समायोजित शिक्षामित्रों/शिक्षकों के प्रतिनिधियों से बात करके स्कूल आने और पढ़ाने के लिए प्रेरित करने के साथ पठन-पाठन में रुकावट करने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई के निर्देश
बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे प्राइमरी स्कूलों में समायोजित शिक्षामित्रों/शिक्षकों के प्रतिनिधियों से बात करके स्कूल आने और पढ़ाने के लिए निर्देश दिए जाएं। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर शिक्षामित्रों के संबंध में उचित कार्रवाई की जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने 25 जुलाई को समायोजित शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द कर दिया है। इस फैसले के बाद प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ाई-लिखाई में रुकावट आ रही है और स्कूल नियमित रूप से नहीं खुल पा रहे हैं। वहीं समायोजित शिक्षामित्रों ने स्कूल आना छोड़ दिया है। लगभग हर जिले में प्रदर्शन किया जा रहा है और कहीं-कहीं जबरिया तालाबंदी आदि के प्रकरण भी सामने आ रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि कई जिलों से विरोध प्रदर्शन, तोड़फोड़, कार्यालयों की तालाबंदी, स्कूलों में कार्य बहिष्कार और तालाबंदी की जा रही है। मीडियों के स्नेतों से भी कई तरह की जानकारियां आ रही हैं। यह स्थिति उचित नहीं है। जिलाधिकारियों को भेजे निर्देश में उन्होंने कहा है कि ऐसी घटनाओं की वीडियोग्राफी कराई जाए और इस प्रकरण में निरंतर मॉनिटरिंग की जाए। वहीं स्कूलों में पठन-पाठन में रुकावट करने वाले व्यक्तियों, समायोजित शिक्षामित्रों और शिक्षकों को चिह्नित कर उचित कार्रवाई की जाए।
■ शिक्षामित्रों के मामले में सभी जिलाधिकारियों को शासन का निर्देश क्लिक करके पढ़ें:
⚫ सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का हवाला देते हुए समायोजित शिक्षामित्रों को विद्यालय जाने के एवं उपद्रव, तालाबंदी, कार्य बहिष्कार एवं विरोध प्रदर्शन में संलग्न तत्वों की वीडियोग्राफी कराकर कार्यवाही के निर्देश
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