शिक्षामित्रों का आंदोलन तेज करने का फैसला, सरकार के दस हजार मानदेय देने के फैसले से सहमत नहीं, शासन ने जिला प्रशासन को दिए सख्ती से निपटने के निर्देश
नियमित करने के स्थान पर वर्ष में 11 महीने तक 10 हजार रुपये मानदेय देने के प्रदेश सरकार के फैसले पर शिक्षामित्रों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। शिक्षामित्रों ने गुरुवार से आंदोलन तेज करने का ऐलान किया है। वहीं शासन सख्त के मूड में दिख रहा है। प्रदेश कैबिनेट के फैसले की जानकारी मिलते ही शिक्षामित्रों ने अपना विरोध दर्ज करा दिया था।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा कि 23 अगस्त व 30 अगस्त को शिक्षामित्र संघ के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता में किए गए वादे पर अमल नहीं हुआ। वार्ता में एक कमेटी बनाने का भी फैसला हुआ था लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले ही प्रदेश सरकार ने 10 हजार रुपये मानदेय देने का फैसला ले लिया। इस फैसले से शिक्षामित्र आहत हैं। विरोध स्वरूप बुधवार को प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर कैबिनेट के फैसले की प्रतियां जलाई गईं और प्रदर्शन किया गया। गुरुवार को जिला मुख्यालयों पर एकत्र होकर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया जाएगा।
प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ शिक्षामित्रों के अन्य संगठन भी अलग-अलग आंदोलन कर रहे हैं। कुछ जिलों में शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय में ताला जड़ दिया। कुछ जिलों में शिक्षामित्रों ने गिरफ्तारी भी दी। यह आंदोलन कल भी जारी रहेगा। उधर शासन ने सभी जिलों को आंदोलन से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है।
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