शिक्षा मित्रों ने आनन-फानन में बुलाई बैठक
लखनऊ।
बुलंदशहर में गुरुवार को चुनावी सभा के दौरान सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव
से मिली खुली धमकी से शिक्षा मित्र डर गए हैं। मुलायम ने सभा में कहा कि
शिक्षा मित्र सपा को वोट करें वर्ना नियमित नहीं होंगे। इसके बाद आनन-फानन
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक
बुलाई गई। तय किया गया कि सपा सरकार ने उनके समायोजन का निर्णय किया है
इसलिए वे उसके साथ हैं। संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने कहा, सपा
सरकार ने शिक्षा मित्रों की समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दिया है। इसलिए
हम सरकार के साथ हैं।
खबर साभार : अमर उजाला
शिक्षा मित्रों ने आनन-फानन में बुलाई बैठक
Reviewed by Brijesh Shrivastava
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6:15 AM
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5 comments:
शिक्षा मित्रों को वेतन केन्द्र सरकार से आता है तथा केंद्र के कहने से ही नियमित किया जा रहा है / मित्रो ! डरने की जरूरत नहीं है ,निर्भीक हो कर अच्छे व्यक्तित्व को वोट कीजिए/
मअगर शिक्षा मित्रों ने मुलायम को वोट न दी तो मुलायम के पास ऐसा कौन सा तरीका है जिससे ये पता चल जाए कि शिक्षा मित्रों ने उन्हें वोट नहीं दी।क्या शिक्षामित्रों के लिए अलग से पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।
मुलायम ने जिस प्रकार शिक्षा मित्रों को धमकी दी है इससे मुलायम की भविष्य में होने वाली हार से होने वाली कुंठा का पता चलता है।इससे ये भी पता चलता है कि मुलायम ने अपनी हार पहले ही मान ली है।क्या सिर्फ शिक्षा मित्रों की वोट से जीत मिल सकती है?
मुलायम सिंह को पता है कि शिक्षा मित्रों को परमानेंट करने में बहुत ही अडचने हैं।इलेक्शन के बाद हार तो मिलनी ही है।परमानेंट कर नहीं सकते।इसलिए हारने के बाद ये कहा देगा कि हमें शिक्षा मित्रों ने वोट नहीं दी इसलिए इनको नियमित नहीं किया जाएगा।
मुझे लगता है कि मुलायम को अबकी बार जनता वोट देती है तो इसने अब तो शिक्षामित्रों को ही ऐसी बात कही है।आगे ये ये भी कहेगा कि अगर हमें वोट नहीं दी तो फलां भरती नहीं करेंगे।ये तो एक प्रकार की ब्लैकमेलिंग हुई।अगर चुनाव आयोग ऐसी बातों पर भी कारवाही नहीं करता तो कोर्ट को ऐसी बातों को खुद अपने संज्ञान में लेकर चुनाव आयोग पर कारवाही करनी चाहिए।
वैसे इनके द्वारा दिए जा रहे बेरोजगारी भत्ता देने से ये बात तो सिद्ध हो ही जाती है कि रोजगार नहीं मिलेगा।हमें वोट ना दी तो सड़के नहीं बनने देंगे।बिजली पानी नही देंगे।रोजगार तो बहुत दूर की बात है।
इन सब बातों से पता चलता है कि मुलायम सिर्फ और सिर्फ वोट बैंक की राजनीति करते हैं।विकास से इन्हें कोई लेना देना नहीं है।बेचारे शिक्षामित्रों के इस प्रकार मनोबल तोड़ने की बात को कौन जायज ठहरा सकता है।वैसे भी कम मानदेय देकर व ज्यादा काम लेकर इनका मानसिक शोषण तो किया ही जा रहा है।ऊपर से इनका मनोबल भी तोड़ा जा रहा है।मुझे लगता है इस प्रकार से किसी के स्वाभिमान को ठेस नहीं पहुंचानी चाहिए।मुलायम को पता है कि अगर केंद्र में NDA की सरकार बनती है तो वो UP में राष्ट्रपति शासन लगा देगी।उत्तर परदेश में जो अब तक 100 से ज्यादा दंगे हुए हैं बीजेपी उन सभी की CBI जांच कराकर सपा सरकार को बर्खास्त करके इस सरकार के आरोपी नेताओं को जेल में ठूस देगी।
galat baten na kare bhai. govt sikcha mitroo ke sath hai. NDA GOVT. pehelay rah chukihai usne sikcha mitro ka bare me khuch nahi kiya . na hi ab khuch kah rahe hai.
Ye bharma rahe hi sm ko agar sthai krna tha to pale sthai krte fir training krate bhai sp ki govt har kam vote ke lilye krti hi
koi dara kar hamse vote nahi le sakta ab to pata hi chal gaya hai ki sapa ke log vote kaise prapta karte hain haarne ka kitna dar sata raha hai
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