डिमोशन के डर से थमे कदम, स्थानान्तरित जिले में बैच का प्रमोशन न होने से डिमोशन तय, तबादले का मौका छोड़ रहे शिक्षक
इलाहाबाद : अंतर जिला तबादलों में वरिष्ठता दांव पर लगाने वाले शिक्षक पदावनत (डिमोशन) होने को तैयार नहीं है। कई जिलों के शिक्षक स्थानांतरित जिले में जाने पर पुनर्विचार कर रहे हैं और कुछ ने तो इससे साफ इनकार कर दिया है। शिक्षकों का प्रमोशन जांचने के कारण उन्हें कार्यमुक्त करने की प्रक्रिया भी बेहद धीमी है। वहीं, कुछ जिलों के बीएसए ने कहा है कि जितने शिक्षक आएंगे, उतने ही रिलीव किए जाएंगे।
बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की अंतर जिला तबादला नीति में यह तथ्य साफ है कि जो भी शिक्षक दूसरे जिलों में जाएंगे, वह अपनी वरिष्ठता गवां देंगे। यानी स्थानांतरित जिले में वह सबसे कनिष्ठ होंगे। इन तबादलों में उन्हीं शिक्षकों को वरीयता मिली है, जो वरिष्ठ रहे हैं। अब उन्हें कार्यमुक्त करते समय यह भी देखा जा रहा है कि स्थानांतरित जिले में जाने वाले शिक्षकों के बैच की स्थिति क्या है, इसीलिए पिछले दिनों कई बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने अपने समकक्ष अफसरों को पत्र लिखकर पूछा था कि उनके यहां पर किस बैच तक के प्रमोशन हुए हैं, ताकि उसी के सापेक्ष शिक्षकों को रिलीव किया जा सके। इससे साफ है कि प्रमोशन पा चुके शिक्षक के बैच के अध्यापक यदि स्थानांतरित जिले में प्रमोशन नहीं पाए हैं तो उसे डिमोशन यानी पूर्व का पद धारण करके जाना होगा। बिना डिमोशन लिए उस शिक्षक को रिलीव नहीं किया जाना है। इससे बचने के लिए शिक्षक स्थानांतरण छोड़ने के मूड में है।
सीतापुर, सुलतानपुर, जौनपुर आदि जिलों में शिक्षक तबादला छोड़ने की बात मुखर होकर कह रहे हैं। वहीं तमाम ऐसे भी शिक्षक हैं जिनका मनचाहे जिले में स्थानांतरण नहीं हुआ है इसलिए वह वरिष्ठता खोना नहीं चाहते। बताते हैं कि बड़ी संख्या में शिक्षकों को पांच विकल्पों में से पहले के सिवा चार अन्य जिले ही दिए गए हैं। शिक्षकों ने निर्देश होने कारण उसे भर तो दिया था, लेकिन अब उस जिले में जाने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं।
डिमोशन के डर से थमे कदम, स्थानान्तरित जिले में बैच का प्रमोशन न होने से डिमोशन तय, तबादले का मौका छोड़ रहे शिक्षक
Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी
on
6:45 AM
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