उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति में फंसा पेंच : अनुवादक के रूप में नियुक्त करने का रास्ता तलाशा


उर्दू डिग्रीधारकों की प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति में फंसा पेंच न निकलने की संभावना के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने नया रास्ता अख्तियार किया है। इसमें उर्दू अनुवादकों के रिक्त पदों पर उर्दू डिग्रीधारकों की नियुक्ति की जाएगी। शासन के निर्देशों के क्रम में जिला स्तर पर सभी विभागाध्यक्षों से उर्दू अनुवादकों के रिक्त पदों का डाटा मांगा गया है।

उर्दू डिग्रीधारकों को सीधे बेसिक स्कूलों में शिक्षक पदों पर नियुक्ति के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों को अभी तक सफलता नहीं मिल सकी है। एनसीटीई का पेंच इन सब पर भारी पड़ा है। टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) लागू होने के बाद से उर्दू डिग्रीधारक दोराहे पर खड़े हैं। सूत्रों का कहना है कि कारण चाहे जो भी रहा हो, लेकिन इतना तय है कि प्रक्रिया का 'कांटा' निकालना अब बूते से बाहर हो चुका है। इस सबके बावजूद सपा सरकार उर्दू डिग्रीधारकों के लिए नए सवेरे की सौगात लेकर आ रही है।

सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश सरकार उर्दू डिग्रीधारकों को अनुवादक के रूप में नियुक्त करने का रास्ता तलाशा है। इसके लिए शासन के निर्देशों के बाद जिला प्रशासन द्वारा विभागाध्यक्षों से उर्दू अनुवादकों के रिक्त पदों का डाटा मांगा गया है।
उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति में फंसा पेंच : अनुवादक के रूप में नियुक्त करने का रास्ता तलाशा Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 11:40 PM Rating: 5

4 comments:

Anonymous said...

Muslim vote jo chahiye Akhilesh Yadav ko.

Unknown said...

Ji ha

Anonymous said...

kitni ajeeb bat hai ke ham shikshak bhi har cheej ko hindu-muslim ki tarazu par tolte hein

Unknown said...

himmat mat haro lage raho kamyabi jroor milegi teacher ya anuvadak kuch to ho .
hamesha soch achhi hone se kam bhi achhe hote hai

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