तीन साल चली शिक्षक भर्ती, फिर भी सात हजार पद खाली, प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती 2011 में 72825 शिक्षकों की नियुक्ति का मामला, एससीईआरटी ने शासन को भेजा प्रस्ताव, निर्देश का इंतजार
इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रशिक्षु शिक्षक भर्ती 2011 पूरा होने का नाम नहीं ले रही है। तीन साल तक अनवरत प्रक्रिया चलने के बाद भी साढ़े सात हजार से अधिक पद रिक्त हैं। शीर्ष कोर्ट ने बाकी बचे पदों को नियमानुसार भरने को कहा है लेकिन, अवशेष पदों पर भर्ती का मामला शासन में अटका है, क्योंकि एससीईआरटी ने शासन को इस संबंध में प्रस्ताव भी भेज दिया है।
■ एससीईआरटी ने शासन को भेजा प्रस्ताव, निर्देश का इंतजार
■ जल्द नियुक्ति आदेश नहीं होने पर अभ्यर्थी करेंगे बेमियादी अनशन
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में बीएड टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को प्रशिक्षु शिक्षक चयन 2011 में मौका दिया गया है। इसके 72825 पदों को भरने के लिए 2014 से नियुक्ति प्रक्रिया प्रदेश भर में चली। इन पदों को भरने के लिए शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर गुणवत्ता मानक भी तय किया गया था। सामान्य वर्ग 70 फीसद यानी 105 टीईटी अंक व आरक्षित वर्ग को 60 फीसद यानी 90 टीईटी अंक वाले अभ्यर्थियों को मौका दिया गया। इसके तहत करीब 65 हजार पदों को भरा जा चुका है। बीते 25 जुलाई को शीर्ष कोर्ट में हुई सुनवाई में न्यायालय ने कुछ बिंदुओं पर सवाल खड़े जरूर किए लेकिन, अवशेष पदों को भी नियमानुसार भरने का निर्देश दिया है। इससे अचयनित अभ्यर्थियों में उम्मीद जगी है।
अभ्यर्थी लगातार राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ यानी एससीईआरटी के निदेशक से भर्ती शुरू कराने का अनुरोध कर रहे हैं। एससीईआरटी के निदेशक डॉ. सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने 29 अगस्त को अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया कि लंबित भर्ती प्रक्रिया पूरी कराने के लिए उन्होंने शासन को प्रस्ताव भेजा है। अभ्यर्थी कुशल सिंह, वेद निमेष, जगदीश प्रकाश, गयानाथ यादव ने कहा है कि जल्द नियुक्ति आदेश न हुआ तो बेमियादी अनशन करेंगे।
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