इस माह समायोजन पूरे होने के आसार नहीं, अब तक एक दर्जन जिलों में ही हो पाया समायोजन, परिषद व शासन के अफसर बीएसए की कार्यशैली से नाराज
इलाहाबाद : परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के समायोजन की मियाद पूरी हो चुकी है, लेकिन अधिकांश जिलों में शिक्षकों के सैलरी डाटा की तरह ही समायोजन प्रक्रिया भी अधर में है। करीब एक दर्जन जिलों में ही कार्य पूरा हो पाने की सूचना है, अधिकांश जिलों में शिक्षकों को इधर से उधर करने की पत्रवली जिलाधिकारी के यहां लंबित है। ऐसे में इस माह समायोजन पूरा हो पाने के आसार नहीं है।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों का उन स्कूलों में समायोजन करने के निर्देश दिए गए हैं, जो बंद या फिर एकल हैं। जिन विद्यालयों में छात्र संख्या से अधिक शिक्षक हैं उन्हीं को उसी विकासखंड में दूसरे कम शिक्षक वाले स्कूलों में भेजा जाना है। स्पष्ट निर्देशों के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी लगातार मनमानी कर रहे हैं। पहले शिक्षकों का सैलरी डाटा ऑनलाइन अपलोड कराने में अफसरों ने देरी की और अब समायोजन में लगातार विलंब हो रहा है, शासन ने समय सीमा भी बढ़ा दी गई थी। इसका कारण यह है कि बीएसए ने निर्देशों के बाद भी समायोजन करने वाले शिक्षकों की न तो समय पर सूची बनवाई और न ही उनका जोन के हिसाब से चिन्हीकरण किया। स्थिति यह है कि अब तक करीब एक दर्जन जिलों में ही प्रक्रिया काउंसिलिंग के आगे बढ़ सकी है, वहीं कई जिलों में समायोजन की पत्रवली जिलाधिकारी के यहां पर लंबित है।
ज्ञात हो कि जिले के अंदर समायोजन व स्थानांतरण के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शासन ने समिति बनाई है। देरी के कारण कार्य पूरा हो पाने में अभी एक से दो सप्ताह और लगने के आसार हैं। कई जिलों में काउंसिलिंग पर ही सवाल उठ रहे हैं शिक्षक आरोप लगा रहे हैं कि नियम विरुद्ध तरीके से उन्हें दूसरे स्कूल भेज रहे हैं। वहीं कई ऐसे भी जिले हैं जहां समायोजन करने वाले शिक्षकों की सूची बना ली गई है, लेकिन उस विकासखंड में कोई जगह ही रिक्त नहीं है ऐसे में समायोजन कैसे होगा। शासन का निर्देश है कि जहां तक संभव हो उसी विकासखंड में समायोजन किया जाए। उम्मीद है कि अगले सप्ताह से इस कार्य में तेजी आएगी। परिषद व शासन के अफसर बेसिक शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली से खासे नाराज हैं।
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