सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अवस्थापना ( कम्प्यूटर - प्रोजेक्टर / स्मार्ट टीवी इत्यादि ) उपलब्ध कराए जाने के संबंध में शासनादेश जारी smartclasses in basic shiksha parishad schools

सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अवस्थापना ( कम्प्यूटर - प्रोजेक्टर / स्मार्ट टीवी इत्यादि ) उपलब्ध कराए जाने के संबंध में शासनादेश जारी
 

हर परिषदीय स्कूल में एक स्मार्ट क्लास, समुदाय का सहयोग लेने के निर्देश

परिषदीय स्कूलों में बनेंगे स्मार्ट क्लास रूम, प्रत्येक स्कूल पर 30 से 50 हजार रुपये आएगी लागत


 लखनऊ  : प्रदेश के सभी परिषदीय स्कूलों की कक्षाओं को स्मार्ट बनाया जाएगा। इसके लिए स्कूलों में प्रोजेक्टर, टीवी व अन्य उपकरण लगाए जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसमें समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत जन सहभागिता के जरिए स्मार्ट क्लास रूम बनाने के लिए डिजिटल उपकरणों के तकनीकी विवरण का जिक्र किया गया है। 


स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि अगले कुछ महीने में चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को स्मार्ट बना दिया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक स्कूल पर महज 30 से 50 हजार रुपये की लागत आएगी। सरकार ने तकनीकी व प्रशासनिक व्यवस्था कर दी है।
उन्होंने बताया कि सभी बीएसए को जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारियों के मार्गदर्शन में सामुदायिक सहभागिता से स्कूलों को स्मार्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास रूम होने से शिक्षकों को भी पढ़ाने के लिए डिजिटल मंच मिलेगा। साथ ही, ई-लर्निंग से विद्यार्थियों की अध्ययन में रुचि बढ़ेंगी और स्कूलों में वातावरण भी अच्छा बनेगा।


स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना के लिए शासन ने इन स्कूलों में ग्राम पंचायत की निधियों और सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से डिजिटल अवस्थापना सुविधाएं उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। इसके तहत परिषदीय स्कूलों में कम्प्यूटर, प्रोजेक्टर व स्मार्ट टीवी सहित अन्य का इंतजाम किया जाएगा।

लखनऊ। प्रदेश के सभी परिषदीय स्कूलों को कक्षाओं को स्मार्ट बनाया जाएगा। इसके लिए स्कूलों में प्रोजेक्टर, टीबी व अन्य उपकरण लगाए जाएंगे। बेसिक शिक्षा विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया गया है। इसमें समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत जन सहभागिता के जरिए स्मार्ट क्लास रूम बनाने के लिए डिजिटल उपकरणों के तकनीकों विवरण का जिक्र किया गया है। 


स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बताया कि अगले कुछ महीने में चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को स्मार्ट बना दिया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक स्कूल पर महज 30 से 50 हजार रुपये की लागत आएगी। सरकार ने तकनीकी व प्रशासनिक व्यवस्था कर दी है। उन्होंने बताया कि सभी बीएसए को जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारियों के मार्गदर्शन में सामुदायिक सहभागिता से स्कूलों को स्मार्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास रूम होने से शिक्षकों को भी पढ़ाने के लिए डिजिटल मंच मिलेगा। साथ ही, ई-लनिंग से विद्यार्थियों की अध्ययन में रुचि बढ़ेंगी और स्कूलों में वातावरण भी अच्छा बनेगा।


 सरकारी प्राइमरी स्कूलों में सामुदायिक सहभागिता से स्मार्ट क्लास चलाई जा सकेगी। इसको चरणबद्ध ढंग से करते हुए हर स्कूल को स्मार्ट स्कूल बनाने की योजना है। पहले चरण में हर स्कूल में एक स्मार्टक्लास चलाने का लक्ष्य दिया गया है।


 इस संदर्भ में बेसिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने आदेश जारी कर दिया है। उन्होंने कहा है कि किसी व्यक्ति, निजी संस्था, एनजीओ या सीएसआर मद के तहत स्मार्ट क्लास चलाई जा सकेगी। इसके लिए स्मार्ट टीवी या प्रोजेक्ट के लिए दो अलग-अलग मानक तय किए गए हैं। इसमें एक विकल्प के रूप में कम्प्यूटर-प्रोजेक्टर यूनिट व स्क्रीन प्रोजेक्टर यूनिट है। दूसरे में स्मार्ट टीवी का विकल्प है। 27 हजार से लेकर 47 हजार रुपये तक का खर्च इस पर आएगा। प्रति स्कूल 200 रुपये इंटरनेट का खर्चा दिया जाएगा। 


वहीं जिस कमरे में इसके संसाधन रखे जाएंगे, उसमें लोहे का दरवाजा लगवाया जाएगा। इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधान के साथ अन्य गांव वालों की सौंपी जाएगी। चोरी होने की दशा में प्रधानाध्यापक व ग्राम प्रधान संयुक्त रूप से एफआईआर कराएंगे। जहां बिजली नहीं है वहां सोलर पैनल या बैट्री की व्यवस्था की जाएगी। शासनादेश में डिजिटल उपकरणों के टेक्निकल स्पेसीफिकेशन के ब्यौरे जारी किए गए हैं।

सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अवस्थापना ( कम्प्यूटर - प्रोजेक्टर / स्मार्ट टीवी इत्यादि ) उपलब्ध कराए जाने के संबंध में शासनादेश जारी smartclasses in basic shiksha parishad schools Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 4:58 PM Rating: 5

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