लंबे समय से अटकी भर्तियों को अफसर नहीं कराना चाहते पूरा, भर्तियों में खुद रोड़ा अटका रहा बेसिक महकमा
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती 2018 के ऐन मौके पर हाईकोर्ट ने अनायास टिप्पणी नहीं की है, बल्कि इस तरह के हालात बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों ने खुद बनाए हैं। एक ओर जहां टीईटी के प्रश्नों का प्रकरण कोर्ट में लंबित होने के बाद भी उसका परिणाम जारी करा दिया गया, वहीं दूसरी ओर विभाग की लंबे समय से अटकी भर्तियों को अफसर पूरा ही नहीं कराना चाहते। हाईकोर्ट लंबित भर्तियों पर कई बार निर्देश दे चुका है और विभाग उन पर रोक लगवाने को विशेष अपील तक दायर कर चुका है।
योगी सरकार लगातार बड़े पैमाने पर भर्तियां करने का दावा कर रही है। इसके उलट बेसिक शिक्षा विभाग के अफसर पहले से घोषित और अधूरी भर्तियों को पूरा करने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि उच्च प्राथमिक स्कूलों की अनुदेशक भर्ती, उर्दू शिक्षक व सहायक अध्यापकों की भर्तियां शुरू नहीं हो सकी हैं। कई भर्तियों को पूरा कराने के लिए अभ्यर्थी दौड़ लगा रहे हैं। अफसरों ने पहले सभी भर्तियों पर रोक लगा दी थी। उसे हाईकोर्ट ने खत्म करके भर्तियां पूरी करने को कहा है लेकिन, विभाग ने कोर्ट में इस आदेश के खिलाफ विशेष अपील दायर की है। जिस पर अब तक सुनवाई नहीं हुई है। इसी तरह से शीर्ष कोर्ट ने भी 72 हजार शिक्षक भर्ती में नया विज्ञापन जारी कर भरने का निर्देश दिया है। वह भी लंबित है।
शिक्षकों के तबादलों में आनाकानी : बेसिक शिक्षकों के तबादले के लिए 13 जून 2017 को शासनादेश जारी हुआ। इसके बाद जिलों में पहले समायोजन फिर जिले के अंदर और अंतर जिला तबादले की योजना बनी। विभाग अप्रैल की छात्र संख्या के आधार पर फेरबदल कर रहा था।
Reviewed by Ram krishna mishra
on
6:03 AM
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