"निपुण भारत मिशन" के प्रभावी क्रियान्वयन एवं त्रैमासिक लक्ष्य निर्धारण हेतु दिशा निर्देश जारी
"निपुण भारत मिशन" के प्रभावी क्रियान्वयन एवं त्रैमासिक लक्ष्य निर्धारण हेतु दिशा निर्देश जारी।
बदलाव : कक्षा एक से आठवीं तक तिमाही परीक्षाएं, लक्ष्य हुए तय
परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब तिमाही और छमाही परीक्षाएं
अब परिषदीय स्कूलों में बच्चों में को देनी होंगी चार परीक्षाएं
निपुण भारत अभियान के अंतर्गत प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अब वर्ष में चार परीक्षाएं होंगी। प्रत्येक तीन माह में होने वाली परीक्षा से वर्ष 2026 तक बच्चों को निपुण बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में अब तिमाही और छमाही परीक्षाएं होंगी। विभाग विद्यालयों में जुलाई के अंत में तिमाही परीक्षा कराने की तैयारी कर रहा है। सरकारी पाठशालाओं में तिमाही परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। इन परीक्षाओं से छात्रों में प्रतिस्पर्धा कि भावना पैदा होगी। बार-बार मूल्यांकन होने से सीखने की क्षमता भी बढ़ेगी।
पहले विद्यालयों में तिमाही और छमाही परीक्षाएं होती थीं। विभाग के साथ छात्र-छात्राएं भी परीक्षाओं की तैयारी में जुटा करते थे। इनके नंबर जोड़ वार्षिक परीक्षाफल बनता था। महानिदेशक वीके आनंद परीक्षा कराने के संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। पहली परीक्षा जुलाई के अंत में होने की संभावना है, जबकि छमाही परीक्षा अक्टूबर में तथा तीसरी परीक्षा जनवरी और अंत में वार्षिक परीक्षा को समावेशित करते हुए चौथी परीक्षा मार्च में कराई जाएगी।
इन सभी परीक्षाओं के परिणाम एक सप्ताह के भीतर में घोषित कर दिए जाएंगे। यह सब कुछ निपुण भारत मिशन के तहत तय किए गए लक्ष्यों को लेकर किया जाएगा।
संख्या व मूलभूत ज्ञान पर ज्यादा बल
निपुण भारत मिशन में संख्या ज्ञान तथा मूलभूत साक्षरता पर विशेष जोर दिया जा रहा है। हिंदी भाषा में सरल शब्दों से बने वाक्यों से लेकर अनुच्छेद पढ़कर प्रश्नों को हल करने तक बच्चों को सिखाया जाएगा। इसी प्रकार गणित में साधारण जोड़ घटाव से लेकर गुणा के प्रश्न तक बच्चों को सिखाने की तैयारी है।
लखनऊ। सरकारी प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में पहली बार तिमाही परीक्षाएं कराई जाएंगी। पहली परीक्षा जुलाई के अंत में करवाने की तैयारी है। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने लक्ष्य तय कर दिए हैं।
मार्च में होने वाली आखिरी परीक्षा में वार्षिक परीक्षा को समाहित किया जाएगा। कक्षा एक से आठ तक की कक्षाओं में यह परीक्षा होगी। जुलाई, अक्तूबर, जनवरी व मार्च में परीक्षाएं करवाने की योजना है और इसका रिजल्ट कार्ड एक हफ्ते के अंदर ही बांटा जाएगा।
"निपुण भारत मिशन" के प्रभावी क्रियान्वयन एवं त्रैमासिक लक्ष्य निर्धारण हेतु दिशा निर्देश जारी
Reviewed by sankalp gupta
on
7:27 AM
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