बेसिक शिक्षा परिषद के अन्तर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों चिन्हित संदिग्ध/फर्जी शिक्षकों के संबंध में।

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त अध्यापको के विषय में कार्यवाही किये जाने विषयक



शैक्षिक दस्तावेज उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में।




बेसिक शिक्षा परिषद के अन्तर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों चिन्हित संदिग्ध/फर्जी शिक्षकों के संबंध में।


बेसिक शिक्षा : फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्यवाही नहीं, STF नाखुश

फर्जी बेसिक शिक्षकों पर 30 जून तक केस दर्ज कराने के निर्देश, इन जिलों में होनी कार्रवाई

सिलसिला नहीं रहा थम, STF की जांच में परिषदीय स्कूलों में पढ़ा रहे 228 फर्जी शिक्षक

फर्जी शिक्षकों के मामले में STF ने बीएसए की भूमिका पर उठाए सवाल, प्रभावी पैरवी के लिए लिखा पत्र


लखनऊ Fake Teachers Case in UP: फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के जरिये उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में शिक्षक की नौकरी पाने वालों को विभिन्न जिलों में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) बचाने में लगे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव से यह आशंका पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के अपर पुलिस महानिदेशक अमिताभ यश ने जतायी है।


उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की भर्तियों की जांच में एसटीएफ ने पाया है कि फर्जी और कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर 36 से अधिक जिलों में 228 अभ्यर्थी नौकरी पाने में सफल हुए हैं। एसटीएफ ने बीएसए को ऐसे फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा तो वे आनाकानी कर रहे हैं।


एडीजी एसटीएफ का कहना है कि 35 जिलों में नौकरी कर रहे 176 फर्जी शिक्षकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने और कार्रवाई करने के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। ऐसे में उन्होंने आशंका जतायी है कि बीएसए, फर्जी शिक्षकों को अतिरिक्त समय दे रहे हैं जिससे साक्ष्यों को मिटाये जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।


एडीजी ने फर्जी व कूटरचित अभिलेखों से नियुक्त शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ लापरवाही बरतने वाले बीएसए के खिलाफ भी कार्रवाई करने पर विचार करने के लिए कहा है। इस पर बेसिक शिक्षा निदेशक डा.सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने संबंधित बीएसए को फर्जी शिक्षकों के खिलाफ तत्काल एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।


बीएसए मथुरा ने नहीं भेजे 55 शिक्षकों के दस्तावेज : मथुरा में कूटरचित शैक्षिक दस्तावेजों के आधार पर बड़ी संख्या में शिक्षकों के नियुक्त होने की शिकायत एसटीएफ मुख्यालय को मिली थी। इस पर एसटीएफ ने मथुरा के बीएसए से अत्यंत गोपनीय तरीके से जांच के लिए 176 शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए 22 दिसंबर 2021 को पत्र लिखा था। बीएसए मथुरा ने अब तक 55 शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख एसटीएफ को उपलब्ध नहीं कराये हैं।


लीक किया गया एसटीएफ का गोपनीय पत्र : गौर करने की बात यह है कि एसटीएफ की ओर से भेजा गया गोपनीय पत्र बीएसए मथुरा कार्यालय से चार शिक्षकों को उपलब्ध कराया गया। इसके विरुद्ध शिक्षकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्थगनादेश हासिल कर लिया। एसटीएफ की जानकारी में यह भी आया है कि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश की कमियों के कारण आरोपित शिक्षक हाईकोर्ट से स्थगनादेश प्राप्त कर बेफिक्र होकर नौकरी कर रहे हैं। वहीं संबंधित बीएसए स्थगनादेश को निरस्त कराने के लिए प्रभावी पैरवी नहीं कर रहे हैं।


लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से संचालित स्कूलों में फर्जी और कूटरचित अभिलेखों के जरिये शिक्षक नियुक्त होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। एसटीएफ ने जांच में पाया है कि परिषदीय विद्यालयों में 228 फर्जी शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे हैं। यह वे अभ्यर्थी हैं जो फर्जी और कूटरचित अभिलेखों के बल पर शिक्षक की नौकरी पाने में सफल हुए हैं।

परिषदीय स्कूलों में हुईं शिक्षकों की नियुक्तियों में फर्जी अभिलेखों का सहारा लेकर नौकरी पाने का सिलसिला पुराना रहा है। ताजा मामला इन 228 शिक्षकों का है। परिषदीय विद्यालयों में हुईं शिक्षकों की नियुक्तियों को लेकर एसटीएफ को शिकायतें मिली थीं।

