17 फीसदी अभ्यर्थियों ने छोड़ी बीएड प्रवेश परीक्षा, बीते साल सिर्फ 7 फीसदी थी अनुपस्थिति

17 फीसदी अभ्यर्थियों ने छोड़ी बीएड प्रवेश परीक्षा, बीते साल सिर्फ 7 फीसदी थी अनुपस्थिति


● 73 जिलों के 1089 केंद्रों पर 3,57,064 ने दिया पेपर


कोविड-19 के कारण बदली हुई परिस्थितियों में रविवार को हुई बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा में 17 फीसदी अभ्यर्थी सम्मिलित नहीं हुए। प्रदेश के 73 जिलों के 1089 केंद्रों पर पंजीकृत 4,31,904 परीक्षार्थियों में से 3,57,064 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। वेब कैमरों की निगरानी में हुई प्रवेश परीक्षा में कोई विशेष गड़बड़ी नहीं पकड़ी गई। मेरठ में फर्जी प्रवेश पत्र के सहारे परीक्षा देने के प्रयास में एक महिला को रोका गया। वहीं, कोरोना संक्रमण की आशंका और तापमान ज्यादा होने पर चार परीक्षार्थियों की परीक्षा अलग कमरे में बिठाकर कराई गई। इनमें तीन परीक्षार्थी प्रयागराज तथा एक बहराइच का था।  


परीक्षा समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने बताया कि सभी अभ्यर्थियों, कक्ष-निरीक्षकों और नोडल अधिकारियों की सुरक्षा के सभी प्रोटोकॉल एवं निर्देशों का पालन कराया गया। परीक्षा-केंद्र पर सीसीटीवी कैमरे और राउटर आदि के सहारे लखनऊ से निगरानी की गई। किसी भी केंद्र पर कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए अभ्यर्थियों को अपना परीक्षा केंद्र बदलने की सुविधा भी दी थी। प्रयास था कि सभी परीक्षार्थियों को उनके जिले में ही केंद्र आवंटित किया जा सके।  


सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ीं धज्जियां, सोशल मीडिया पर फोटो वायरल 
लखनऊ विवि के अंदर परीक्षा केंद्रों पर भले ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया, पर बाहर बुरी स्थिति थी। केंद्र के बाहर गेट पर लोगों का हुजूम लगा था। लखनऊ में राजकीय पॉलीटेक्निक सेंटर के बाहर लगी भीड़ की फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई। गोरखपुर और महाराजगंज की फोटो भी सोशल मीडिया पर घूमती रहीं। इस पर सरकार की खूब आलोचना हुई। 


बीते साल सिर्फ सात फीसदी थी अनुपस्थिति
बीएड प्रवेश परीक्षा का आयोजन पिछले वर्ष रुहेलखंड विवि ने किया था। उस समय परीक्षा में छह लाख नौ हजार अभ्यर्थी पंजीकृत थे। इसमें से 42 हजार ने परीक्षा नहीं दी। इस हिसाब से अनुपस्थित रहने वाले परीक्षार्थियों का आंकड़ा 6.9 फीसदी था। इसको देखते हुए इस साल परीक्षा छोड़ने वाले अभ्यर्थियों की संख्या काफी ज्यादा थी। हालांकि लविवि प्रशासन का दावा था कि प्रवेश परीक्षा में आमतौर पर करीब 20 फीसदी अभ्यर्थी गैरहाजिर रहते हैं।


बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा बेंचमार्क बनेगी : मोनिका 
उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने कहा कि बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा कई मानकों में बेंचमार्क साबित होगी। कोरोना संकट के बीच अभ्यर्थियों की इच्छाशक्ति, विभाग के प्रबंधन से परीक्षा सफलता से संपन्न कराई गई है। पहले प्रदेश के 15 जिलों में ही बीएड परीक्षा कराई जाती थी, हर जिले में 60 से 130 केंद्र बनाए जाते थे। लेकिन इस बार कोरोना संकट के कारण 73 जिलों में परीक्षा कराई गई है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने के लिए हर केंद्र पर पहले की तुलना में 50 प्रतिशत अभ्यर्थियों को ही बैठाया गया। अभ्यर्थियों को मास्क और फेस शील्ड भी दी गई। संक्रमण से बचने को अभ्यर्थियों के अंगूठे के निशान के लिए परंपरागत पैड की जगह इंक स्ट्रिप उपलब्ध कराई गई। नकल रोकने के लिए केवल राजकीय और सहायता प्राप्त स्कूलों को ही केंद्र बनाया गया। इस बार हर केंद्र पर सीसीटीवी कैमरा अनिवार्य किया गया। पहले 60 से 70 प्रतिशत परीक्षा केंद्र निजी स्कूलों को बनाने से कदाचार की आशंका रहती थी।


तीन बार बदली तारीख 
बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा पहले 8 अप्रैल को होनी थी। लॉकडाउन के कारण इसे 22 अप्रैल फिर 29 जुलाई किया गया। 29 को भी परीक्षा कराना संभव नहीं हुआ तो इसे 9 अगस्त किया गया। 


सफल आयोजन पर उप मुख्यमंत्री ने दी बधाई 
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा सफलतापूर्वक संपन्न कराने पर आयोजक लखनऊ विश्वविद्यालय व अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, अधिकारियों, जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं परीक्षा से जुड़े सभी अधिकारियों को बधाई दी है।
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