सह समन्वयकों के माध्यम से विद्यालयों में पढ़ाई का होना था अनुश्रवण, स्कूलों में पढ़ाई व निरीक्षण के लिए विभाग ने तैयार कराया खास मोबाइल एप, 35 जिलों में ‘ईक्षा’ एप का इस्तेमाल नहीं
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में पढ़ाई व निरीक्षण के लिए विभाग ने इस बार खास मोबाइल एप तैयार कराया है लेकिन, शिक्षक व अधिकारी आदेश मानने को ही तैयार नहीं है। इसीलिए प्रदेश के करीब आधे जिलों में निरीक्षण के समय मोबाइल एप का प्रयोग नहीं किया जा रहा है या फिर उसका इस्तेमाल बेहद कम है।
शिक्षा निदेशक बेसिक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने एक अगस्त को ही बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया था कि सह समन्वयकों के माध्यम से विद्यालयों में पढ़ाई का अनुश्रवण कराया जाए।
इस दौरान ‘ईक्षा’ मोबाइल एप के जरिये कक्षाओं का अवलोकन हो। सितंबर की रिपोर्ट का शिक्षा निदेशक ने विश्लेषण किया तो पाया कि मोबाइल एप का प्रयोग कक्षाओं की निगरानी में या तो नहीं किया जा रहा है या फिर उसका प्रयोग महज 25 फीसद ही है और कुछ जिलों में यह आंकड़ा शून्य है।
डा. सिंह ने ऐसे जिलों को चिह्न्ति करके वहां के बीएसए से पूछा है कि उनके जिले में सह समन्वयकों का मोबाइल एप का प्रयोग इतना कम क्यों है? साथ ही निर्देश दिया है कि कक्षावलोकन में इस एप का शत -प्रतिशत प्रयोग किया जाए और सह समन्वयकों के कार्य दायित्व का मासिक मूल्यांकन भी इसके प्रयोग के आधार पर ही किया जाए।
डा. सिंह ने ऐसे जिलों को चिह्न्ति करके वहां के बीएसए से पूछा है कि उनके जिले में सह समन्वयकों का मोबाइल एप का प्रयोग इतना कम क्यों है? साथ ही निर्देश दिया है कि कक्षावलोकन में इस एप का शत -प्रतिशत प्रयोग किया जाए और सह समन्वयकों के कार्य दायित्व का मासिक मूल्यांकन भी इसके प्रयोग के आधार पर ही किया जाए।प्रयोग कम करने वाले जिले आगरा, अलीगढ़, अंबेडकर नगर, देवरिया, अमेठी, बलिया, बाराबंकी, भदोही, बदायूं, बुलंदशहर, फरुखाबाद, फैजाबाद, फतेहपुर, हमीरपुर, गाजियाबाद, हापुड़, जालौन, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, ललितपुर, पीलीभीत, प्रतापगढ़, लखीमपुर खीरी, लखनऊ, मैनपुरी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, रायबरेली, शाहजहांपुर, शामली, उन्नाव, कासगंज और कुशीनगर। यह सच्चाई इसीलिए सामने नहीं आ रही है, क्योंकि निरीक्षण ही मानक के अनुरूप नहीं हो रहा है।
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