शिक्षकों की जबरिया बीमा पॉलिसी करने वाले BEO निलंबित
शिक्षकों की जबरिया बीमा पॉलिसी करने वाले BEO निलंबित
जबरन बीमा पॉलिसी बेचने पर निलंबित होने वाले BEO पर पहले भी लगे थे आरोप, मगर जांच में मुकर गये थे शिक्षक
शिक्षकों को बीमा पॉलिसी बेचने वाला बीईओ निलंबित
पत्नी के नाम पर है बीमा कंपनी की एजेंसी
1992 शिक्षक-शिक्षिकाओं को डरा-धमकाकर कराया बीमा
लखनऊ- गोण्डा के तत्कालीन खण्ड शिक्षा अधिकारी आरपी सिंह को निलम्बत कर दिया गया है। उन्होंने शिक्षक-शिक्षिकाओं को डरा-धमका कर 1992 बीमा पॉलिसियां की और कमीशन के रूप में लाखों रुपये कमाए। वर्तमान में वह बाराबंकी में तैनात हैं। शुक्रवार को आदेश जारी कर दिया गया।
एडी बेसिक, अयोध्या मंडल की जांच में सामने आया कि आरपी सिंह पर लगे आरोप सही हैं। आरपी सिंह अपनी पत्नी के नाम से बीमा कम्पनी चलाकर शिक्षकों की जबरिया पॉलिसी करते थे। 2000 से 2020 तक उन्होंने कुल 1992 बीमा पॉलिसी की।
मार्च में आरपी सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए अयोध्या और देवीपाटन मंडल के एडी बेसिक को जांच सौंपी गई थी। जांच में पाया गया कि कानूनी रूप से सुरक्षित रहने के लिए उन्होंने पत्नी को तलाक दे रखा था लेकिन हकीकत में पत्नी को साथ रखकर बीमा एजेंसी संचालित कर रहे थे। विभिन्न जिलों में तैनाती के दौरान वह शिक्षक-शिक्षिकाओं को डर दिखाकर पॉलिसी करते थे जिससे उन्हें लाखों रुपये कमीशन के रूप में हर महीने मिलते थे।
वह स्वयं बीमा एजेंट बनकर विकास खंड में तैनात परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों व शिक्षिकाओं पर बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए दबाव बनाते थे। जिन शिक्षकों और शिक्षिकाओं ने उनसे बीमा पॉलिसी खरीदी उन्हें कई तरह की छूट दी गई और जिन्होंने पॉलिसी नहीं खरीदी उनका शोषण किया। इतना ही नहीं, आरपी सिंह पर पर बीआरसी भवन करनैलगंज के रखरखराव में भी वित्तीय अनियमितता और शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेजों का सत्यापन कराए बिना वेतन भुगतान कराने का भी आरोप है, इन्हें भी सही पाया गया।
पहले भी लगे आरोप, मगर जांच में मुकर गये थे शिक्षक
बीईओ राम प्रताप सिंह पर पूर्व में बहराइच में तैनाती के दौरान ब्लक की शिक्षिकाओं ने भी जबरन बीमा पॉलिसी कराने के आरोप लगाए थे, जिसकी जांच देवीपाटन मंडल के सहायक शिक्षा निदेशक ने की थी। मगर जांच में शिक्षिकाओं ने पूरे साक्ष्य नहीं दिए थे।
यही नहीं, गोंडा के करनैलगंज ब्लॉक के शिक्षकों ने जांच के समय बीमा के लिए दबाव बनाने के आरोपों से इनकार कर दिया था। ऐसे में जांच पूरी हो नहीं हो सकी थी। अब शासन ने नए सिरे से जांच के आदेश दिए।
इस पर मार्च माह में अयोध्या देवीपाटन मंडल के अधिकारियों को जांच सौंपी गई थी। विभाग की मानें तो राम प्रताप सिंह साल 2017 से पहले महराइच के जरवल ब्लॉक में तैनात थे। उससे पहले बाराबंकी जिले में तैनात थे। इससे गोंडा के साथ ही इन दोनों जिलों में कराई गई भीमा पॉलिसियों को भी जांच में शामिल किया गया।
बीएसए के प्रभार के साथ ही तीन ब्लॉकों के रहे बीईओ
बीईओ राम प्रताप सिंह गोंडा में तैनाती से पहले लखनऊ, बाराबंकी और बहराइच में तैनात रह चुके हैं। जिले में तैनाती के समय वह बीएसए का प्रभार भी देख चुके हैं। गोंडा में सबसे पहले उनकी तैनाती परसपुर ब्लॉक में हुई थी। इसके बाद उन्हें करनैलगंज ब्लॉक का प्रभार मिला। जहां वह लंबे समय तक तैनात रहे। यहां शिक्षक संगठन की ओर से शिकायत की गई, लेकिन उस समय अधिकतर शिक्षक बीईओ के पक्ष में ही रहे। बाद में वह कटरा बाजार ब्लॉक के बीईओ रहे। विधानसभा चुनाव के दौरान बीएसए का प्रभार देख रहे थे। उसी समय बाराबंकी तबादला हो गया था और चुनाव बाद कार्यमुक्त हुए थे।
शिक्षकों की जबरिया बीमा पॉलिसी करने वाले BEO निलंबित
Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2
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7:21 AM
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