में अभी तक रिक्त पद घोषित ही नहीं हुए हैं और न ही तबादला शुरू करने के आदेश दिए गए हैं, जबकि सभी जिलों में 30 सितंबर तक यह प्रक्रिया पूरी होनी है।
यह मामले खुलने के बाद शासन ने इस बार जिले के अंदर तबादले का जिम्मा जिलाधिकारी की अगुआई में बनी कमेटी को सौंप दिया है। इससे शिक्षा विभाग के अफसरों की कमेटी हासिये पर चली गई। शासनादेश जारी होने के बाद परिषद सचिव ने बीते पांच सितंबर को बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह रिक्ति घोषित करके एवं समायोजन स्थानांतरण के लिए शिक्षकों से तीन-तीन विकल्प लेकर जिला समिति से प्रक्रिया 30 सितंबर तक पूरी कराएं।
इसके बाद भी लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, इलाहाबाद, देवरिया, कुशीनगर, कौशांबी, बरेली, बहराइच, बिजनौर, बांदा, अमेठी, अंबेडकर नगर, शाहजहांपुर, फतेहपुर, फैजाबाद, गोंडा, लखीमपुर, ललितपुर समेत आधे से अधिक जिलों में तबादला या समायोजन के संबंध में कोई आदेश ही जारी नहीं हुआ है और न ही शिक्षकों के रिक्त पद सार्वजनिक किए गए हैं।
वहीं, दूसरी ओर एटा, कासगंज, कन्नौज, सीतापुर, मुरादाबाद, बलिया व मैनपुरी आदि जिलों में रिक्त पदों का प्रकाशन करके बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने 20 सितंबर तक आवेदन मांगे थे। इससे शिक्षकों में गहरी नाराजगी है। उप्र दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने अल्टीमेटम दिया है कि यदि 25 सितंबर तक सभी जिलों में तबादले का आदेश जारी न हुआ तो जिला मुख्यालयों पर आंदोलन प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।
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