टैब’ के जरिए बच्चों और अध्यापकों की हाजिरी का प्रोजेक्ट, मणिपुर में सफल परीक्षण के बाद दूसरे राज्यों में लागू करने की तैयारी, स्कूलों में लगेगी शिक्षकों की फ़ोटो
नई दिल्ली : प्राइमरी स्कूल के शिक्षक अपनी जगह किसी दूसरे ‘टीचर’ को पढ़ाने नहीं भेज पाएंगे। बच्चों के साथ शिक्षकों के स्कूल आने के वक्त पर भी सरकार की नजर रहेगी। सरकार प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए टैब’ के जरिए बच्चों और अध्यापकों की हाजिरी की तैयारी कर ली है। वहीं स्कूल में शिक्षकों की फोटो भी लगेगी, ताकि बच्चे और उन्हें पहचान पाएं। इससे कोई दूसरा टीचर उनकी जगह नहीं पढ़ा पाएगा।
प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की हाजिरी को लेकर सवाल उठते रहे हैं। कई बार शिक्षकों के देर से स्कूल पहुंचने की भी खबरें आई हैं। ऐसे में सरकार एक ‘टैब’ के जरिए स्कूल के सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों की हाजिरी लगाने का एक प्रोजेक्ट तैयार किया है। इस टैब के जरिए अध्यापक और बच्चों की हाजिरी तभी लगती है, जब वह स्कूल के पचास फीट के दायरे में होते हैं। मणिपुर ने इसे कामयाबी के साथ लागू कर दिया है। सरकार अब दूसरे राज्यों में इस प्रोजेक्ट को लागू कराने की तैयारी में हैं।
‘प्रॉक्सी टीचर’ बड़ी समस्या : दूरदराज के क्षेत्रों में ‘प्रॉक्सी टीचर’ एक बड़ी समस्या है। अध्यापक अपनी जगह किसी दूसरे ‘टीचर’ को बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल भेज देते हैं। यह सब बेहद तालमेल के साथ होता है कि बच्चों के साथ अभिभावकों को भी यह पता नहीं चलता है कि कौन सा अध्यापक बच्चों को पढ़ा रहा है। इसलिए, सरकार सभी स्कूलों में ‘हमारे आदरणीय गुरुजन’ नाम से स्कूल में अध्यापकों के फोटो लगाएगी।
हमारे गुरुजन’ पर तो कोई आपत्ति नहीं कर सकता। टैब से सारे स्कूल की हाजिरी का प्रोजैक्ट तैयार है। मणिपुर ने इसे सफलतापूर्वक लागू किया है। कुछ जगह स्कूलों में बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिए हाजिरी होती है। - प्रकाश जावड़ेकर , केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री
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