यह शिक्षक प्रदेश के तीन दर्जन से ज्यादा जिलों में तैनात हैं। इनमें देवरिया, बस्ती, गोरखपुर, कुशीनगर, महाराजगंज, संत कबीर नगर, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, भदोही, सोनभद्र, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, बाराबंकी, सुलतानपुर, अमेठी, प्रयागराज, कौशांबी, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, आगरा, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर और मथुरा आदि जिले शामिल हैं।

एसटीएफ द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों में फर्जी प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी करने वाले 228 शिक्षकों की पहचान के बाद भी अभी तक 176 के विरुद्ध एफआईआर नहीं दर्ज हुई है। एसटीएफ ने इस बाबत सूचना न मिलने के साथ आशंका जताई है कि आरोपियों को बचाव का मौका दिया जा रहा है। इसी क्रम में बेसिक शिक्षा निदेशक ने विभिन्न 35 जिलों को ऐसे शिक्षकों के खिलाफ 30 जून तक एफआईआर दर्ज करवाकर निदेशालय को सूचना देने के निर्देश दिए हैं।

निदेशक डॉ. सवेंद्र विक्रम सिंह ने पत्र जारी कर कहा है कि, एफटीएफ ने आशंका जताई है कि संबंधित अधिकारियों द्वारा ऐसे शिक्षकों को अतिरिक्त समय प्रदान किया जा रहा है। ऐसे में साक्ष्यों को खत्म किए जाने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। यह भी आशंका जताई है कि बेसिक शिक्षा विभाग के आदेश की कमियों के कारण आरोपित शिक्षक उच्च न्यायालय से स्थगन आदेश प्राप्त कर बेफिक्र नौकरी कर रहे हैं। संबंधित बेसिक शिक्षा अधिकारी स्थगन आदेश को निरस्त कराने के लिए प्रभावी पैरवी नहीं कर रहे हैं। इसी क्रम में निदेशक ने 30 जून तक एफआईआर कराने के साथ ही मामलों में न्यायालय के वादों में प्रभावी पैरवी के निर्देश दिए हैं।


इन जिलों में होनी है कार्रवाई

गोरखपुर, देवरिया कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर, बलरामपुर, गोंडा, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, जौनपुर, गाजीपुर, भदोही, सोनभद्र, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी, प्रयागराज, कौशाम्बी, प्रतापगढ़, कानपुरनगर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, आगरा, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, मथुरा।


बेसिक शिक्षा विभाग के अधीन संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत फर्जी शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज न किए जाने पर एसटीएफ ने नाराजगी जाहिर की है। आशंका जताई है कि इसका लाभ उठाकर फर्जी शिक्षक सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। यह भी कहा है कि ऐसे फर्जी शिक्षक कोर्ट से स्थगनादेश पर कार्यरत हैं, लेकिन बीएसए के स्तर से कोर्ट में अपना पक्ष नहीं रखा जा रहा है। यह स्थिति चिंताजनक है।


गौरतलब रहे कि प्रदेश स्तर पर एसटीएफ ने 176 फर्जी शिक्षक चिन्हित किए हैं। एसटीएफ ने इन सभी के वेतन रोकने सहित रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश बीएसए को दिए थे।  बीएसए ने वेतन रोकने की कार्रवाई तो कुछ शिक्षकों के खिलाफ की है, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है।


इस स्थिति पर एसटीएफ ने नाराजगी जाहिर की है कि संबंधित फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न करना फर्जी शिक्षकों को सपोर्ट देना है। इससे यह भी आशंका जाहिर की है कि संबंधी शिक्षक रिकॉर्ड के साथ हेराफेरी भी कर सकते हैं। एसटीएफ ने फर्जी शिक्षकों में चयनित कई ने कोर्ट से बीएसए की कार्रवाई पर स्थगन आदेश भी प्राप्त कर लिया है।


इस पर भी एसटीएफ ने बीएसए की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। कहा है कि ऐसे शिक्षकों के स्थगन आदेश को निष्प्रभावी कराने के लिए उपयुक्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। 

बेसिक शिक्षा परिषद के अन्तर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों चिन्हित संदिग्ध/फर्जी शिक्षकों के संबंध में। Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:16 AM Rating: 5

No comments:

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.