स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों के परिवहन हेतु वसूल की जाने वाली फीस को निर्धारित किये जाने के संबंध में आदेश जारी
स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों के परिवहन हेतु वसूल की जाने वाली फीस को निर्धारित किये जाने के संबंध में आदेश जारी।
School Bus Fares: यूपी सरकार ने तय की स्कूल बसों की फीस, अब नहीं ले सकेंगे मनमाना शुल्क
School Bus Fares: उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने बच्चों की स्कूल बस का किराया (School Bus Fares) फिक्स कर दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद अब स्कूल प्रशासन बसों के लिए मनमानी फीस नहीं वसूल सकेगी. क्योंकि अब स्कूल और घर के डिस्टेंस के हिसाब से नया किराया तय किया गया है. इसी के साथ सरकार ने हर साल किराया तय करने का फॉर्मूला दिया है. बता दें, परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव ने इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिए हैं. इस आदेश के तहत क्लास-1 से क्लास-12 तक के लिए स्कूलों के नाम पर रजिस्टर्ड बसें अब एक फिक्स रेट पर ही फीस ले सकेंगी.
42 सीटर बसों का किराया हुआ तय
जानकारी के मुताबिक, स्कूल बस का किराया मेनटेनेंस खर्च के हिसाब से तय किया जाएगा. साल 2020-21 को आधार बनाते हुए स्कूल बस का मेनटेनेंस चार्ज 1648 रुपये तय किया गया है. प्रदेश के 13 मंडलों में ज्यादातर स्कूल बसें 42 सीटर हैं. इसमें 5 सीटें और जोड़ते हुए 47 सीटों की कैपेसिटी मानकर यह मेनटेनेंस चार्ज तय किया गया है.
इस रेट के हिसाब से ली जाएगी फीस
बताया जा रहा है कि अगर बच्चे का घर स्कूल से 5 किलोमीटर की दूरी तक है, तो उससे मेनटेनेंस कॉस्ट का 50 प्रतिशत और 50 से 10 किलोमीटर वालों के लिए इसका 100 फीसदी शुल्क लिया जा सकता है. वहीं, अगर 10 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी है तो 25 फीसदी ज्यादा तक फीस ली जा सकती है. बता दें, जिला विद्यालय वाहन सुरक्षा समिति हर साल जुलाई महीने में किराया तय करेगी. इस साल प्रदेश स्तर पर अनुरक्षण व्यय 1648 रुपये रखा गया है.
इस फॉर्मूले से तय किया जाएगी फीस
बताया जा रहा है कि फीस का फार्मूला तय करते समय मौजूदा मेनटेनेंस कॉस्ट, स्टाफ की सैलेरी, आदि पर खर्च में हुई बढ़ोतरी और गाड़ी पर खर्चे में हुई बढ़ोतरी को आधार बनाया गया है.
स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों के परिवहन हेतु वसूल की जाने वाली फीस को निर्धारित किये जाने के संबंध में आदेश जारी
Reviewed by sankalp gupta
on
7:32 AM
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