परिषदीय उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में समर कैंप आयोजित किए जाने के संबंध में
चुने हुए परिषदीय स्कूलों में किया जाएगा समर कैंप का आयोजन, जानिए किस तरह होगा संचालन?
बेसिक शिक्षा विभाग ने 20 मई से 15 जून तक होने वाले समर कैंप की तैयारी तेज की
लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग ने 20 मई से 15 जून तक होने वाले समर कैंप की तैयारी तेज कर दी गई। इन कैंपों में बच्चों के लिए योग, खेलकूद, जीवन कौशल, व्यक्तित्व विकास और फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी (एफएलएन) से जुड़ी गतिविधियां होंगी।
उनको गुड़-चना, रामदाना और बाजरे के लड्डू जैसे पौष्टिक आहार भी दिया जाएगा। प्रतिदिन सुबह 1:30 घंटे कैंप लगेंगे। इनमें मनोरंजन, फिटनेस और बुनियादी शिक्षा का संयोजन होगा। संचालन प्रशिक्षित शिक्षकों, शिक्षामित्रों और स्वयंसेवकों की देखरेख में किया जाएगा। स्वयंसेवी संस्थाएं और स्नातक छात्र भी इस अभियान में भाग लेंगे।
अनुदेशक व शिक्षामित्र कराएंगे समर कैंप, मिलेगा 6000₹ मानदेय
कक्षा छह से आठ तक के बच्चों के लिए ही आयोजित किया जाएगा कैंप
प्रति विद्यालय कैंप के आयोजन के लिए 2000₹ का बजट भी स्वीकृत
लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में समर कैंप के आयोजन से नियमित शिक्षकों को राहत दी गई है। समर कैंप का आयोजन अनुदेशकों व शिक्षामित्रों के सहयोग से किया जाएगा। इसके लिए उन्हें 6000 रुपये मानदेय भी दिया जाएगा। समर कैंप का आयोजन 21 मई से 15 जून के बीच कक्षा छह से आठ के बच्चों के लिए आयोजित किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से समर कैंप आयोजन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि 21 मई से 15 जून तक समर कैंप आयोजित कराने के निर्देश जारी परिषदीय उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों (कक्षा छह से आठ) में समर कैंप का आयोजन किया जाएगा।
एनईपी के तहत होने वाले इस आयोजन में बच्चों का समग्र विकास किया जाएगा। कैंप में विभिन्न रोचक गतिविधियों से बच्चों का बहुमुखी विकास किया जाएगा। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने कहा है कि समर कैंप आयोजन सुबह 7.30 से 10.30 बजे तक किया जाएगा। समर कैंप विद्यालय के शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व स्वप्रेरित शिक्षकों द्वारा किया जाएगा। साथ ही स्नातक छात्र-छात्राओं, एनसीसी प्रमाण पत्र धारक युवाओं व स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जा सकता है। कैंप के लिए दो अनुदेशक व शिक्षामित्र लगाए जाएं।
सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों की समझ विकसित करें उन्होंने कहा है कि समर कैंप में बच्चों में सामाजिक व सांस्कृतिक मूल्यों की समझ विकसित की जाए। खेलकूद, कला, विज्ञान और सांस्कृतिक गतिविधियों से बच्चों का समग्र विकास किया जाए। छात्र-छात्राओं में आत्मविश्वास व जीवन कौशल का विकास किया जाए।
महानिदेशक ने कहा है कि संगीत, नृत्य, कला व शिल्प गतिविधियों का आयोजन करें। राष्ट्रीय एकता व जल, ऊर्जा संरक्षण के प्रति बच्चों को जागरूक किया जाए। प्रति विद्यालय कैंप के आयोजन के लिए दो-दो हजार का बजट भी स्वीकृत किया गया है।
उत्तर प्रदेश में समर कैम्प के माध्यम से बच्चों का समग्र विकास करेंगे अनुदेशक व शिक्षामित्र, बदले में मिलेगा इतना मानदेय
लखनऊ, 18 अप्रैल 2025: उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के समग्र विकास के लिए प्री-ग्रीष्मकालीन शिविर (समर कैम्प) आयोजित करने का निर्णय लिया है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार, प्रदेश के सभी परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों (कक्षा 6-8) में 21 मई से 15 जून 2025 तक समर कैम्प का आयोजन होगा। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है, जिसका उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता, आत्मविश्वास और सामाजिक कौशल का विकास करना है।
समर कैम्प का आयोजन और समय-सारणी
समर कैम्प प्रतिदिन प्रातः 7:30 से 10:30 बजे तक आयोजित किए जाएंगे, जिसमें 03 घंटे की अवधि होगी। इस दौरान योग, खेल, सांस्कृतिक गतिविधियां, डिजिटल कौशल, पर्यावरण संरक्षण और विज्ञान आधारित प्रयोग जैसे रोचक कार्यक्रम शामिल होंगे। कैम्प में बच्चों के लिए पूरक पोषण (जैसे गुड़ सिवई, बधाई का लड्डू आदि) की व्यवस्था भी की जाएगी, जिसके लिए मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
उद्देश्य और गतिविधियां
समर कैम्प का मुख्य उद्देश्य बच्चों को गर्मियों के अवकाश में सकारात्मक और रचनात्मक वातावरण प्रदान करना है। इसके लिए तीन सप्ताह की सुझावात्मक गतिविधियों की योजना बनाई गई है, जिसमें सप्ताह-1 में योग, सांस्कृतिक प्रदर्शन और डिजिटल कौशल, सप्ताह-2 में पर्यावरण संरक्षण, विज्ञान प्रयोग और हस्तशिल्प, तथा सप्ताह-3 में राष्ट्रीय एकता, जल संरक्षण और नाटक शामिल हैं। प्रत्येक गतिविधि बच्चों की आयु और रुचि के अनुसार डिजाइन की जाएगी, ताकि सभी को समान अवसर मिले।
वित्तीय प्रावधान और सहयोग
समर कैम्प के संचालन के लिए अनुदेशकों और शिक्षकों को ₹6000 का मानदेय दिया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों को स्टेशनरी आदि के लिए ₹2000 की धनराशि समग्र शिक्षा के तहत उपलब्ध कराई जाएगी। स्थानीय स्वयंसेवी संगठनों और समुदाय के विशेषज्ञों का सहयोग भी लिया जा सकता है। अभिभावकों को बच्चों के साथ घर पर गतिविधियों पर चर्चा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि भावनात्मक बंधन मजबूत हो सके।
सावधानियां और अनुपालन
गर्मी और लू से बच्चों की सुरक्षा के लिए छाया और पानी की व्यवस्था अनिवार्य होगी। कैम्प की प्रगति फोटो के माध्यम से दस्तावेजीकरण होगी, और शिक्षकों/अनुदेशकों की उपस्थिति का प्रमाणीकरण 20 जून 2025 तक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सौंपना होगा।
परिषदीय उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में समर कैंप आयोजित किए जाने के संबंध में
Reviewed by sankalp gupta
on
5:23 AM
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