मा0 उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 68500 शिक्षक भर्ती में याची जनरल कैंडिडेट्स को मेरिट के अनुसार मनचाहा जनपद देने हेतु आदेश जारी
मा0 उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 68500 शिक्षक भर्ती में याची जनरल कैंडिडेट्स को मेरिट के अनुसार मनचाहा जनपद देने हेतु आदेश जारी।
68,500 भर्ती अंतर्गत चयनित शिक्षकों को मिल सकेगी मनचाही जगह तैनाती, दूसरे चरण में चयनित 6 हजार से अधिक शिक्षकों को मिलेगा फायदा
68500 शिक्षक भर्ती : अब मनचाहे जिलों में समायोजित होंगे याची शिक्षक
एक माह में मनपसंद जिले में होगी तैनाती, 68500 भर्ती में चयनित दो हजार शिक्षकों को होगा लाभ
कोर्ट का आदेश
● 68500 भर्ती में चयनित दो हजार शिक्षकों को होगा लाभ
● अभ्यर्थियों ने गलत जिला आवंटन का लगाया था आरोप
परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के तहत चयनित मेरिटोरियस रिजर्व कैटेगरी (एमआरसी) के अभ्यर्थियों को तीन साल की कानूनी लड़ाई के बाद एक महीने के अंदर मनपसंद जिले में तैनाती मिलेगी। इससे दो हजार से अधिक शिक्षकों को लाभ मिलेगा। अमित शेखर भारद्वाज व अन्य की ओर से दायर विशेष अपील में हाईकोर्ट ने 14 सितंबर को चार महीने में एमआरसी अभ्यर्थियों को उनके पसंद के जिले में और अनारक्षित अभ्यर्थियों को उनके तीन विकल्प के आधार पर तैनाती के आदेश दिए थे।
इसके बाद इन अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा परिषद और शासन को प्रत्यावेदन दिए। इसी क्रम में प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने 10 दिसंबर के शासनादेश में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद तैनाती करने को कहा ताकि अवमानना की स्थिति न हो।
अभ्यर्थियों का कहना है कि तय समय सीमा 14 जनवरी 2022 तक तैनाती नहीं होती तो सचिव बेसिक शिक्षा परिषद पर अवमानना याचिका दाखिल करने के लिए बाध्य होंगे। 68500 शिक्षक भर्ती के चयनितों को पांच सितंबर 2018 को नियुक्ति पत्र दिया गया था। पहली लिस्ट में चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को दूर-दराज के जिलों में तैनाती दे दी गई थी जबकि दूसरी सूची में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को उनके गृह जनपद या पसंदीदा जिले में पदस्थापित कर दिया था।
क्यों दोबारा जिला आवंटन पर अड़े
प्रयागराज। 68500 भर्ती से सरकार ने नियम लागू कर दिया था कि इन शिक्षकों का दोबारा अंतर जनपदीय तबादला नहीं होगा। काफी संख्या में शिक्षकों को उनके घर से सैकड़ों किमी दूर दूसरे जिलों में नौकरी मिली है। भविष्य में अपने जिले में वापसी की उम्मीद भी नहीं। इसलिए एमआरसी अभ्यर्थी दोबारा जिला आवंटन की मांग कर रहे हैं ताकि अपने गृह जनपद या आसपास के जिले में पहुंच जाएं।
लखनऊ। प्राथमिक विद्यालयों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में जिला आवंटन से संबंधित विवाद का पटाक्षेप हो गया है। शासन ने हाईकोर्ट के आदेश पर अपीलार्थियों को उनके मनचाहे तीन जिलों में से एक में समायोजित करने का फैसला किया है।
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने शनिवार को देर शाम इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट में योजित स्पेशल अपील अमित शेखर भारद्वाज एवं अन्य (संबद्ध अन्य 36 विशेष अपील) पर पारित आदेश का अनुपालन किया जाए।शासनादेश में कहा गया है कि किसी भी दशा में विलंब के कारण अवमाननावाद की स्थिति पैदा न हो।
लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद में 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती के दूसरे चरण में चयनित करीब छह हजार से अधिक अभ्यर्थियों को मनचाहे जिले में तैनाती दी जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने विभाग के निदेशक और परिषद के सचिव को अभ्यर्थियों से पुनः तैनाती विकल्प लेकर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
परिषद में 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में पहले चरण में करीब 42 हजार अभ्यर्थी चयनित हुए थे। इसके बाद उत्तर पुस्तिकाओं की जांच पर सवाल उठे थे।
हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच कराई तो करीब छह हजार अभ्यर्थियों का और चयन हुआ था। दूसरे चरण में चयनित अभ्यर्थियों को अपनी पसंद के जिलों में तैनाती के लिए के अवसर न मिलने पर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। यहां से अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला आने पर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया है कि एससी अभ्यर्थियों को उनकी पसंद के जिले में तैनाती का अवसर दिया जाए। साथ ही ओबीसी और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों से तीन विकल्प लेकर उन्हें किसी एक जिले में तैनाती दी जाए।
मा0 उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 68500 शिक्षक भर्ती में याची जनरल कैंडिडेट्स को मेरिट के अनुसार मनचाहा जनपद देने हेतु आदेश जारी
Reviewed by sankalp gupta
on
12:56 PM
Rating:
No comments:
Post a Comment