डीएलएड में प्रवेश के लिए आवेदन नवंबर के अंतिम सप्ताह से, स्नातक अर्हता का आदेश हाईकोर्ट से बहाल होने के बाद PNP ने भेजा प्रस्ताव

डीएलएड में प्रवेश के लिए आवेदन नवंबर के अंतिम सप्ताह से, स्नातक अर्हता का आदेश हाईकोर्ट से बहाल होने के बाद PNP ने भेजा प्रस्ताव


प्रयागराजप्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) में प्रवेश स्नातक योग्यता के आधार पर लिए जाने का मार्ग हाई कोर्ट ने पुनः प्रशस्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) स्नातक योग्यता पर डीएलएड में प्रवेश के लिए आवेदन लेता रहा है, लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले दिनों इंटरमीडिएट स्तर की योग्यता के आधार पर डीएलएड में प्रवेश लिए जाने का आदेश दिया। इसके विरोध सरकार की ओर से पीएनपी द्वारा की गई अपील पर हाई कोर्ट ने स्नातक अर्हता पर प्रवेश लेन का शासनादेश बहाल कर दिया। इसके बाद पीएनपी सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी की ओर से डीएलएड संस्थानों में प्रवेश के लिए नवंबर के अंतिम सप्ताह से आवेदन प्रक्रिया शुरू करने प्रस्ताव भेजा है।


कानूनी अड़चन के कारण नवंबर के प्रथम सप्ताह तक शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए डीएलएड में प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। इस कारण सत्र विलंबित होना निश्चित है। शैक्षिक अर्हता को लेकर हाई कोर्ट से निर्णय आ जाने के बाद पीएनपी अब जल्द आवेदन /प्रवेश प्रक्रिया आरंभ करना चाहता है, ताकि कक्षाएं संचालित करने की प्रक्रिया में अब और अधिक विलंब न होने पाए। प्रदेश के 66 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), एक सीटीई कालेज वाराणसी तथा तीन हजार निजी डीएलएड संस्थानों की कुल करीब 2,31,000 सीटों पर प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की जानी है। 


प्रवेश के लिए आवेदन लिए जाने की अनुमति मिलने के बाद पीएनपी की ओर से समय सारिणी जारी कर आनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। इसके बाद राज्य स्तर पर मेरिट जारी कर अभ्यर्थियों को संस्थान का विकल्प चुनने का अवसर दिया जाएगा। मेरिट क्रम में संस्थान आवंटित कर काउंसिलिंग के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी।



2,33,350 सीटों पर प्रवेश का रास्ता साफ, डीएलएड में प्रवेश की अर्हता स्नातक रहेगी, शासनादेश पर एकल पीठ का आदेश निरस्त

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वीकार की राज्य सरकार की विशेष अपील

अर्हता का मामला हाईकोर्ट में लंबित होने से प्रवेश प्रक्रिया चार माह से अधिक पिछड़ी

डीएलएड में प्रवेश के लिए हर साल ऑनलाइन आवेदन मई या जून में शुरू हो जाते हैं

50% अर्हता सरकार ने निर्धारित की थी, 09 सितंबर 2024 को सरकार ने तय किया था अर्हता का मानक


एनईपी, सहायक अध्यापक नियुक्ति की निर्धारित अर्हता की अनदेखी नहीं की जा सकती। न्यूनतम अर्हता तय करने के सरकार के अधिकार पर विवाद नहीं है, जिसने ट्रेनिंग कोर्स में प्रवेश के लिए न्यूनतम अर्हता स्नातक निर्धारित की है। - इलाहाबाद हाईकोर्ट


प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डीएलएड में प्रवेश के लिए न्यूनतम अर्हता स्नातक रखने के नौ सितंबर 2024 के शासनादेश को सही ठहराते हुए शासनादेश के खंड 4(1) को निरस्त करने के एकल पीठ के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि सरकार को ट्रेनिंग कोर्स में प्रवेश या सहायक अध्यापक की नियुक्ति की न्यूनतम अर्हता तय करने का अधिकार है, जो एनसीटीईटी निर्धारित अर्हता से कम नहीं हो सकती, अधिक भले रखी जा सकती है। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने दिया है।


कोर्ट ने कहा कि एनसीटीई ने स्वयं ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आधार पर शिक्षा मानक निर्धारित करने के लिए न्यूनतम अर्हता निर्धारित की है। डीएलएड में प्रवेश की न्यूनतम अर्हता स्नातक रखना मनमाना व भेदभाव पूर्ण नहीं है। दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश की वैधता को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की विशेष अपील स्वीकार कर ली और डीएलएड में प्रवेश की अहर्ता इंटरमीडिएट रखने की मांग में दाखिल यशाक खंडेलवाल व नौ अन्य की याचिका खारिज कर दी। अपील पर राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता एमसी चतुर्वेदी और अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुधांशु श्रीवास्तव ने बहस की। 


विशेष अपील में एकल पीठ के 24 सितंबर 2024 को चुनौती दी गई थी। इस आदेश से एकल पीठ ने सरकार के नौ सितंबर 2024 के शासनादेश के खंड 4(1) को रद्द कर दिया था, जिसमें डीएलएड में प्रवेश की अर्हता स्नातक रखी गई थी और इंटरमीडिएट उत्तीर्ण याचियों को प्रवेश प्रक्रिया में शामिल करने का निर्देश दिया था। एकल पीठ ने कहा था कि डीएलएड कोर्स में प्रवेश की अर्हता स्नातक रखना एनसीटीई के मानक के विपरीत है।


2,33,350 सीटों पर प्रवेश का रास्ता साफ

प्रयागराज। डीएलएड में प्रवेश की अर्हता स्नातक रखने संबंधी शासनादेश बहाल करने के हाईकोर्ट के फैसले के साथ ही 2025-26 सत्र के लिए डीएलएड में दाखिले का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की 10600 व 2974 निजी कॉलेजों की 2,22,750 कुल 2,33,350 सीटों पर प्रवेश के लिए परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय के अफसर अब एनआईसी से वार्ता कर प्रवेश का प्रस्ताव सरकार को भेजेंगे। सरकार की अनुमति के बाद प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी।


सरकार की दलील, उसे अर्हता तय करने का हक

सरकार का कहना था कि उसे न्यूनतम अर्हता तय करने का हक है, जिसके तहत स्नातक में 50% अंक अर्हता निर्धारित की गई है। यह बेसिक शिक्षा नियमावली के अनुरूप है। एनसीटीई के मानक का उल्लंघन नहीं है। शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सरकार को अर्हता बढ़ाने का अधिकार है। कोर्ट ने कहा कि एनसीटीईटी निर्धारित अर्हता अकेले नहीं पढ़ी जाएगी। अध्यापकों की नियुक्ति अर्हता के साथ देखी जाएगी। गुणवत्ता देखी जाएगी। कई ट्रेनिंग कोर्स को न्यूनतम अर्हता स्नातक है। एक पीठ ने विस्तृत विमर्श किए बगैर आदेश दिया है, जो बने रहने लायक नहीं है।

डीएलएड में प्रवेश के लिए आवेदन नवंबर के अंतिम सप्ताह से, स्नातक अर्हता का आदेश हाईकोर्ट से बहाल होने के बाद PNP ने भेजा प्रस्ताव Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 6:35 AM Rating: 5

2 comments:

Anonymous said...

Primary teacher bnne k liye basic sikhsha or knowledge jrurat h jisse hm d.el.ed krke hm primary teacher bn skte h

Shreya said...

Primary teacher k liye basic knowledge jruri h or de.le.d krke hm primary teacher bn kr skte h

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