शिक्षकों के अंतरजनपदीय तबादले में ‘खेल’ की आशंका !, सितम्बर 2018 की नियुक्ति वाले भी तबादले के पात्र
सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के तबादले की मेरिट जांचने के लिए जो सूची जारी की है उसने बेसिक शिक्षा परिषद में चल रहे ‘खेल’ की पोल खोल दी है। इसमें कई ऐसे पुरुष शिक्षक हैं जिन्होंने मानकों के मुताबिक सेवा के 5 वर्ष पूरे नहीं किए हैं। ये डाटा बेसिक शिक्षा अधिकारियों की जांच के बाद ऑनलाइन किया गया है। सूची ऑनलाइन होते ही सवालों के घेरे में आ गई है। 29,835 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने तबादले के लिए आवेदन किया है। लेकिन मेरिट जांचने के लिए जो सूची जारी की गई है उसमें मानकों का उल्लंघन साफ नजर आ रहा है। इसमें कई हजार ऐसे पुरुष शिक्षकों ने आवेदन किया है जिनकी सेवा के 5 वर्ष अभी पूरे नहीं हुए हैं। महिलाओं को इससे छूट मिली है। ये ब्यौरा बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने ऑनलाइन सत्यापित भी किया है। ऐसे में इन शिक्षकों का सूची में बने रहना किसी बड़े ‘गड़बड़झाले’ की तरफ इशारा कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक, विभाग के ज्यादातर अधिकारियों ने सूची को ऑनलाइन करने में आनाकानी की। वे सूची को ऑनलाइन करने के खिलाफ थे। लेकिन शासन की सख्ती के चलते सूची ऑनलाइन की गई। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं सत्यापन में मानकों का ख्याल क्यों नहीं रखा?सूची ऑनलाइन जारी करने का मकसद था कि अभ्यर्थी अपने गुणवत्ता अंक जांच सकें। इस सूची में केवल 444 ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें 45 से 20 के बीच गुणवत्ता अंक मिले हैं। वहीं 6334 ऐसे शिक्षक हैं जिन्हें 19 से 10 के बीच मेरिट अंक मिले हैं। इस बार गुणवत्ता अंकों के आधार पर तबादले की नीति बनी हैं। महिला होने पर 5 अंक, गंभीर बीमारी पर 5 अंक, विकलांगता के 5 अंक और सेवा के लिए प्रतिवर्ष 1 अंक दिए गए हैं। लखनऊ के लिए 6 हजार से ज्यादा आवेदन: 6018 लोगों ने लखनऊ के लिए आवेदन किया है जिनमें 900 महिला शिक्षकों के पतियों की लखनऊ में पो¨स्टग हैं। शासनादेश के मुताबिक पति या ससुराल के जिले में महिला शिक्षकों को तबादले में छूट दी जाएगी। इसमें भी अजब-गजब आवेदन हैं। मसलन शाहजहांपुर की पम्मी रानी की सेवा के 2 वर्ष ही पूरे हुए हैं उनके पति बहराइच में कार्यरत हैं लेकिन उन्हें मेरठ, हापुड़ या मुजफ्फरनगर में तैनाती चाहिए। इस तरह के तमाम उदाहरण हैं जिनकी सेवा के 1 वर्ष ही हुए हैं, पति के शहर को छोड़ अन्य शहरों में तैनाती के लिए आवेदन किया हैं लेकिन उन्हें भी सूची में शामिल किया गया है।
इसमें कई ऐसे आवेदन भी हैं जिनकी नियुक्ति 2018 दिखाई गई है। अगस्त, सितम्बर 2018 तक की नियुक्ति भी दिख रही है। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने कहा है कि ये गलती कैसे हुई, इस संबंध में जानकारी की जा रही है। इसे सुधारा जाएगा। अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होगा।
इसमें कई ऐसे आवेदन भी हैं जिनकी नियुक्ति 2018 दिखाई गई है। अगस्त, सितम्बर 2018 तक की नियुक्ति भी दिख रही है। बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने कहा है कि ये गलती कैसे हुई, इस संबंध में जानकारी की जा रही है। इसे सुधारा जाएगा। अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होगा।
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