सम्पूर्णानंद संस्कृत विवि की डिग्रियों का सत्यापन बना टेढ़ी खीर, मांगने के बाद भी BSA नहीं भेज रहे सत्यापन रिपोर्ट
सम्पूर्णानंद संस्कृत विवि की डिग्रियों का सत्यापन बना टेढ़ी खीर, मांगने के बाद भी BSA नहीं भेज रहे सत्यापन रिपोर्ट
समस्या
● 2014 तक परिषदीय विद्यालयों में हुई फर्जी नियुक्तियों का मामला
● निदेशालय के मांगने के बाद भी BSA नहीं भेज रहे सत्यापन रिपोर्ट
पुलिस का विशेष जांच दल (एसआइटी) संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर वर्ष 2004 से 2014 के बीच हुई शिक्षकों की नियुक्ति की जांच कर रहा है। एसआइटी ने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के प्रमाणपत्रों के आधार पर परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक पद पर नियुक्त हुए 4532 लोगों को चिन्हित किया है।
एसआइटी की जांच के आधार पर बेसिक शिक्षा निदेशालय ने संबंधित जिलों के बीएसए से संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय और उससे संबद्ध विद्यालयों से पूर्व मध्यमा, उत्तर मध्यमा, शास्त्री और शिक्षाशास्त्री की योग्यताएं हासिल कर 2004-14 के दौरान परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों के तौर पर नियुक्त शिक्षकों के अभिलेखों के सत्यापन के बारे में 15 जुलाई तक रिपोर्ट तलब की थी। जिलों से रिपोर्ट नहीं भेजे जाने पे बेसिक शिक्षा निदेशक डॉ सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह ने 33 जिलों के बीएसए को निर्देश दिया है कि वे जिले में तैनात संस्कृत विश्वविद्यालय के डिग्रीधारी शिक्षकों की नियुक्ति के समय कराये गए सत्यापन की प्रमाणित सत्यापन रिपोर्ट 10 अगस्त तक भेजें। नियुक्ति के समय सत्यापन कराये जाने के बारे में जारी शासनादेश की प्रमाणित प्रतिलिपि भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गए हैं।
इन जिलों के बीएसए से रिपोर्ट तलब मेरठ, बुलंदशहर, गौतम बुद्ध नगर, सहारनपुर, आगरा, मथुरा, फीरोजाबाद, जौनपुर, चंदौली, सोनभद्र, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, हरदोई उन्नाव, बाराबंकी, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, हाथरस, अलीगढ़, शाहजहांपुर, पीलीभीत, प्रयागराज, प्रतापगढ़, देवरिया, बस्ती, सिद्धार्थनगर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, आजमगढ़, झांसी, चित्रकूट और महोबा।
सम्पूर्णानंद संस्कृत विवि की डिग्रियों का सत्यापन बना टेढ़ी खीर, मांगने के बाद भी BSA नहीं भेज रहे सत्यापन रिपोर्ट
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:31 AM
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