पेयरिंग (Pairing) के फलस्वरूप रिक्त हुये विद्यालय भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्रों को शिफ्ट किये जाने के संबंध में शासनादेश जारी
मर्जर के बाद खाली हुए 10827 विद्यालय भवनों में संचालित होंगे आंगनबाड़ी केंद्र, विद्यालयों के विलय के बाद रिक्त भवन बनेंगे बालवाटिका
10827 परिषदीय स्कूलों का हुआ मर्जर, अब वहां शिफ्ट होंगे आंगनबाड़ी केंद्र, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने सभी डीएम को भेजा पत्र
सीडीओ की अध्यक्षता वाली समिति करेगी सर्वे, प्रधान के साथ बैठक कर लेंगे निर्णय
प्रदेश में 10827 विद्यालयों का हो चुका है विलय
प्रदेश में 50 से कम छात्र संख्या वाले 10827 विद्यालयों को पेयरिंग (विलय) किया जा चुका है। इसमें कुछ जिलों के विद्यालयों में बच्चों की संख्या 20 से भी कम थी। 58 विद्यालय ऐसे रहे जिसमें एक भी बच्चे नामांकित नहीं थे। पेयरिंग के बाद खाली हुए इन भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
लखनऊ। प्रदेश में कम नामांकन वाले 10827 परिषदीय विद्यालयों का बेसिक शिक्षा विभाग ने विलय (पेयरिंग) किया है। अब इन विद्यालयों के खाली भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट किया जाएगा। इसके लिए बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग सर्वे कराएगा।
विभाग की प्रमुख सचिव लीना जौहरी ने इस संबंध में सभी डीएम को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा है कि वर्तमान में विद्यालय परिसर में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र को बाल वाटिका घोषित किया गया है। पेयरिंग के बाद खाली विद्यालय भवनों का प्रयोग बाल वाटिका के रूप में किया जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार खाली हुए विद्यालयों के भवनों में आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट करने के लिए जिला स्तर पर सर्वे होगा। इसके लिए सीडीओ की अध्यक्षता वाली कमेटी बनेगी। इसमें बीएसए, जिला कार्यक्रम अधिकारी, बीईओ, संबंधित बाल विकास परियोजना अधिकारी भी शामिल होंगे। इनको 15 दिन में सर्वे पूरा करने का निर्देश दिया गया है।
प्रमुख सचिव ने बताया है कि सर्वे के बाद प्रधान, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व अभिभावकों की बैठक होगी। इसके बाद शिफ्टिंग के योग्य विद्यालय भवनों का चिह्नांकन होगा। उपयुक्त पाए गए विद्यालयों में आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट किया जाएगा। बता दें, कई जिलों में आंगनबाड़ी केंद्र पंचायत भवनों या अन्य बिल्डिंग में चल रहे हैं। इन्हें पास के विद्यालय में शिफ्ट किया जाएगा।
500 मीटर तक के केंद्र होंगे शिफ्ट
प्रमुख सचिव ने कहा है कि ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों को शिफ्ट करने का प्रस्ताव है जो अधिकतम 500 मीटर की दूरी पर हैं। शिफ्टिंग से पहले यह देखा जाएगा कि भवन बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से ठीक है। यदि विद्यालय का भवन ठीक नहीं है या आंगनबाड़ी केंद्र से विद्यालय की दूरी ज्यादा है तो उसे शिफ्ट नहीं किया जाएगा। वहीं, अगर वर्तमान में आंगनबाड़ी केंद्र का बेहतर संचालन हो रहा है और वहां सभी आवश्यक सुविधाएं हैं तो उन्हें शिफ्ट नहीं किया जाएगा।
पेयरिंग (Pairing) के फलस्वरूप रिक्त हुये विद्यालय भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्रों को शिफ्ट किये जाने के संबंध में शासनादेश जारी
पेयरिंग (Pairing) के फलस्वरूप रिक्त हुये विद्यालय भवनों में आंगनवाड़ी केन्द्रों को शिफ्ट किये जाने के संबंध में शासनादेश जारी
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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6:54 AM
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